चर्चा में क्यों?
SpaceX ने अंतरिक्ष यात्रा में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। हाल ही में, कंपनी ने अपने स्टारशिप रॉकेट (Chopsticks Maneuver) का पांचवां सफल परीक्षण पूरा किया, जिसमें पहली बार एक अनोखे ‘मैन्युवर’ का उपयोग किया गया। इस मैन्युवर के दौरान, रॉकेट का बूस्टर जैसे ही अपनी उड़ान पूरी कर लौटा, उसे ज़मीन पर उतरने से पहले विशाल मैकेनिकल आर्म्स ने हवा में ही पकड़ लिया। ऐसा अन्तरिक्ष टेक्नोलॉजी के इतिहास में पहली बार हुआ है।
SpaceX स्टारशिप फ्लाइट टेस्ट 5: मिड-एयर लैंडिंग
- स्टारशिप फ्लाइट टेस्ट 5 को 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 5:55 IST पर लॉन्च किया गया।
- रॉकेट को टेक्सास के स्टारबेस, OLP-A लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया।
- मिशन का उद्देश्य: इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य स्टारशिप के बूस्टर को लॉन्च के बाद मिड-एयर में पकड़ना था, जिसे Chopsticks Maneuver कहा जाता है।
- स्टारशिप ने 212 किलोमीटर की ऊँचाई (132 मील) तक यात्रा की और बूस्टर 12 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की ओर भेजा।
- लॉन्च के कुछ देर बाद, सुपर हेवी बूस्टर और स्टारशिप का सफलतापूर्वक स्टेज सेपरेशन हुआ।
- इसके बाद बूस्टर ने वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू की।
- स्टारशिप का ऊपरी हिस्सा अपनी यात्रा पूरी करने के बाद हिंद महासागर में उतरा, जबकि बूस्टर को सफलतापूर्वक लॉन्च पैड पर चॉपस्टिक्स नामक विशाल मैकेनिकल आर्म्स द्वारा हवा में ही पकड़ लिया गया।
- इस परीक्षण में स्टारशिप के हीट शील्ड और वेंट सिस्टम में सुधार किया गया था, जिससे इसकी संरचना और मजबूत हुई।
Chopsticks Maneuver क्या है?● Chopsticks Maneuver एक तकनीक है जिसका उपयोग विशेष रूप से रोबोटिक्स और ऑटोमेशन में किया जाता है। ● इसका नाम चॉपस्टिक्स (चाइनीज लकड़ी के चम्मच) से प्रेरित है, जो दो लंबी और पतली वस्तुएं होती हैं, जो एक साथ मिलकर एक वस्तु को पकड़ने या उठाने का कार्य करती हैं। ● इस मैन्युवर में, दो समांतर और समकक्ष वस्तुएं (जैसे कि रोबोटिक आर्म्स) एक निश्चित दूरी पर स्थित होती हैं। ● जब ये दोनों आर्म्स एक वस्तु के दोनों किनारों पर आते हैं, तो वे उसे एक साथ पकड़ते हैं और फिर वस्तु को उठाने के लिए एक साथ कार्य करते हैं। ● मैकेनिकल आर्म्स इस मैन्युवर के मुख्य भाग हैं। मैकेनिकल आर्म्स में सेंसर होते हैं जो वस्तु के आकार, वजन और स्थिति को मापते हैं। |
स्टारशिप रॉकेट क्या है?
स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट एक उच्च क्षमता वाला अंतरिक्ष यान है, जिसे इंसानों और कार्गो को चंद्रमा, मंगल और उससे आगे भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह रॉकेट पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य है और इसका उद्देश्य भविष्य की अंतरिक्ष यात्रा को अधिक सस्ती और सुलभ बनाना है।
- स्टारशिप का विकास 2010 के दशक के मध्य में शुरू हुआ, जब स्पेसएक्स ने नए प्रकार के रॉकेट की आवश्यकता महसूस की, जो अधिक लचीला और पुनः प्रयोग करने योग्य हो। इसके विकास में कई प्रोटोटाइप और परीक्षण उड़ानें शामिल हैं, जैसे कि फाल्कन 1, फाल्कन 9 और फाल्कन हेवी।
- आकार और भार
- ऊंचाई: 121.3 मीटर (398 फीट): स्टारशिप रॉकेट की ऊँचाई सबसे बड़े रॉकेटों में से एक है।
- व्यास: 9 मीटर (30 फीट): इस रॉकेट का व्यास इसे बड़े पेलोड को समाहित करने में सक्षम बनाता है, जिससे इसमें विभिन्न प्रकार के मिशनों के लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री रखी जा सकती है।
- द्रव्यमान: 5,000,000 किलोग्राम का द्रव्यमान इसे आवश्यक ऊर्जा और thrust प्रदान करने में मदद करता है, ताकि यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण को पार कर सके और अन्य ग्रहों की ओर उड़ान भर सके।
