संदर्भ:
प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत बनी दूसरी फ्रिगेट ‘तवस्या (Tavasya)’, जिसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है, 22 मार्च 2025 को लॉन्च की गई। इस लॉन्चिंग से आत्मनिर्भर भारत की प्रतिबद्धता और स्वदेशी रक्षा उत्पादन में भारत की प्रगति को बल मिलता है।
तवस्या (Tavasya) : भारत में निर्मित अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट
- परिचय:
- तवस्या एक क्रिवाक–श्रेणी (Talwar-class) स्टील्थ फ्रिगेट है।
- इसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में रूस की तकनीक से निर्मित किया गया है।
- यह 2016 के भारत–रूस रक्षा सहयोग के तहत प्रोजेक्ट 6 (Talwar-class Follow-on Frigates) की दूसरी स्वदेशी फ्रिगेट है।
- मुख्य विशेषताएँ:
- लंबाई: 8 मीटर
- अधिकतम गति: 28 नॉट
- सक्षम: आक्रामक और रक्षात्मक दोनों अभियानों के लिए
- मल्टी–रोल ऑपरेशन: वायु, सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध संचालन में दक्ष
- स्टील्थ तकनीक: नवीनतम हथियार, सेंसर और प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली से लैस
तवस्या: स्टील्थ और युद्ध क्षमता
- स्टील्थ तकनीक:
- तवस्या को रेडार–शोषक सामग्री (Radar-absorbing materials) से डिजाइन किया गया है।
- इसका कम रडार क्रॉस–सेक्शन (Reduced radar cross-section) इसे दुश्मन की पकड़ में आने से बचाने में मदद करता है।
- उन्नत हथियार प्रणाली:
- BrahMos सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल: लंबी दूरी तक सटीक हमले की क्षमता।
- Shtil-1 सतह–से–हवा मिसाइलें: हवाई खतरों से सुरक्षा के लिए।
- 100 मिमी A-190 नौसैनिक तोप: सतह पर हमला करने के लिए।
- टॉरपीडो ट्यूब और रॉकेट लॉन्चर: पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए।
स्वदेशी निर्माण और आत्मनिर्भर भारत:
- तवस्या का निर्माण भारत में रक्षा तकनीकों के स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- BrahMos मिसाइल और सोनार सिस्टम का सफल एकीकरण भारतीय नौसेना के शिपबिल्डिंग कौशल को दर्शाता है।
- यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
रणनीतिक महत्व:
- नौसैनिक शक्ति में वृद्धि: स्टेल्थ फ्रिगेट्स भारतीय नौसेना की IOR में संचालन क्षमता बढ़ाते हैं।
- आत्मनिर्भर भारत: रूस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भारत के जहाज निर्माण उद्योग को मजबूत करता है।
- भारत–रूस रक्षा सहयोग: भू-राजनीतिक परिवर्तनों के बावजूद रक्षा साझेदारी बनी हुई है।
- समुद्री सुरक्षा: ये फ्रिगेट इंडो-पैसिफिक में चीन की मौजूदगी का मुकाबला करने में अहम हैं।