PM SHRI Scheme को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 5 सितंबर 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर लॉन्च किया गया था।
PM SHRI योजना चर्चा में क्यों है:
- पीएम श्री योजना चर्चा में इसलिए है क्योंकि केंद्र की सरकार इस योजना से जुड़ने के लिए सभी राज्यों को समझौता ज्ञापन सौंप दिया है।
- जिन राज्यों में NDA की सरकार है वह राज्य तो आसानी से इस योजना के साथ जुड़ चुके हैं, लेकिन जिन राज्यों में NDA की सरकार नहीं है, जैसे दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्य केंद्र सरकार के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से मना कर रहे हैं।
- जो राज्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से मना कर रहे हैं केंद्र सरकार ने उनकी तीन तिमाही की किस्त जो समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्यों को दी जाती थी उसे रोक दिया है।
- हस्ताक्षर न करने वाले राज्यों को अक्टूबर से दिसंबर, जनवरी से मार्च तथा अप्रैल से जून तक कोई भी किस्त केंद्र सरकार के द्वारा नहीं मिला है।
- केंद्र सरकार का कहना है कि जो राज्य पीएम श्री योजना के से अपने राज्य के स्कूलों को नहीं जोड़ेंगे, उन्हें समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिए जाने वाले फंड को रोक दिया दिया जाएगा।
समग्र शिक्षा अभियान क्या है?
- समग्र शिक्षा प्री-स्कूल से लेकर 12वीं कक्षा तक के स्कूली शिक्षा क्षेत्र के लिए एक व्यापक कार्यक्रम है। यह योजना स्कूली शिक्षा के लिए समान अवसरों और समान शिक्षण परिणामों के संदर्भ में मापी गई स्कूल प्रभावशीलता में सुधार के व्यापक लक्ष्य के साथ तैयार की गई है। इसमें सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और शिक्षक शिक्षा (टीई) की तीन योजनाओं को शामिल किया गया है और इसे 2018 में लॉन्च किया गया था।
- समग्र शिक्षा अभियान में लगने वाली धनराशि में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के साथ 60:40 के अनुपात में साझा किया जाता है।
- उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) और हिमालयी राज्यों के लिए, अनुपात 90:10 है। बिना विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों को 100% केंद्रीय वित्त पोषण मिलता है।
पीएम श्री (PM SHRI) योजना क्या है:
- पीएम श्री योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई एक सरकारी योजना है जिसमें शिक्षा सुधार के लिए शिक्षा मंत्रालय के द्वारा विभिन्न स्तरों पर काम किया जा रहा है।
- PM SHRI योजना का अर्थ है: (PM school for rising India) इस योजना के जरिये नयी शिक्षा नीति के तहत देश के 14,500 स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है।
- अर्थात स्कूलों का आधुनिकीकरण, नई तकनीक, स्मार्ट क्लास, खेलकूद की पूरी व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर को विशेष रूप से विकसित किया जाएगा जो बच्चों के सर्वांगीण विकास और कौशल को बेहतर बनाएगा।
- पीएम श्री योजना से इन स्कूलों में पढ़ने वाले 18 लाख से ज्यादा बच्चों को सीधे-सीधे लाभ मिलने वाला है।
- इस योजना के तहत सरकार 2022–2026 के बीच सरकार पांच सालों में 27,360 करोड़ रुपये खर्च करके सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करेगी।
- पहले चरण के तहत 6207 विद्यालयों को अपग्रेड करने हेतु चुना गया है। जिस पर लगभग 630 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा।
- इन स्कूलों में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तथा राज्य सरकार के स्कूलों को नामित किया गया है।
PM SHRI स्कूलों की चयन प्रक्रिया:
- इस योजना का लाभ लेने के लिए विद्यालयों को स्वयं पीएम श्री के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा।
- पीएम श्री का आधिकारिक पोर्टल योजना के शुरू के 2 वर्षों में प्रत्येक तीन महीने में एक बार (एक वर्ष में चार बार) के लिए खोला जाएगा।
- आवेदन में स्कूलों द्वारा किए गए दावों के लिए सरकारी अधिकारियों के द्वारा स्कूलों का भौतिक निरीक्षण किया जाएगा। जिससे कि स्कूलों की दावों की पुष्टि हो सके।
- पीएम श्री योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक से दो स्कूलों का चयन किया जाएगा। जिसमें एक प्राथमिक और एक माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल होंगे।
- चयनित स्कूल आदर्श स्कूल के रूप में कार्य करेंगे तथा अपने आसपास के अन्य स्कूलों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
PM SHRI योजना का उद्देश्य:
- पीएम श्री योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (national education policy) से जोड़ना है।
- नई शिक्षा नीति का लक्ष्य,“भारत को वैश्विक ज्ञान का महाशक्ति” बनाना है।
- पीएम श्री योजना स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करके राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को साकार करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
- इस योजना जरिए केंद्र सरकार का मकसद चयनित स्कूलों को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सुदृढ़ करना है।
क्या है नई शिक्षा नीति (NEP) 2020:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) 34 वर्ष पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का स्थान लेगी।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 वर्ष 1968 और वर्ष 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है।
- भारत की पहली शिक्षा नीति इंदिरा गांधी की सरकार में 1968 में आई थी उसके बाद दूसरी शिक्षा नीति 1986 में राजीव गांधी की सरकार में आई जिसे 1992 में पी.वी नरसिम्हा राव ने संशोधित किया।
- इस शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक अनेक बदलाव किए गए हैं। बच्चों पर बोर्ड परीक्षा का भार कम किया गया और उच्च शिक्षा के लिए भी सिर्फ एक नियामक है।
- नई शिक्षा नीति में पांचवी कक्षा तक मातृभाषा में ही शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
- नया पाठ्यक्रम और शैक्षणिक संरचना (5+3+3+4) क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष के आयु समूहों के अनुरूप है।
- पहले 5 वर्ष की पढ़ाई फाउंडेशन स्टेज की होगी। इसमें प्री प्राइमरी के 3 साल और पहली दूसरी कक्षा शामिल होगी।
- कक्षा 3 से 5 की पढ़ाई से छात्रों का भविष्य तैयार किया जाएगा। इसमें विज्ञान, गणित,सामाजिक विज्ञान, विषय पढ़ाए जाएंगे।
- कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई माध्यमिक की होगी इसमे निश्चित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा।
- कक्षा 9 से 12 की पढ़ाई में अंतिम चरण की होगी। इसमें छात्रों की विश्लेषण क्षमता को बढ़ाया जाएगा।
- कक्षा 9 से 12 तक सेमेस्टर सिस्टम पर परीक्षाएं होंगी हर 6 महीने पर एक सेमेस्टर परीक्षा होगी।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 10वीं बोर्ड परीक्षा को समाप्त कर दिया गया है।
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