Apni Pathshala

Jagannath Mandir Ratna Bhandar: 46 साल बाद खुला जगन्नाथ मंदिर का रहस्यमय ‘रत्न भंडार’ जानें खजाने में क्या-क्या मिला?

Jagannath Mandir के रत्न भंडार को ओडिशा सरकार के आदेश पर 46 साल के लंबे इंतजार के बाद रविवार को 1:28 बजे खोला गया।

Jagannath Mandir Ratna Bhandar क्यों है चर्चा में:

  • हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में रत्न भंडार खोला जाना बड़ा मुद्दा था। भाजपा ने वादा किया था कि ओडिशा में सरकार बनती है तो खजाना खोला जाएगा।
  • सरकार बनते हैं उड़ीसा के नए मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने वादा को पूरा किया और मंदिर के खजाने को खोलने का आदेश दिया।
  • उड़ीसा सरकार द्वारा 46 वर्षों से बंद पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का खजाना अर्थात रत्न भंडार रविवार को दोपहर 1:28 पर खोला गया।
  • यह खजाना आभूषणों, कीमती वस्तुओं की सूची बनाने और भंडार गृह की मरम्मत करने के लिए खोला गया है।
  • सरकार ने इस खजाने को खोलने के लिए 11 सदस्यों की एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।
  • इस कमेटी SJTA और ASI जैसे बड़े-बड़े संस्थानों के वर्तमान और पूर्व अधिकारियों को रखा गया है।

कैसे खोला गया रत्न भंडार:

  • विश्वनाथ रथ, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाधी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीक्षक डीबी गड़नायक और पुरी के राजा ‘गजपति महाराजा’ के एक प्रतिनिधि शामिल थे।
  • इनमें चार सेवक भी थे जिन्होंने अनुष्ठानों का ध्यान रखा। समिति से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से गठित समिति के सदस्य दोपहर करीब 12 बजे मंदिर में प्रवेश किए और अनुष्ठान करने के बाद रत्न भंडार को दोपहर 1:28 बजे शुभ मुहूर्त पर खोला।
  • हालांकि रत्न भंडार की चीजों की लिस्ट रविवार को नहीं बन सकी। गठित समिति के सभी सदस्य शाम करीब 5:20 बजे रत्न भंडार से बाहर आए।

क्या मिला खजाने में:

Ratan Bhandar in Jaggnath

  • सबसे पहले रत्न भंडार के बाहरी कक्ष को खोला गया. वहां कई आभूषण और कीमती सामान मिले।
  • इन सभी को मंदिर के अंदर अस्थायी ‘स्ट्रॉन्ग रूम’ में भेजा गया और स्ट्रॉन्ग रूम को सील कर दिया गया।
  • इसके बाद अधिकृत व्यक्ति खजाने के आंतरिक कक्ष में दाखिल हुए, वहां तीन ताले थे। जिला प्रशासन के पास उपलब्ध चाबी से कोई भी ताला नहीं खोला जा सकता था।
  • इसलिए, SOP के अनुसार, मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में तीन ताले तोड़े गए। यहां से मिले खजाने को भी स्ट्रॉन्ग रूम भेजा गया। हालांकि इसकी सूची अभी तैयार हो रही है।
  • रत्न भंडार में रखे गए कीमती सामान को ले जाने के लिए लकड़ी के छह संदूक मंदिर में लाए गए थे। सागवान की लकड़ी से बनी ये संदूकें5 फुट लंबी, 2.5 फुट ऊंची और 2.5 फुट चौड़ी हैं। इन संदूकों के अंदरूनी हिस्से में पीतल लगा हुआ है।

इससे पहले कब–कब खुला है रत्न भंडार:

  • इससे पहले रत्न भंडार 1905, 1926 और 1978 में खोला गया था और बेशकीमती चीजों की लिस्ट बनाई गई थी।
  • 1978 में 13 मई से 13 जुलाई के बीच रत्न भंडार में मौजूद सामानों की जो सूची बनी उसमें करीब 128 किलो सोना और 222 किलो चांदी होने की बात कही गई। इसके अलावा सोने-चांदी की कई वस्तुओं का आकलन नहीं किया गया।
  • 1978 के बाद से अब तक मंदिर के पास कितनी संपत्ति आई, इसका कोई अंदाजा नहीं है।
  • रत्न भंडार को अंतिम बार 14 जुलाई 1985 में खोला गया था। उस समय इसकी मरम्मत करके इसे बंद कर दिया गया था।

क्या है जगन्नाथ मंदिर के खजाने का रहस्य:

