चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और वियतनाम (India and Vietnam) ने अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और सीमा शुल्क, कृषि, कानूनी, रेडियो और टेलीविजन प्रसारण, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
द्विपक्षीय बैठक की मुख्य बातें:
- नई कार्य योजना (New action Plan):
- भारत और वियतनाम (India and Vietnam ) ने 2016 में स्थापित अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए एक नई कार्य योजना पर सहमति व्यक्त की, जिसे अगले पांच वर्षों (2024-2028) में लागू किया जाएगा।
- इस योजना का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना, प्रौद्योगिकी और विकास में सहयोग बढ़ाना, और रक्षा और सुरक्षा में साझेदारी को बढ़ावा देना है।
- डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी (Digital payment connectivity): भारत के प्रधान मंत्री ने घोषणा की कि दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए एक समझौता किया है, जिससे दोनों देशों के बीच वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।
- ऋण सीमा विस्तार (credit limit extension): India and Vietnam को उसकी सैन्य सुरक्षा और विकास परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सीमा प्रदान करेगा। नाचांग में भारतीय अनुदान से वित्तपोषित एक आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क का उद्घाटन तथा आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर बढ़ते सहयोग पर प्रकाश डाला गया।
- समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर (Signing of MoUs): कृषि अनुसंधान, सीमा शुल्क क्षमता निर्माण, कानून और न्याय, रेडियो और टेलीविजन, और पारंपरिक दवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हुए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
- व्यापार और आर्थिक लक्ष्य (Business and economic goals): वियतनाम ने वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 14.8 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 20 अरब अमेरिकी डॉलर करने का प्रस्ताव रखा। दोनों देशों ने व्यापार बढ़ाने के लिए आसियान-भारत व्यापार समझौते की समीक्षा में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की। वियतनाम ने आईटी, विनिर्माण, वस्त्र, अर्धचालक और नवीकरणीय ऊर्जा में भारतीय निवेश का स्वागत किया।
- रणनीतिक सहमति (Strategic Consensus): दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई, जिसमें दक्षिण चीन सागर में नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने विशेष रूप से 1982 के समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) के आधार पर अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया।
- आर्थिक कूटनीति वार्ता (Economic Diplomacy Talks): व्यापार और निवेश के मुद्दों को संबोधित करने के लिए उप विदेश मंत्री स्तर पर एक नई आर्थिक कूटनीति वार्ता स्थापित की जाएगी।
वियतनाम एक नज़र में:· आधिकारिक नाम: वियतनाम समाजवादी गणराज्य · राजधानी: हनोई · मुद्रा: वियतनामी đồng (VND) · भाषा: वियतनामी (आधिकारिक), अंग्रेजी, फ्रेंच, चीनी, खमेर · धर्म: बौद्ध धर्म, कैथोलिक ईसाई धर्म, काओ दाई, होआ हाओ · सरकार: एकदलीय समाजवादी गणराज्य · भूगोल: दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित, चीन के दक्षिण में और लाओस और कंबोडिया के पूर्व में · प्रमुख शहर: हनोई, हो ची मिन्ह सिटी, दा नांग, ह्यू · प्रमुख नदियाँ: मेकांग नदी, रेड नदी · प्रमुख आकर्षण: हा लॉन्ग बे, होई एन, मेकोंग डेल्टा, कु ची सुरंगें वियतनाम के बारे में रोचक तथ्य:
|
भारत-वियतनाम संबंध (India and Vietnam Relations):
ऐतिहासिक संबंध और कूटनीतिक संबंध (Historical ties and diplomatic relations):
- भारत और वियतनाम (India and Vietnam ) के बीच एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है।
- महात्मा गांधी और राष्ट्रपति हो ची मिन्ह ने अपने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संदेशों का आदान-प्रदान किया।
