एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय (IDS) 09 से 13 सितंबर 2024 तक नई दिल्ली के USI में तीनों सेनाओं के मेजर जनरल और समकक्ष अधिकारियों के लिए संयुक्त परिचालन समीक्षा और मूल्यांकन (कोर) कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह पांच दिवसीय कार्यक्रम रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के लिए भी तैयार किया गया है।
कोर कार्यक्रम की अवधारणा और उद्देश्य:
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों को भविष्य की नेतृत्व भूमिकाओं के लिए तैयार करना है।
- इसमें रणनीतिक योजना, भविष्य के खतरों और संघर्षों का सही आकलन, और उनसे निपटने की तैयारी जैसे कौशलों का विकास किया जाएगा।
- कार्यक्रम में तीनों सेनाओं के बीच सहयोग और समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया गया है ताकि युद्ध परिचालन वातावरण की विस्तृत समझ विकसित की जा सके।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं:
- 30 प्रख्यात वक्ताओं और विषय विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चाएं और व्याख्यान।
- भविष्य के युद्ध परिदृश्यों, साइबर एवं सूचना युद्ध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्वायत्त प्रणालियों के सेना में उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श।
- हाल के वैश्विक संघर्षों से मिले सबक और युद्ध की बदलती प्रकृति पर चर्चा।
एकीकृत रक्षा स्टाफ (IDS) के बारे में:एकीकृत रक्षा स्टाफ (IDS) भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं – थल सेना, नौसेना और वायु सेना – के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग स्थापित करने के लिए बनाया गया एक संगठन है। IDS की स्थापना और उद्देश्य:· 01 अक्टूबर 2001 को, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा संरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से IDS की स्थापना की गई थी। · इसका मुख्य उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ावा देना है, जो इसके आदर्श वाक्य ‘संयुक्तता के माध्यम से विजय‘ को सही मायने में दर्शाता है। · वर्तमान में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान हैं तथा प्रथम CDS जनरल बिपिनसिंह रावत थे। IDS की प्रमुख उपलब्धियां:· पिछले दो दशकों में, मुख्यालय IDS ने सेना संरचना, प्रौद्योगिकी प्रबंधन, रक्षा खुफिया और सैन्य कूटनीति को मजबूत करने जैसे प्रमुख राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व किया है। · इसके अलावा, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) संचालन में भी IDS की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। रक्षा क्षेत्र में बदलाव:· IDS ने रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी, रक्षा साइबर एजेंसी और सशस्त्र बल विशेष संचालन प्रभाग जैसे संयुक्त संगठनों के संचालन में मील के पत्थर स्थापित किए हैं। · इसके साथ ही सैन्य मामलों के विभाग (DMA) का निर्माण और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की स्थापना ने तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण और उनके बीच समन्वय को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। |
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