चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही वर्ष 2024 को पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (National Science Award) देने की घोषणा की है। जिसकी प्रथम सूची जारी कर दी गई है। विज्ञान के क्षेत्र में घोषित यह National Science Award 2024 देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पुरस्कार भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान है। इस वर्ष के पुरस्कारों की घोषणा ने न केवल वैज्ञानिक समुदाय बल्कि आम जनता में भी उत्साह का माहौल बना दिया है।
इसमें मुख्य चर्चा दो प्राप्तकर्ताओ पर हो रही हैं। इसमें प्रसिद्ध जैव रसायनज्ञ गोविंदराजन पद्मनाभन को विज्ञान रत्न पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता के रूप में चुना गया है। इसी के साथ इसरो की चंद्रयान-3 टीम को विज्ञान टीम पुरस्कार से सम्मानित किया जाना इस पुरस्कार को विशेष महत्व देता है।
गोविंदराजन पद्मनाभन: वे भारत के जाने-माने जैव रसायनज्ञ और जैव प्रौद्योगिकीविद् हैं।
चंद्रयान-3 मिशन: यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का एक महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन था। इसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना और रोवर की सहायता से चंद्रमा की सतह का अध्ययन करना है। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। |
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (National Science Award) क्या हैं?
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2024 भारत सरकार द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वैज्ञानिकों, तकनीशियनों और नवप्रवर्तकों को सम्मानित करने के लिए शुरू किया गया एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारत में विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।
- भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनेक संस्थान विभिन्न प्रकार के पुरस्कार प्रदान करते थे, जिससे पुरस्कारों की संख्या बहुत अधिक हो गई थी। इस जटिलता को कम करने और विज्ञान के क्षेत्र में एक सर्वोच्च सम्मान स्थापित करने के उद्देश्य से, भारत सरकार ने वर्ष 2023 में National Science Award की स्थापना की।
- इस पुरस्कार के साथ कोई नकद पुरस्कार प्रदान नहीं किया जाता है। इसके बजाय, पुरस्कार विजेता को एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
- पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं का चयन एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों का एक पैनल शामिल होता है।
- यह पुरस्कार विज्ञान के 13 विभिन्न क्षेत्रों में किए गए उत्कृष्ट कार्य को सम्मानित करता है। इन क्षेत्रों में जैविक विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान, भौतिकी, रसायन विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग विज्ञान, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और अन्य शामिल हैं।
- यह पुरस्कार देश में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पुरस्कार लोगों में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है। यह पुरस्कार भारत को एक वैज्ञानिक रूप से उन्नत राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- पुरस्कार के लिए केवल भारतीय नागरिक ही पात्र होते हैं। पुरस्कार विज्ञान के उपरोक्त क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।
- हर वर्ष 14 जनवरी से 28 फरवरी तक, National Science Award के लिए नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं। इच्छुक व्यक्ति या संस्थान ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से नामांकन कर सकते हैं।
- इन राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा और सूची का प्रसारण 11 मई 2024 को किया गया, जिसे हम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाते हैं।
National Science Award की श्रेणियां:
- विज्ञान रत्न पुरस्कार: यह पहली श्रेणी हैं। इस पुरस्कार को देने का मुख्य उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जीवन भर की उपलब्धियों और योगदान को सम्मानित करना हैं। इस पुरस्कार के लिए वे वैज्ञानिक पात्र होते हैं जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो और जिनके कार्य ने समाज पर गहरा प्रभाव डाला हो। इसमें चयन के लिए उम्मीदवार के शोध कार्य की गुणवत्ता, प्रकाशित पत्रों की संख्या, पेटेंट, पुरस्कार और सम्मान, साथ ही साथ उनके द्वारा प्रशिक्षित छात्रों की संख्या आदि को ध्यान में रखा जाता है।
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- विज्ञान श्री पुरस्कार: यह दूसरी श्रेणी का पुरस्कार हैं। इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित करना है। इस पुरस्कार के लिए वे 25 वैज्ञानिक पात्र होते हैं जिन्होंने विज्ञान के किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो। चयन मानदंड में उम्मीदवार के शोध कार्य की नवीनता, महत्व और व्यावहारिक अनुप्रयोग को ध्यान में रखा जाता है।
- विज्ञान युवा पुरस्कार: तीसरी श्रेणी के इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रोत्साहित करना है। इस पुरस्कार के लिए 45 वर्ष से कम आयु के 25 वैज्ञानिक पात्र होते हैं जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। इसमें चयन मानदंड में उम्मीदवार के शोध कार्य की गुणवत्ता, नवीनता और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखा जाता है।
- विज्ञान टीम पुरस्कार: अंतिम श्रेणी के पुरस्कार का उद्देश्य सहयोगी शोध कार्य करने वाली टीमों को सम्मानित करना है। इस पुरस्कार के लिए वे वैज्ञानिक टीमें पात्र होती हैं जिन्होंने मिलकर किसी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक समस्या का समाधान किया हो। चयन के लिए टीम के सदस्यों के व्यक्तिगत योगदान, टीम के समग्र योगदान और शोध कार्य के प्रभाव को ध्यान में रखा जाता है।
2024 के राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (National Science Award) वितरण की जानकारी:
इस वर्ष, 23 अगस्त 2024 को, राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के शुभ अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगी। यह पुरस्कार कुल 33 व्यक्तियो/समूहों/संस्थाओं को प्रदान किए जाएंगे। यह आयोजन विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाने का एक अनूठा अवसर होगा।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस: इस वर्ष से प्रतिवर्ष 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पिछले वर्ष चंद्रयान-3 की सफलता के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की थी। इस दिन भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों का जश्न मनाया जाता है। इसरो के वैज्ञानिकों के योगदान को याद किया जाता है। |
वर्ष 2024 के National Science Award प्राप्तकर्ताओ की सूची:
पुरस्कार |
विजेता |
क्षेत्र |
विज्ञान रत्न |
प्रोफेसर गोविंदराजन पद्मनाभन |
जैविक विज्ञान |
विज्ञान श्री विज्ञान युवा |
डॉ. आनंदरामकृष्णन सी डॉ. आवेश कुमार त्यागी परमाणु प्रोफेसर उमेश वार्ष्णेय प्रोफेसर जयंत भालचंद्र उदगांवकर प्रोफेसर सैयद वजीह अहमद नकवी प्रोफेसर भीम सिंह प्रोफेसर आदिमूर्ति आदि प्रोफेसर राहुल मुखर्जी डॉ. संजय बेहारी प्रोफेसर लक्ष्मणन मुथुसामी प्रोफेसर नबा कुमार मंडल डॉ .अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम प्रोफेसर रोहित श्रीवास्तव डॉ. कृष्ण मूर्ति एस एल डॉ. स्वरूप कुमार परिदा प्रोफेसर राधाकृष्णन महालक्ष्मी प्रोफेसर अरविंद पेनमत्सा प्रोफेसर विवेक पोलशेट्टीवार प्रोफेसर विशाल राय डॉ. रॉक्सी मैथ्यू कोल डॉ. अभिलाष डॉ .राधा कृष्ण परिवर्तन डॉ.. ए.एस. पूरबी सैकिया डॉ.बप्पी पॉल प्रोफेसर महेश रमेश काकड़े प्रोफेसर जितेंद्र कुमार साहू डॉ.प्रज्ञा ध्रुव यादव प्रोफेसर उर्बासी सिन्हा डॉ. दिगेंद्रनाथ स्वैन डॉ. प्रशांत कुमार प्रोफेसर प्रभु राजगोपाल इसरो – टीम चंद्रयान 3 |
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