- भारत ने 1972 में वियतनाम के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए।
- 2016 में संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया।
- भारत-वियतनाम संबंधों का विकास वर्तमान में 2020 में अपनाए गए “शांति, समृद्धि और लोगों के लिए संयुक्त दृष्टिकोण” द्वारा निर्देशित है।
- 2022 में, दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनाई और दोनों देश अपने बहु-आयामी सहयोग को और मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से मिलकर काम कर रहे हैं।
संस्थागत तंत्र (Institutional Mechanism):
- आर्थिक, व्यापार, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर 18वीं संयुक्त आयोग की बैठक (JCM) 16 अक्टूबर 2023 को हनोई में आयोजित की गई थी।
- पिछली JCM बैठकें, विदेश कार्यालय परामर्श, और सचिव-स्तर पर रणनीतिक वार्ता द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा में मदद करती हैं।
व्यापार, आर्थिक और विकास सहयोग (Trade, Economic and Development Cooperation):
- व्यापार आँकड़े (Trade statistics): अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक भारत-वियतनाम व्यापार 14.82 अरब अमेरिकी डॉलर था। भारत का वियतनाम को निर्यात 5.47 अरब अमेरिकी डॉलर था, और आयात 9.35 अरब अमेरिकी डॉलर था।
- आसियान-भारत व्यापार समझौता (ASEAN-India Trade Agreement): 2009 में संपन्न आसियान-भारत व्यापार समझौता भारत और वियतनाम के बीच एक तरजीही व्यापार व्यवस्था प्रदान करता है और उस समझौते की समीक्षा वर्तमान में चल रही है।
- मुख्य निर्यात और आयात (Main exports and imports):
- India and Vietnam को इंजीनियरिंग सामान, कृषि उत्पाद, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक सामान, खनिज, कपड़ा और प्लास्टिक का निर्यात करता है।
- वियतनाम से आयात में कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल फोन, मशीनरी, स्टील, रसायन, जूते, कपड़े और लकड़ी के उत्पाद शामिल हैं।
- निवेश (Investment): वियतनाम में भारतीय निवेश लगभग 2 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिसमें ऊर्जा, खनिज प्रसंस्करण, कृषि प्रसंस्करण, आईटी, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स, आतिथ्य और बुनियादी ढांचा क्षेत्र शामिल हैं। भारत में वियतनाम का निवेश लगभग 28.55 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, मुख्य रूप से उपभोक्ता वस्तुओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण, आईटी और फार्मास्यूटिकल्स में।
- विकास साझेदारी (Development Partnership): मेकांग-गंगा सहयोग ढांचे के तहत, भारत ने वियतनाम के 35 से अधिक प्रांतों में लगभग 45 त्वरित प्रभाव परियोजनाएं पूरी की हैं, और 10 अन्य परियोजनाएं कार्यान्वयन चरण में हैं। 2000 में स्थापित मेकांग-गंगा सहयोग (एमजीसी) में छह सदस्य देश शामिल हैं: कंबोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार, थाईलैंड, वियतनाम और भारत। सहयोग प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है: पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और परिवहन।
- भारत ने मध्य वियतनाम के क्वांग नाम प्रांत में ‘माई सोन’ के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के संरक्षण और जीर्णोद्धार का समर्थन किया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 2022 में माई सोन परिसर स्थल पर मंदिरों के A, H और K समूह के संरक्षण और जीर्णोद्धार का काम पूरा किया।
रक्षा सहयोग (Defence Cooperation):
- भारत और वियतनाम के बीच एक मजबूत रक्षा और सुरक्षा सहयोग है, जिसमें 2009 में रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन और 2015 में रक्षा सहयोग पर एक संयुक्त दृष्टिकोण ढांचा प्रदान करता है।
- 2022 में, दोनों देशों ने “2030 की ओर भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त विजन वक्तव्य” और “पारस्परिक रसद समर्थन पर समझौता ज्ञापन” पर हस्ताक्षर किए।
- 2023 में, वियतनाम को स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट INS कृपाण उपहार में दिया गया था।