  • उड़ीसा के पुरी में स्थित चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। इस ऐतिहासिक मंदिर में एक रत्न भंडार हैं।
  • जिसमें तीन देवताओं भगवान भगवान जगन्नाथ,बलभद्र और सुभद्रा के गहनों को सुरक्षित रखा गया है।
  • इस खजाने में पहले के राजाओं महाराजाओं और भक्तों द्वारा दान के रूप में दिए गए जेवरात और कीमती आभूषणों को रखा गया है।
  • इस रत्न भंडार में मौजूद जेवरात की इतनी बेशकीमती है की आज तक इसका मूल्यांकन नहीं हो पाया है।
  • यह रत्न भंडार दो भागों में है। बाहरी भंडार में भगवान को अक्सर पहनाए जाने वाले जेवरात रखे जाते हैं। वहीं जो जेवरात उपयोग में नहीं लाए जाते हैं, उन्हें भीतरी भंडार में रखा जाता है। रत्न भंडार का बाहरी हिस्सा अभी भी खुला है, लेकिन भीतरी भंडार की चाबी पिछले छह साल से गायब थी।
क्या सच में नाग देवता करते हैं खजाने की रक्षा:

नाग देवता

  • भंडार को खोलने से पहले लोगों को इस बात का इंतजार था कि क्या सच में खजाने की रक्षा कोई नाग कर रहा है।
  • रत्न भंडार को लेकर कई प्रचलित किवदंतियां हैं|  कुछ लोगों का कहना है कि इस खजाने की रक्षा के लिए नाग देवता स्वयं तैनात रहते है। इस लिए भंडार को खोलने से पहले समिति ने दो स्नैक एक्सपर्ट और एक डॉक्टर की टीम को भी एहतियातन बुलाया था। लेकिन सांप से जुड़ा कोई भी मामला सामने नहीं आया।

क्या है 2018 में चाबी गुम होने की कहानी:

  • 2018 में ओडिशा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को रत्न भंडार खोलने के लिए निर्देश दिए, लेकिन 4 अप्रैल 2018 को कोर्ट के आदेश पर जब 16 लोगों की टीम रत्न भंडार के चैंबर तक पहुंची तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा, क्योंकि ये दावा किया गया कि रत्न भंडार की चाबी खो गई है।
  • रत्न भंडार की चाबियां पहली बार जिला कलेक्टर द्वारा गायब होने की रिपोर्ट किए जाने के महीनों बाद, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने मामले की जांच करने और जिम्मेदार व्यक्तियों का पता लगाने के लिए न्यायमूर्ति रघुबीर दास की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का आदेश दिया था।
  • सियासी घमासान के बीच मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया था।

18 दिसंबर को आखिरकार रघुबीर दास आयोग ने 324 पेज की रिपोर्ट सरकार को सौंपी।

  • 13 जून, 2018 को, मंदिर के धन के कुप्रबंधन के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओडिशा सरकार को निर्देश जारी करने के कुछ दिनों बाद, जिला कलेक्टर अरविंद अग्रवाल ने फिर से कहा था कि उन्हें “रत्न की डुप्लिकेट चाबियां” वाला एक सीलबंद लिफाफा मिला है।
  • जिला रिकॉर्ड रूम में एक स्ट्रांगबॉक्स में ‘भंडार’ अंकित था, जिला कलेक्टर कार्यालय ने कहा था कि सीलबंद लिफाफे के अंदर कई चाबियां थीं और लिफाफा मंदिर प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।
  • एसजेटीए ने कथित तौर पर बाद में मीडिया को बताया था कि उन्होंने अंदर के कक्ष का बाहर से ‘निरीक्षण’ किया था क्योंकि उन्हें इसमें प्रवेश करने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई थी।
  • यह मुद्दा ओडिशा की राजनीति में विवादास्पद रहा है और कई नागरिक समूहों ने आरोप लगाया है कि शीर्ष सरकारी अधिकारियों और मंदिर प्रशासन की मिलीभगत से भगवान जगन्नाथ के गहने लूट लिए गए हैं या बेच दिए गए हैं।
  • ओडिशा सरकार ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। नवंबर 2019 में, राज्य के कानून मंत्री प्रताप जेना ने ओडिशा विधानसभा को बताया कि सरकार की रत्न भंडार में रखे गए मंदिर के गहनों को खोलने या ऑडिट करने की कोई योजना नहीं है।
  • उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि देवताओं के कोई आभूषण चोरी नहीं हुए हैं और सारा खजाना ‘सुरक्षित’ है।
  • उन्होंने विधानसभा को यह भी सूचित किया था कि अंतिम सूची के अनुसार, आंतरिक कक्ष में 12,800 तोले से अधिक सोने के आभूषण और कीमती पत्थरों के साथ चांदी के आभूषणों के 236 टुकड़े थे, इसके अलावा 18,000 तोले से अधिक वजन की अन्य वस्तुएं थीं।

Explore our courses: https://apnipathshala.com/courses/

Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/

 

 

 

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Blogs

Scroll to Top