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संदर्भ:
वायु प्रदूषण से भारत की सौर ऊर्जा पर प्रभाव: एक अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में सौर पैनलों की दक्षता घटेगी, जिससे देश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि मध्य शताब्दी से पहले भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 600-800 गीगावॉट-घंटे की कमी आ सकती है।
भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
मुख्य बिंदु:
- प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से सौर ऊर्जा उत्पादन पर प्रभाव:
- IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं ने पाया कि उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी पावर ग्रिड, जहाँ अधिकतर सौर पार्क स्थित हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण प्रदर्शन में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करेंगे।
- वायुमंडल में प्रदूषक तत्व सूर्य के प्रकाश को अवशोषित और बिखेर सकते हैं, जिससे पृथ्वी की सतह पर सूर्य की किरणों की तीव्रता कम हो जाती है।
भारत की सौर ऊर्जा क्षमता पर संकट:
- सौर ऊर्जा उत्पादन में गिरावट:
- भारत में हर साल लगभग 300 साफ-सुथरे आसमान वाले दिन होते हैं, फिर भी आने वाले सौर विकिरण में लगातार गिरावट देखी गई है, जिसे ‘डिमिंग’ कहा जाता है।
- जलवायु मॉडल के अनुसार, 2041-2050 तक सौर ऊर्जा उत्पादन की राष्ट्रीय औसत क्षमता में 2 से 4 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है।
- यह गिरावट मुख्य रूप से विकिरण में कमी और बढ़ते तापमान के कारण होगी।
- सौर कोशिकाओं की दक्षता में कमी:
- सौर कोशिकाओं के तापमान में 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि का अनुमान है, जिससे दक्षता में कमी आएगी।
- इसके कारण दक्षता में गिरावट के लगभग 18 अतिरिक्त दिन हो सकते हैं, विशेष रूप से सौर-समृद्ध क्षेत्रों में।
वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य:
- मध्यम वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन: इस परिदृश्य में सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 600 गीगावाट-घंटे तक की गिरावट हो सकती है।
- कमजोर जलवायु कार्रवाई और मजबूत वायु प्रदूषण नियंत्रण: इस परिदृश्य में सौर ऊर्जा उत्पादन में 840 गीगावाट-घंटे तक की कमी का अनुमान है।
उपाय और सिफारिशें:
- प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना:
- सौर ऊर्जा क्षमता को बनाए रखने के लिए प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन दोनों पर एक साथ कार्रवाई की आवश्यकता है।
- प्रदूषण को कम करके सौर विकिरण की तीव्रता को बनाए रखा जा सकता है।
- सौर पैनल की नवीन तकनीक: भविष्य में सौर कोशिकाओं को अत्याधुनिक तकनीक से विकसित करने की आवश्यकता है ताकि वे उच्च तापमान में भी कुशलता से कार्य कर सकें।
- नवीकरणीय ऊर्जा में तेजी से बदलाव: वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन दोनों को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की ओर तेजी से संक्रमण महत्वपूर्ण है।
भारत के सौर ऊर्जा लक्ष्य:
- वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन में स्थिति: भारत विश्व में सौर ऊर्जा का पाँचवाँ सबसे बड़ा उत्पादक है।
- साल 2030 तक का लक्ष्य: भारत का लक्ष्य है कि वह 2030 तक अपनी 50% बिजली गैर-जीवाश्म ईंधनों (Non-fossil Fuel Sources) से उत्पन्न करे।
- नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाना: 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना है, जिसमें एक-पाँचवां हिस्सा सौर ऊर्जा से प्राप्त किया जाएगा।
- सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना: भारत सोलर पार्कों (Solar Parks) और रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशनों (Rooftop Solar Installations) के विकास को प्रोत्साहित कर रहा है।