- द्विपक्षीय सैन्य-से-सैन्य सहयोग में स्टाफ वार्ता, अभ्यास, प्रशिक्षण, दौरे और आदान-प्रदान शामिल हैं।
- फरवरी 2024 में, एक वियतनामी नौसेना के जहाज ने भारत में MILAN अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास में भाग लिया।
सांस्कृतिक आदान-प्रदान (cultural exchange):
- भारतीय और वियतनामी (India and Vietnam) संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन शैक्षणिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं।
- हो ची मिन्ह सिटी में पूर्वोत्तर भारत महोत्सव जैसे सम्मेलन और शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देते हैं।
- वियतनाम और भारत के बीच बौद्ध संबंध प्राचीन सभ्यतागत संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वियतनामी बौद्ध विद्वान और तीर्थयात्री नियमित रूप से भारत की यात्रा करते हैं, जिसमें बोधगया में वियतनामी बौद्ध शिवालय भी शामिल है।
- योग पूरे वियतनाम में बेहद लोकप्रिय है, जिसमें सैकड़ों योग क्लब और कई भारतीय योग शिक्षक अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं।
- हनोई में स्वामी विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक केंद्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से भारत की और समझ को बढ़ावा देता है और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देता है।
भारत-वियतनाम (India and Vietnam ) संबंध से चीन की परेशानी-
भारत और वियतनाम के बीच मजबूत होते संबंधों से चीन के लिए, विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में, कई प्रभाव पड़ सकते हैं।
चीन के लिए संभावित चुनौतियाँ:
- रणनीतिक रोकथाम (Strategic prevention): चीन, भारत-वियतनाम की बढ़ती साझेदारी को क्षेत्र में अपने प्रभाव को रोकने की रणनीति के रूप में देख सकता है। रक्षा सहयोग, संयुक्त सैन्य अभ्यास, और वियतनाम को भारत द्वारा सैन्य उपकरणों की आपूर्ति, चीन की सैन्य महत्वाकांक्षाओं के लिए एक सीधी चुनौती हो सकती है।
- बेल्ट एंड रोड पहल का मुकाबला (Countering the Belt and Road Initiative): वियतनाम के साथ भारत की भागीदारी, जिसमें बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और आर्थिक सहयोग शामिल हैं, चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) के मुकाबले के रूप में देखा जा सकता है। यह क्षेत्र में चीन के आर्थिक और रणनीतिक लाभ को सीमित कर सकता है।
- दक्षिण चीन सागर विवाद (South China Sea dispute): भारत और वियतनाम दोनों ने दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों पर चिंता व्यक्त की है। उनकी मजबूत साझेदारी चीन के क्षेत्रीय दावों को चुनौती देने और विवादित जल में नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए अधिक समन्वित प्रयासों को जन्म दे सकती है।
- क्षेत्रीय शक्ति संतुलन (Regional balance of power): भारत-वियतनाम संबंध एक अधिक संतुलित क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में योगदान कर सकते हैं, संभावित रूप से भारत-प्रशांत में चीन की एकतरफा शर्तें तय करने की क्षमता को सीमित कर सकते हैं।
- व्यापार और निवेश (Trade and investment): भारत और वियतनाम के बीच बढ़ता व्यापार और निवेश चीन के आर्थिक हितों को प्रभावित कर सकता है। वियतनाम, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार बन रहा है, जिससे चीन की क्षेत्रीय आर्थिक प्रभुता को चुनौती मिल सकती है।
- भारत की ‘एक्ट ईस्ट‘ नीति (India’s Act East Policy): भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना है। यह चीन के आर्थिक और रणनीतिक हितों के लिए एक चुनौती है।
आगे की राह (Way forward):
- दोनों देशों को अक्षय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करके द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर के संदर्भ में, भारत और वियतनाम को अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को ओर मजबूत करना चाहिए।
Explore our courses: https://apnipathshala.com/courses/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/