चर्चा में क्यों ?
चीन ने पूर्वी लद्दाख में Line of Actual Control (LAC) के पास 400 मीटर लंबे पुल (Pangong Tso) का निर्माण पूरा कर लिया है। हाल ही में सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि पुल अब बनकर तैयार हो चुका है और हल्के मोटर वाहनों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है।
1958 से चीन के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित, यह पुल रणनीतिक रूप से लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास स्थित है। यह पैंगोंग झील (Pangong Lake) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों (northern and southern banks) के बीच चीनी सैनिकों की तेज़ आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है।
Source Image URL: https://www.ndtv.com/india-news/satellite-pics-vehicles-cross-chinas-now-complete-pangong-lake-bridge-6220568
बताया जाता है की इस पुल का निर्माण (construction) अक्तूबर 2021 के आसपास शुरू हुआ था। जो अब जाकर पूरा हो चुका है ।
मुख्य बिंदु Key Points
- सैटेलाइट इमेज (Satellite images) से यह भी पता चलता है कि नए पुल को पैंगोंग (Pangong) के उत्तरी तट पर मौजूदा सड़क नेटवर्क से जोड़ने वाली सड़क तक पहुंचाता है, जो प्राचीन तिब्बती संरचना (ancient Tibetan structure) खुरनाक किले (Khurnak Fort) तक जाती है।
- झील के दक्षिणी तट पर, एक नवनिर्मित सड़क पुल को रुतोग (Rutog) से जोड़ती है, जहाँ चीन के प्रमुख सीमांत रक्षा अड्डे (frontier defence bases) हैं।
- ये कनेक्शन इस विवादित क्षेत्र (disputed region) में चीन की रणनीतिक स्थिति को और बढ़ाते हैं।
- विदेश मंत्रालय इस क्षेत्र को चीन द्वारा अवैध रूप से कब्जाया हुआ मानता है।
2021 में बनना शुरू हुआ था पुल (The bridge started being built in 2021):
यह पुल अक्तूबर 2021 (October 2021) के आसपास बनना (built) शुरू हुआ था। यह पुल 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील (Pangong Lake) के सबसे संकरे बिंदु पर स्थित खुर्नक किले (Khurnak Fort) के पास बनाया जा रहा है। चीन ने जून 1958 में खुर्नक किले (Khurnak Fort) के आसपास के इलाके पर कब्जा कर लिया था।
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ये निर्माण चीन की कैसे मदद करेंगे?
- ये पुल झील के सबसे संकरे स्थानों में से एक पर स्थित हैं, जो एलएसी (LAC) के पास है।
- ये निर्माण झील के दोनों किनारों को जोड़ेंगे, जिससे चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों को ले जाने का समय काफी कम हो जाएगा।
- इस पुल के कारण G219 राजमार्ग (चीनी राष्ट्रीय राजमार्ग) से सैनिकों की तैनाती की दूरी कम हो जाएगी।
- पु पुल से झील के किनारों के बीच यात्रा की दूरी लगभग 50-100 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे चीनी सैन्य ठिकानों (Chinese military bases) के बीच यात्रा के समय 12 घंटे से घटाकर लगभग चार घंटे लगेगा।
- दक्षिण किनारे पर स्थित रेजांग ला (Rejang La) के नजदीक स्पांगुर त्सो (Spangur Tso) तक पहुंच आसान हो जाएगी। वहीं, पैंगोंग के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 (Finger-4) तक चीन तेजी से पहुंच सकेगा। भारत के दावे के मुताबिक यह पुल वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से 40 किमी की दूरी पर है। यह पुल सिरिजाप (Sirijap) से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है, जो फिंगर 8 क्षेत्र (Finger 8) के पूर्व में स्थित है।
चीन पैंगोंग त्सो के आस-पास के इलाकों पर अतिक्रमण क्यों करना चाहता है (Why does China want to encroach on areas around Pangong Tso)?
- पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चुसुल घाटी (Chusul Valley) के बहुत करीब है, जो 1962 के युद्ध के दौरान भारत और चीन के बीच युद्ध के मोर्चों में से एक था।
- चीन, चुसुल घाटी (Chusul Valley) पर नज़र रखने का रणनीतिक लाभ उठाकर भारत को इस क्षेत्र में सीमित रखने की कोशिश करता है, जो वह पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) के साथ आगे बढ़ने पर कर सकता है।
- परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर (Transportation and Infrastructure): इस इलाके में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने से चीन को अपनी सेना और संसाधनों को जल्दी और आसानी से स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी।
भारत की क्या है, तैयारी (What is India’s preparation)?
भारत भी चीन का मुकाबला करने के लिए अपना सैन्य ढांचा (military infrastructure) मजबूत कर रहा है। भारत अपनी तरफ फिंगर 4 की ओर एक सड़क बना रहा है, जिसे उच्च प्राथमिकता वाली परियोजना (high priority project) में रखा गया है। फिंगर 4 तक जाने वाली सड़क भारतीय सेना को सासेर ला (Saser La) के माध्यम से दारबुक-स्क्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड (Darbuk-Skyok-Daulat Beg Oldi road) के विकल्प के रूप में जोड़ेगी।
इसके साथ साथ भारत ने लद्दाख और lac के आसपास 120 से ज्यादा परियोजनाओ को पूरा किया है, जिसमे पुल, रोड और अन्य प्रकार की परियोजन शामिल थी।
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भारत की प्रतिक्रिया क्या रही है (What has been India’s response)?
- भारत चीन की सभी गतिविधियों पर बारीकी से नज़र (closely monitoring) रख रहा है।
- भारत ने कभी भी इस तरह के अवैध कब्जे (illegal occupation) और अनुचित चीनी दावे (unjustified Chinese claim) या भारत के क्षेत्र में इस तरह की निर्माण गतिविधियों को स्वीकार नहीं किया है।
- भारत उत्तरी सीमा पर बुनियादी ढांचे का उन्नयन और विकास भी कर रहा है।
- वर्ष 2021 में सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा 100 से अधिक परियोजनाएँ पूरी की गईं, जिनमें से अधिकांश चीन सीमा के करीब थीं।
- भारत LAC पर निगरानी भी बढ़ा रहा है।
पैंगोंग त्सो (Pangong Tso)
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