Cloudburst
संदर्भ:
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को बादल फटने की एक भीषण घटना ने बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। खीरगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण पूरा गांव प्रभावित हुआ, जिसमें अब तक 4 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है और 50 से अधिक लोग लापता हैं।
धराली गांव का भूगोलिक महत्त्व:
- धराली गांव उत्तरकाशी जिले में स्थित है, जो हर्षिल घाटी के पास और भागीरथी नदी के किनारे बसा एक प्रमुख स्थल है।
- यह गांव गंगोत्री धाम से 18 किमी और देहरादून से लगभग 218 किमी दूर है।
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 9,005 फीट (लगभग 2,745 मीटर) है, जो इसे बादल फटने जैसी घटनाओं के लिए संवेदनशील बनाता है।
बादल फटना (Cloudburst) क्या है?
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यदि 1 घंटे में 100 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है, तो उसे बादल फटना कहा जाता है।
- यह घटना आमतौर पर 20 से 30 वर्ग किलोमीटर के छोटे भौगोलिक क्षेत्र में सीमित होती है।
बादल फटने की प्रक्रिया:
- बादलों का संघनन:
- जब नमी युक्त हवा पहाड़ी क्षेत्र में ऊपर की ओर उठती है, तो वह क्यूमुलोनिंबस (Cumulonimbus) बादलों के रूप में संघनित हो जाती है।
- ये बादल भारी वर्षा, गरज और बिजली उत्पन्न करते हैं।
- ओरोग्राफिक लिफ्ट: पहाड़ों के बीच में फंसे हुए बादल भारी होने पर स्थानीय घाटियों और पहाड़ियों में अटक जाते हैं और बहुत सीमित क्षेत्र में तेज बारिश होती है।
- ऊर्ध्वगामी वायु प्रवाह:
- हवा का ऊपर की ओर बढ़ना बादलों को ऊर्जा देता है, जिससे वे अचानक भारी वर्षा करते हैं।
- यह घटना आमतौर पर 1,000 से 2,500 मीटर की ऊंचाई पर होती है।
- वायुमंडलीय गड़बड़ी:
- कम दबाव की प्रणाली (Low-pressure systems) के कारण संवहनीय बादलों (Convective clouds) का तेजी से विकास होता है और अत्यधिक वर्षा होती है।
- वायु धाराओं का अभिसरण: जब गर्म, नम हवा ठंडी, सघन हवा से टकराती है, तो गर्म हवा तेजी से ऊपर उठती है जिससे बादल फटने जैसी घटना घटती है।
इसका परिणाम:
- फ्लैश फ्लड (Flash Floods)
- भूस्खलन (Landslides)
- मकानों का ढहना
- यातायात बाधित होना जैसे होते हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने की संभावना क्यों अधिक?
- खड़ी ढलानें और ऊंची पर्वतमालाएंसंवहन को तेज़ करती हैं।
- नमी से भरी हवाएंजल्दी ऊपर उठती हैं और भारी बादल बनाती हैं।
- बारिश का पानी जब गिरता है, तो वहमलबा, पत्थर और पेड़ बहाकर लाता है।
- तेज़ बहाव और संकरी घाटियों के कारणनुकसान की तीव्रता बढ़ जाती है।
सबसे अधिक संवेदनशील राज्य:
भारत में जो राज्य बादल फटने की घटनाओं के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं:
- उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश
इन राज्यों में मानसून सीजन के दौरान यह घटनाएं आम होती जा रही हैं।
जलवायु परिवर्तन और बादल फटना:
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- जलवायु परिवर्तनके कारण भविष्य में बादल फटने की घटनाएं और अधिक बढ़ सकती हैं।
- इसके पीछे प्रमुख कारण हैं:
- तेज तापमान वृद्धि
- वायुमंडलीय अस्थिरता
- वाष्पीकरण की बढ़ी दर
- मानवजनित गतिविधियाँजैसे जंगलों की कटाई, कचरे का जलाना, और शहरीकरण भी इन घटनाओं को बढ़ा रहे हैं।