सामान्य अध्ययन पेपर – II: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘भारतपोल’ पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल अंतरराष्ट्रीय अपराधों के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य उन अपराधियों का पता लगाना है, जो अपराध करने के बाद अन्य राज्यों या देशों में भाग जाते हैं।
भारतपोल पोर्टल का परिचय:
भारतपोल पोर्टल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच को अधिक प्रभावी बनाना है।
- यह पोर्टल इंटरपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहायता के अनुरोधों को आसानी और त्वरित गति से पूरा करने की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के लिए तैयार किया गया है।
- भारतपोल भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करता है।
- यह प्लेटफॉर्म अपराधों की जांच में तेज़ और सुचारू संचार की सुविधा प्रदान करता है, खासकर जब मामले में अंतरराष्ट्रीय तत्व शामिल हों।
- यह तकनीकी पहल न केवल भारत की वैश्विक अपराधों से निपटने की क्षमता को मजबूत करती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के बारे में:
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भारतपोल पोर्टल की विशेषताएँ:
भारतपोल पोर्टल को आपराधिक जांचों की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।
- केन्द्रित तंत्र: भारतपोल एक एकीकृत मंच के रूप में कार्य करता है, जो भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे इंटरपोल से जोड़ता है। यह केंद्रीकृत प्रणाली बेहतर समन्वय और सहयोग की सुविधा प्रदान करती है।
- रियल-टाइम सूचना साझा करना: पोर्टल की एक मुख्य विशेषता यह है कि यह विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच रियल-टाइम में जानकारी साझा करने में सक्षम है। इससे महत्वपूर्ण डेटा जल्दी से आदान-प्रदान किया जा सकता है, जिससे अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा सकती है।
- वैश्विक सहयोग में वृद्धि: यह पोर्टल भारतीय अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच वैश्विक सहयोग को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे भारत को सीमा पार अपराधों से निपटने में मदद मिलेगी।
- नोटिस जारी करना: भारतपोल अपराधियों के देश से भागने की स्थिति में रेड नोटिस और अन्य इंटरपोल नोटिस जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है। इस फीचर से यह सुनिश्चित किया जाता है कि अंतरराष्ट्रीय अपराधों में शामिल व्यक्ति सीमाओं के पार भी पकड़े जा सकें।
- प्रमुख अपराधों पर ध्यान: पोर्टल विशेष रूप से प्रमुख अपराधों जैसे साइबर क्राइम, मादक पदार्थों की तस्करी, वित्तीय धोखाधड़ी, और मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई पर केंद्रित है। इन उच्च प्राथमिकता वाले अपराधों को निशाना बनाकर, यह अपराधों से प्रभावी रूप से निपटने में सहायक है।
भारत में अंतरराष्ट्रीय अपराध मामलों की कार्यप्रणाली:
भारत में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अंतरराष्ट्रीय अपराध मामलों में सहयोग के लिए जिम्मेदार है, और यह राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB-Delhi) के माध्यम से इंटरपोल के साथ देश का संपर्क स्थापित करता है।
- इस समन्वय में केंद्रीय, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की एजेंसियाँ शामिल होती हैं, जो इंटरपोल लिऐजन अधिकारियों (ILOs) के माध्यम से कार्य करती हैं।
- यह अधिकारी यूनिट अधिकारियों (UOs) के साथ मिलकर काम करते हैं, जो आमतौर पर वरिष्ठ अधिकारी होते हैं, जैसे पुलिस अधीक्षक, पुलिस आयुक्त या उनके संबंधित संगठनों में शाखा प्रमुख।
- वर्तमान में, CBI, ILOs और UOs के बीच संवाद पारंपरिक तरीकों जैसे पत्र, ईमेल और फैक्स के माध्यम से होता है। इस प्रक्रिया में देरी हो सकती है, जो अंतरराष्ट्रीय अनुरोधों की समयबद्ध कार्रवाई पर असर डालती है।
राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB-Delhi)
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भारतपोल पोर्टल कैसे काम करेगा?
- एजेंसी की पहुँच और पहचान: केंद्रीय, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां सुरक्षित लॉगिन क्रेडेंशियल्स के माध्यम से पोर्टल तक पहुँचेंगी। इन एजेंसियों में पुलिस विभाग, केंद्रीय एजेंसियां जैसे CBI, और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां शामिल हैं। जब कोई एजेंसी अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गतिविधि से संबंधित मामला पहचानती है, तो वह पोर्टल में संबंधित विवरण दर्ज करेगी।
- अनुरोध सबमिशन और ट्रैकिंग: एक बार मामला दर्ज होने के बाद, पोर्टल कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इंटरपोल से अंतरराष्ट्रीय सहायता के लिए रीयल-टाइम अनुरोध भेजने की अनुमति देता है। ये अनुरोध रेड नोटिस (भगोड़ों के लिए), अलर्ट, या अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों से संबंधित नोटिस हो सकते हैं।
- प्रत्येक एजेंसी के पास इंटरपोल लिऐजन अधिकारी (ILOs) होते हैं, जो इन अनुरोधों को प्राप्त करते हैं और उनका प्रबंधन करते हैं। ILOs भारतीय एजेंसियों और इंटरपोल के बीच मध्यस्थ का कार्य करते हैं।
- मामले का समाधान और कार्रवाई: एक बार जब अंतरराष्ट्रीय सहायता प्रदान की जाती है और इंटरपोल या संबंधित विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपराधी को गिरफ्तार करती हैं या मामले का समाधान करती हैं, तो पोर्टल को अपडेट किया जाता है। संबंधित एजेंसियों को सूचित किया जाता है और मामला बंद या आवश्यकतानुसार आगे बढ़ाया जाता है।
चुनौतियाँ:
भारतपोल पोर्टल भारत की अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने की क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसकी सफलता कुछ प्रमुख चुनौतियों पर निर्भर करती है:
- निरंतर अपडेट्स और सुधार: पोर्टल को निरंतर अपडेट और सुधार की आवश्यकता होगी ताकि यह नए अपराधों और बदलती परिस्थितियों के अनुरूप काम कर सके।
- कानून प्रवर्तन कर्मचारियों का प्रशिक्षण: सभी संबंधित कर्मचारियों को पोर्टल के सही इस्तेमाल के लिए व्यापक प्रशिक्षण देना होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी एजेंसियां पोर्टल का सही तरीके से उपयोग कर सकें।
- वैश्विक प्रणालियों के साथ समन्वय: पोर्टल को इंटरपोल जैसी वैश्विक प्रणालियों के साथ पूरी तरह से एकीकृत करना आवश्यक है ताकि जानकारी का आदान-प्रदान बिना किसी रुकावट के हो सके।
- नियमित निगरानी और सुधार: पोर्टल की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए नियमित निगरानी और सुधार की प्रक्रिया की आवश्यकता होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि पोर्टल समय के साथ विकसित हो और नई अपराध तकनीकों का मुकाबला कर सके।
- वैश्विक एजेंसियों के साथ सहयोग: अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग बढ़ाना होगा, ताकि सीमापार अपराधों के खिलाफ एक मजबूत और प्रभावी जवाबी कार्रवाई की जा सके।
Interpol (अंतरराष्ट्रीय अपराध पुलिस संगठन)
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यूपीएससी से संबंधित पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ) प्रश्न: विभिन्न राज्यों द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को किसी विशेष राज्य में एफआईआर दर्ज करने और जांच करने के अधिकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, राज्यों का CBI को अपनी सहमति देने से मना करने का अधिकार पूर्ण नहीं है। भारत के संघीय ढांचे के संदर्भ में इसे समझाइए। (2021) |
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