Changes in Green Credit Programme Norms
संदर्भ:
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें बंजर भूमि पर पेड़ लगाने और छत्र आवरण (canopy) विकसित करने के माध्यम से ग्रीन क्रेडिट की गणना की कार्यप्रणाली निर्धारित की गई है। इस पहल का उद्देश्य पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन को बढ़ावा देना, कार्बन अवशोषण को प्रोत्साहित करना और टिकाऊ भूमि उपयोग की दिशा में ठोस कदम उठाना है, ताकि ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम के तहत मापने योग्य पर्यावरणीय लाभ सुनिश्चित किए जा सकें।
नए नियमों में प्रमुख बदलाव (Key Changes in Rules):
- पाँच साल का मानक (Five-Year Benchmark):
- अब क्रेडिट (Credit) तभी मिलेंगे जब पुनर्स्थापन कार्य (restoration work) पाँच साल तक पूरा होगा।
- पहले यह अवधि सिर्फ दो साल थी।
- छत्र घनत्व आधारित मूल्यांकन: क्रेडिट तभी दिए जाएंगे जब वृक्षारोपण (tree plantation) कीन्यूनतम छत्र घनत्व (canopy density)40% तक पहुँचे और पेड़ जीवित हों।
- नया फ़ॉर्मूला:
- पाँच साल से अधिक उम्र के प्रत्येक जीवित पेड़ पर एक ग्रीन क्रेडिट मिलेगा।
- मूल्यांकन और सत्यापन (evaluation & verification) निर्धारित एजेंसियों (designated agencies) द्वारा किया जाएगा।
- गैर–व्यापार योग्य क्रेडिट:
- वृक्षारोपण से मिलने वाले क्रेडिट को न तो बेचा (tradable) जा सकता है और न ही स्थानांतरित (transferable)।
- केवल होल्डिंग कंपनी और उसकी सब्सिडियरी के बीच ट्रांसफर की अनुमति होगी।
- पहले जो बाज़ार आधारित व्यापार की सुविधा थी, उसे हटा दिया गया है।
- क्रेडिट के उपयोग की अनुमति: क्रेडिट को केवल एक बार निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है:
- क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण दायित्व
- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व
- अन्य कानूनी वृक्षारोपण दायित्व
- पर्यावरणीय, सामाजिक और प्रशासनिक (ESG) रिपोर्टिंग के लिए