स्टारशिप रॉकेट के मुख्य भाग
- सुपर हेवी बूस्टर: यह रॉकेट का पहला चरण है, जो रॉकेट को पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकालने में मदद करता है। इसकी ऊंचाई लगभग 70 मीटर है और यह 33 रेपटर इंजनों से लैस है, जो इसे बेहद शक्तिशाली बनाते हैं।
- स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट: यह रॉकेट का दूसरा चरण है, जो यात्रियों और कार्गो को अंतरिक्ष में ले जाता है। इसकी लंबाई लगभग 50 मीटर है और इसमें क्षमता है कि यह 100 टन से अधिक कार्गो ले जा सकता है। यह भी रेपटर इंजनों का उपयोग करता है, लेकिन इसमें कुछ अलग डिज़ाइन और तकनीकी विशेषताएं होती हैं।
स्टारशिप की कुछ प्रमुख विशेषताएँ
- मेटल संरचना: स्टारशिप को स्टेनलेस स्टील से बनाया गया है, जो इसे उच्च तापमान और रडार संकेतों के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाता है।
- पुन: प्रयोज्यता: स्टारशिप और सुपर हेवी दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि इन्हें कई बार उड़ान में लाया जा सके, जिससे मिशनों की लागत को कम किया जा सके।
- कार्गो क्षमता: यह यान भारी कार्गो को अंतरिक्ष में ले जाने की क्षमता रखता है, जिससे लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों को संभव बनाया जा सके।
- मिशन विविधता: स्टारशिप का उपयोग चंद्रमा की यात्रा, मंगल पर मानव बस्तियों की स्थापना, और अन्य ग्रहों के अन्वेषण के लिए किया जा सकता है।
स्पेसएक्स स्टारशिप उड़ान परीक्षण (IFT 1 – 4)
- पहली उड़ान परीक्षण (IFT-1) 20 अप्रैल 2023 को किया गया। इसका उद्देश्य स्टारशिप के शुरुआती डिजाइन और इंजनों के प्रदर्शन का परीक्षण करना था।
- दूसरी उड़ान परीक्षण (IFT-2) 18 नवंबर 2023 को किया गया। दूसरी उड़ान परीक्षण के दौरान रॉकेट के दोनों चरणों का नुकसान हुआ।
- तीसरी उड़ान परीक्षण (IFT-3) 14 मार्च 2024 को किया गया। इस उड़ान में, सभी 33 रैप्टर इंजनों को प्रज्वलित किया गया और चरण पृथक्करण सफल रहा।
- चौथी उड़ान परीक्षण (IFT-4) 6 जून 2024 को किया गया। इस परीक्षण का लक्ष्य सुपर हेवी बूस्टर को समुद्र में ‘वर्चुअल टॉवर’ पर उतारना और स्टारशिप को वायुमंडलीय पुनः प्रवेश के दौरान चरम ताप से बचाना था। यह परीक्षण सफल रहा।
SpaceX का परिचय● स्पेसएक्स (Space Exploration Technologies Corp.) एक अमेरिकी एरोस्पेस कंपनी है, जिसे 2002 में एलन मस्क द्वारा स्थापित किया गया। ● कंपनी का मुख्यालय कैलिफोर्निया के हॉथोर्न में है। ● स्पेसएक्स का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रा को सस्ती और सुलभ बनाना, अंतरिक्ष में मानव प्रवास को स्थापित करना, और अंततः अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावना को तलाशना है। ● स्पेसएक्स ने कई ऐसे नवाचार किए हैं। स्पेसएक्स का सबसे बड़ा नवाचार फाल्कन 9 रॉकेट का पुन: उपयोग है। ● स्पेसएक्स ने अपने रॉकेटों के लिए स्वचालित लैंडिंग प्रणाली विकसित की है। ● स्पेसएक्स का लक्ष्य है कि वे मंगल पर संसाधनों का उपयोग करके स्थायी बस्ती स्थापित कर सकें, जिसमें जीवन की आवश्यकताएँ जैसे कि भोजन, पानी, और ऑक्सीजन शामिल हैं। |
स्टारशिप Flight Test 5 उपलब्धि का महत्व
- टेस्ट 5 में सुपर हैवी बूस्टर को लॉन्च के बाद सफलतापूर्वक पकड़ना एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि है। जिससे लॉन्च लागत में काफी कमी आ सकती है।
- टेस्ट 5 के सफल संचालन से मंगल मिशन की योजना में गति मिली है।
- इस परीक्षण ने इंजीनियरिंग और डिज़ाइन में सुधार के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान किया।
- इससे भविष्य की उड़ानों के लिए स्थिरता और सुरक्षा में वृद्धि की संभावना देखी जा रही है।
