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15वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन (15th India-Japan Summit) | UPSC Preparation

15th India-Japan Summit

15th India-Japan Summit

संदर्भ:

भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और फुमियो इशिबा ने टोक्यो में 15वें भारतजापान शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और रक्षा सहयोग को और गहरा करना तथा उनकी “विशेष रणनीतिक वैश्विक साझेदारी” को सुदृढ़ करना रहा।

शिखर सम्मेलन के प्रमुख परिणाम:

  1. दीर्घकालिक दृष्टि: भारत और जापान ने 10 साल का रोडमैप तैयार किया, जो 8 स्तंभों पर आधारित है – अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, गतिशीलता (Mobility), प्रौद्योगिकी, रक्षा, पर्यावरण, बहुपक्षीय सहयोग और संस्कृति।
  2. सुरक्षा और रक्षा संबंध:
  • सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा (Joint Declaration) को अपनाया गया।
  • अधिक रक्षा अभ्यास: धर्म गार्जियन (थल सेना), शिन्यू मैत्री (वायु सेना), जिमेक्स (नौसेना)।
  • अधिग्रहण और क्रॉस-सर्विसिंग समझौता (ACSA) के तहत लॉजिस्टिक सहयोग मजबूत हुआ।
  • सप्लाई चेन, तकनीक और खनिज सुरक्षा में नए उपक्रम।
  1. गतिशीलता और मानव संसाधन:
  • 5 साल की योजना के तहत 5 लाख लोगों के दो-तरफा आवागमन को सक्षम बनाया जाएगा।
  • “नेक्स्ट-जेन मोबिलिटी पार्टनरशिप” के तहत 50,000 भारतीय श्रमिक जापान में कार्य करेंगे।
  1. तकनीक और डिजिटल सहयोग:
  • इंडिया–जापान डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 की शुरुआत, जिसमें AI, सेमीकंडक्टर्स, क्वांटम टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा शामिल।
  • इंडिया–जापान AI इनिशिएटिव से संयुक्त शोध और नवाचार को बढ़ावा।
  1. सतत विकास और हरित प्रगति:
  • लो-कार्बन टेक्नोलॉजी पर Joint Crediting Mechanism (JCM) के तहत सहयोग।
  • स्वच्छ हाइड्रोजन और अमोनिया ईंधन को बढ़ावा।
  • अपशिष्ट जल प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा में साझेदारी।
  1. अंतरिक्ष और महत्वपूर्ण खनिज: इसरो और JAXA का संयुक्तलूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन, महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों पर सहयोग समझौता।
  2. संस्कृति और जनसेजन संबंध (Culture & People-to-People Links)
  • शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में और कार्यक्रम।
  • शहर–प्रान्त स्तर पर साझेदारी से उप-राष्ट्रीय संबंधों को मजबूती।

भारतजापान संबंधों का महत्व:

  1. रणनीतिक साझेदारी:दोनों देश Indo-Pacific क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए सहयोग करते हैं।
  2. आर्थिक सहयोग:जापान भारत के बड़े निवेशकों में से एक है, विशेषकर इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में।
  3. रक्षा सहयोग:समुद्री सुरक्षा और संयुक्त सैन्य अभ्यास में सहयोग।
  4. सांस्कृतिक संबंध:बौद्ध धर्म और ऐतिहासिक संबंधों के कारण गहरी सांस्कृतिक निकटता।
  5. क्वाड (QUAD) में भूमिका:भारत और जापान अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर Indo-Pacific में मुक्त, खुला और सुरक्षित क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं।
  6. वैश्विक मंच पर सहयोग:जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा परिषद सुधार जैसे मुद्दों पर मिलकर काम।

भारतजापान संबंध:

  • सांस्कृतिक संबंध:छठी शताब्दी से बौद्ध धर्म ने दोनों देशों को सांस्कृतिक और सभ्यतागत बंधन में जोड़ा।
  • युद्ध के बाद संबंध:1952 की शांति संधि से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद राजनयिक संबंध पुनः स्थापित हुए।
  • वार्षिक शिखर सम्मेलन:2000 से भारत और जापान ने वार्षिक शिखर बैठकें शुरू कीं, जो भारत की सबसे पुरानी समिट व्यवस्थाओं में से एक है।
  • 2000: ग्लोबल पार्टनरशिप:साझा हितों को मान्यता देते हुए संबंधों को वैश्विक साझेदारी तक बढ़ाया गया।
  • 2006: स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप:सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को गहराई देने के लिए संबंध और मजबूत किए गए।
  • 2014: स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप:संबंधों को और ऊँचाई पर ले जाया गया, असाधारण विश्वास और साझा इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया।

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