चर्चा में क्यों?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट 2024-25 में कहा कि सरकार अगले तीन वर्षों में कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी (digital public infrastructure) ढांचे को लागू करने की योजना बना रही है।
वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) का आह्वान किया। इस DPI का लक्ष्य एग्रीस्टैक (Agristack) नामक परियोजना के माध्यम से छह करोड़ से अधिक किसानों को औपचारिक भूमि रजिस्ट्री प्रणाली (land registry system) से जोड़ना है।
एग्रीस्टैक क्या है (What is Agristack)?
एग्रीस्टैक (Agristack) भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम है जिसे भारतीय सरकार ने विकसित किया है। जिसका उद्देश्य किसानों के लिए एक संपूर्ण डेटाबेस बनाना है जिसमें उनकी पहचान, भूमि रिकॉर्ड, आय, ऋण, फसल की जानकारी और बीमा इतिहास के बारे में जानकारी शामिल है। यह खेतों से प्राप्त डेटा और सरकारी API से प्राप्त जानकारी का उपयोग करता है। एग्रीस्टैक के अंतर्गत विभिन्न डिजिटल उपकरणों और सेवाओं को शामिल किया गया है.
कैसे शुरू हुआ “एग्रीस्टैक” (How “Agristack” started)
- एग्रीस्टैक की शुरुआत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture and Farmers Welfare)द्वारा 2021 में की गई थी।
- एग्रीस्टैक बनाने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 2021 में एक टास्क फोर्स (task force) का गठन किया और उसे एक श्वेत पत्र लाने, अवधारणा को अंतिम रूप देने और मुख्य रूपरेखा (outline) तैयार करने को कहा।
- टास्क फोर्स ने विशेषज्ञों, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और आम जनता से टिप्पणियां के आधार पर रूपरेखा तैयार की ।
डेटा स्रोत (Data sources)
एग्रीस्टैक का डेटा तीन मुख्य रजिस्ट्री से प्राप्त किया जाएगा –
- किसान रजिस्ट्री ((Farmer Registry)
- भू-संदर्भित गांव मानचित्र (Geo-referenced village maps )
- फसल बोई रजिस्ट्री (Crop Sown Registry)
- किसान रजिस्ट्री (Farmer Registry): प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट डिजिटल आईडी (unique digital ID) प्रदान की जाती है जो उनके आधार (Aadhaar) और भूमि रिकॉर्ड (land records) से जुड़ी होती है।
- भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र (Geo-referenced village maps): ये मानचित्र दिखाते हैं कि खेत कैसे दिखते हैं और डिजिटल सर्वेक्षणों (Geo-referenced village maps) के माध्यम से फसलों पर नज़र रखते हैं।
- फसल बोई गई रजिस्ट्री (Crop Sown Registry): यह फसलों के सटीक मानचित्र बनाने के लिए उपग्रह डेटा और रिमोट सेंसिंग (remote sensing) तकनीक का उपयोग करती है।
एग्रीस्टैक के मुख्य घटक और लाभ (Key components and benefits of Agristack):
- किसानों की प्रोफाइलिंग (Farmer profiling): किसानों की पहचान (identity of farmers), उनके भूमि के रिकॉर्ड (land records), और कृषि संबंधी जानकारी को डिजिटल रूप से संग्रहीत और प्रबंधित करना।
- कृषि संबंधित सेवाओं की आसान पहुँच (Easy access to agriculture related services): एग्रीस्टैक (Agristack) के माध्यम से किसानों को बीज, उर्वरक (fertilizers), कीटनाशक (pesticides), और कृषि उपकरणों की खरीद और उनकी आपूर्ति में सुधार।
- फसल प्रबंधन और सलाहकार सेवाएँ (Crop management and advisory services): एग्रीस्टैक (Agristack) के माध्यम से किसानों को फसल प्रबंधन (crop management), मौसम की जानकारी (weather information), और कृषि विशेषज्ञों से सलाहकार सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
- वित्तीय समावेशन (Financial inclusion): एग्रीस्टैक (Agristack) के द्वारा किसानों को बैंकिंग सेवाएं (banking services), क्रेडिट, बीमा (credit, insurance), और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान की जाती है।
- डेटा विश्लेषण (Data analysis): एग्रीस्टैक के माध्यम से एकत्रित डेटा का विश्लेषण करके कृषि उत्पादन और विपणन की प्रक्रिया को सुधारना।
- सरकारी योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी (Information on government schemes and subsidies): एग्रीस्टैक (Agristack) के माध्यम से किसानों को सरकारी योजनाओं, सब्सिडी (subsidies), और अनुदान (grants) की जानकारी दी जाती है, ताकि वे उनका लाभ उठा सकें।
- मार्केटिंग (Marketing): एग्रीस्टैक के तहत किसानों को उनके उत्पादों के विपणन (marketing) के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे वे सीधे बाजार तक पहुँच सकते हैं और बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।
एग्रीस्टैक के संभावित लाभ (Potential Benefits of Agristack:):
- कृषि उत्पादन में वृद्धि (Increase in agricultural productionIncrease in agricultural production: किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और सलाहकार सेवाओं के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने में मदद।
- आय में वृद्धि (Increase in income): डिजिटल मार्केटिंग और विपणन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता।
- समय और लागत की बचत (Saving time and cost): डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके किसानों की कृषि गतिविधियों की प्रबंधन में समय और लागत की बचत।
- सूचना की सुलभता (Accessibility of information): किसानों को समय पर सही जानकारी प्राप्त होती है, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
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