स्पेसएक्स-स्टारशिप: तकनीकी चुनौतियां
स्पेसएक्स का स्टारशिप कार्यक्रम कई तकनीकी चुनौतियों का सामना कर रहा है। ये चुनौतियाँ उसकी डिज़ाइन, इंजीनियरिंग और संचालन से संबंधित हैं, और इन्हें सुलझाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों की सफलता सुनिश्चित की जा सके।
- Raptor इंजन की डिजाइन और प्रदर्शन में सुधार करना आवश्यक है। इंजन की उच्च तापमान और दबाव के साथ काम करने की क्षमता को सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण है।
- बूस्टर और स्पेसशिप को विभिन्न उड़ान चरणों के दौरान भूकंपीय तनाव सहन करना पड़ता है, जैसे लॉन्च, उड़ान और पुनः प्रवेश। इसे सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन में सुधार की आवश्यकता है।
- स्टारशिप की उड़ान स्थिरता और नियंत्रण के लिए थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल प्रणाली की दक्षता को सुधारना आवश्यक है, ताकि उड़ान के दौरान सही दिशा में जाना सुनिश्चित किया जा सके।
- स्पेसएक्स को अपने लॉन्च पैड और ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम को विकसित करने की आवश्यकता है।
भविष्य की योजनाएं: स्पेसएक्स स्टारशिप कार्यक्रम
- अगले परीक्षण और उड़ानें: स्पेसएक्स ने पहले ही पांच परीक्षण उड़ानें सफलतापूर्वक पूरी की हैं, जिनमें से तीन सफल रही हैं। आगामी परीक्षण उड़ानों का उद्देश्य स्टारशिप की तकनीकी क्षमताओं का विस्तार करना है, विशेषकर बूस्टर प्रदर्शन और पुनः प्रवेश तकनीकों में।
- सेटेलाइट लॉन्च: स्पेसएक्स स्टारशिप का उपयोग स्टारलिंक सिस्टम के दूसरे जनरेशन के सेटेलाइट लॉन्च के लिए करेगा, जो वर्तमान में 70 से अधिक देशों में उच्च गति इंटरनेट सेवा प्रदान करता है।
- आर्टेमिस कार्यक्रम (Artemis Program)
- मानव लैंडिंग सिस्टम: NASA ने स्टारशिप HLS (ह्यूमन लैंडिंग सिस्टम) को आर्टेमिस III और IV के लिए एकमात्र लैंडिंग प्रणाली के रूप में चुना है।
- लूनर मिशन: यह अंतरिक्ष यान लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च होगा और कई स्टारशिप टैंकरों द्वारा ईंधन भरेगा, फिर यह चंद्रमा के लिए ट्रांज लूनर इंजेक्शन बर्न करेगा।
- खगोल विज्ञान (Astronomy): खगोलज्ञों ने स्टारशिप की बड़ी क्षमता का उपयोग करके बड़े अंतरिक्ष टेलिस्कोपों के प्रस्ताव पर विचार किया है, जैसे LUVOIR। स्टारशिप का बड़ा कार्गो बे जटिल तंत्रों की आवश्यकता को कम करता है, जिससे टेलिस्कोपों को आसानी से लॉन्च किया जा सकता है।
- मार्स सैंपल रिटर्न (Mars Sample Return): NASA-ESA मार्स सैंपल रिटर्न परियोजना के लिए, स्टारशिप को नए मिशन प्रोफ़ाइल आर्किटेक्चर के लिए एक महत्वपूर्ण उम्मीदवार माना गया है।
- कम्युनिकेशन सैटेलाइट: सुपरबर्ड-9 संचार उपग्रह, जो स्टारशिप के लिए पहला बाहरी वाणिज्यिक उपग्रह अनुबंध है।
- स्पेस टूरिज्म: भविष्य में, स्टारशिप का मानव संस्करण स्पेस टूरिज्म के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न PYQप्रश्न– निम्नलिखित में से कौन सा कथन मीडिया में अक्सर चर्चित “फ्रैक्शनल ऑर्बिटल बॉम्बार्डमेंट सिस्टम” के पीछे के विचार को सबसे अच्छी तरह दर्शाता है? (2022) (क) पृथ्वी की ओर आ रहे क्षुद्रग्रह का मुकाबला करने और उसे अंतरिक्ष में विस्फोट करने के लिए एक हाइपरसोनिक मिसाइल को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाता है। (b) एक अंतरिक्ष यान कई कक्षीय गतियाँ करने के बाद दूसरे ग्रह पर उतरता है। (ग) एक मिसाइल को पृथ्वी के चारों ओर एक स्थिर कक्षा में स्थापित किया जाता है तथा पृथ्वी पर एक लक्ष्य के ऊपर से उसे कक्षा से हटा दिया जाता है। (घ) एक अंतरिक्ष यान समान सतही गति से एक धूमकेतु के साथ चलता है और उसके ऊपर एक जांच यान रखता है। |
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