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हाल ही में प्रधानमंत्री ने लाओ पीडीआर में आयोजित 21वाँ आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें उन्होंने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की और भविष्य के सहयोग की दिशा में रूपरेखा तैयार की। इस शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण पहल और घोषणाएँ की गईं, जो भारत और आसियान के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
मुख्य घोषणाएँ और पहल:
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21वाँ आसियान-भारत शिखर सम्मेलन (2026-2030):
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- दोनों पक्षों ने आसियान-भारत साझेदारी की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए एक नई कार्य योजना बनाने पर सहमति व्यक्त की।
- इसके साथ ही, दो संयुक्त वक्तव्य अपनाए गए:
- आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर वक्तव्य।
- डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी पर वक्तव्य।
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10 सूत्री योजना:
- प्रधानमंत्री ने कनेक्टिविटी और लचीलापन बढ़ाने की थीम के तहत 10 सूत्री योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य आसियान और भारत के बीच सहयोग को और गहरा करना है।
- वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की गई, जो दोनों क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा।
- आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) की समीक्षा 2025 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे व्यापार और आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।
- डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI):
- DPI विकास में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर सहमति व्यक्त की गई, साथ ही स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में चुनौतियों का समाधान करने के लिए संयुक्त पहलों को लागू करने पर जोर दिया गया।
- सीमा-पार भुगतान प्रणालियों के सहयोग के लिए वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन डिजिटल समाधानों को बढ़ावा देने की बात भी की गई।
- साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए आसियान-भारत ट्रैक 1 साइबर नीति वार्ता का स्वागत किया गया, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था को और अधिक सुरक्षित बनाएगा।
आसियान के बारे में:
आसियान (ASEAN), जिसका पूरा नाम Association of Southeast Asian Nations है, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। इसका गठन 8 अगस्त 1967 को हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना और सदस्य देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ाना है।
मुख्य जानकारी:
- स्थापना: 8 अगस्त 1967 (बैंकॉक, थाईलैंड)
- मुख्यालय: जकार्ता, इंडोनेशिया
- आदर्श वाक्य: वन विजन, वन आइडेंटिटी, वन कम्युनिटी (एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय)
- आसियान दिवस: 8 अगस्त
सदस्य देश:
- इंडोनेशिया
- मलेशिया
- फिलीपींस
- सिंगापुर
- थाईलैंड
- ब्रुनेई
- वियतनाम
- लाओस
- म्यांमार
- कंबोडिया
आसियान के उद्देश्य:
- आर्थिक विकास: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास हो।
- सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति: सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना, जिससे सदस्य देशों के बीच एकता और भाईचारा बढ़े।
- क्षेत्रीय शांति और स्थिरता: न्याय और कानून का सम्मान सुनिश्चित करते हुए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना।
- व्यापार और उद्योगों का विस्तार: कृषि, उद्योग, व्यापार, परिवहन और संचार के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को मजबूत करना।
- शिक्षा और अध्ययन: दक्षिण-पूर्व एशियाई अध्ययन को बढ़ावा देना और क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर को सुधारना।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के साथ घनिष्ठ सहयोग बनाए रखना।
भारत के लिए आसियान का महत्व:
- आर्थिक और व्यापारिक संबंध: भारत के वैश्विक व्यापार में आसियान का योगदान 11% है।
- भारत-प्रशांत रणनीति: आसियान भारत की “एक्ट ईस्ट” नीति और “भारत-प्रशांत” रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक है।
- उत्तर-पूर्वी भारत के साथ कनेक्टिविटी: कलादान मल्टी-मॉडल परिवहन परियोजना, भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग, जो भारत और आसियान के बीच भौगोलिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में सहायक हैं।
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