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एम. सुरेश को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

एम सुरेश को अगस्त 2024 से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। यह परिवर्तन सरकार द्वारा संजीव कुमार को उनके पद से मुक्त करने के निर्णय के बाद हुआ है, जो संगठन के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

  • अंतरिम अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने से पहले, एम सुरेश AAI में एयर नेविगेशन सेवाओं के सदस्य थे।
  • इस भूमिका में, उन्होंने हवाई यातायात और नेविगेशन सिस्टम का प्रबंधन करने का व्यापक अनुभव प्राप्त किया है, जो हवाई अड्डों के सुरक्षित संचालन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • वह तीन महीनों के लिए अंतरिम अध्यक्ष के पद पर रहेंगे।
  • एम सुरेश तमिलनाडु के तेनकासी जिले से हैं।
  • उनका विविध अनुभव विभिन्न क्षेत्रों के हवाई अड्डों की अलग-अलग जरूरतों को समझने में मदद कर सकता है, और भारत के विमानन क्षेत्र में विशेष चुनौतियों और अवसरों का सामना करने में सहायक हो सकता है।
  • एम सुरेश की अंतरिम अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति AAI के नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण है, जो हवाई यातायात प्रबंधन और क्षेत्रीय आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकता है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के बारे में –

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) भारत की एक प्रमुख सरकारी एजेंसी है जो देश के हवाई अड्डों और हवाई यातायात प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाती है। इसके अंतर्गत भारत के विभिन्न हवाई अड्डों का निर्माण, प्रबंधन और रखरखाव किया जाता है।

  • भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया तथा यह तत्कालीन राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण तथा भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण के विलय के माध्यम से 1 अप्रैल 1995 को अस्तित्व में आया।
  • इस विलय से एक एकल संगठन अस्तित्व में आया जिसे देश में जमीन पर एवं वायु क्षेत्र में भी नागर विमानन अवसंरचना के सृजन, उन्नयन, अनुरक्षण एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई।
  • भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण 137 विमानपत्तनों का प्रबंधन करता है, जिसमें 23 अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन (3 अंतर्राष्ट्रीय सिविल एन्क्लेव सहित), 10 सीमा शुल्क विमानपत्तन (4 सीमा शुल्क सिविल एन्क्लेव सहित), 81 घरेलू विमानपत्तन तथा रक्षा वायु क्षेत्रों में 23 घरेलू सिविल एन्क्लेव शामिल हैं।
  • भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण 8 मिलियन वर्ग नाटिकल मील के हवाई अंतरिक्ष में हवाई नेविगेशन की सुविधाएं उपलब्ध कराता है।

मुख्य कार्य:

  1. हवाई अड्डों का प्रबंधन: AAI भारत के प्रमुख हवाई अड्डों को संचालित और नियंत्रित करती है, जिसमें नई सुविधाओं का विकास और मौजूदा ढांचों का रखरखाव शामिल है।
  2. हवाई यातायात नियंत्रण: AAI हवाई यातायात प्रबंधन और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है, ताकि हवाई यात्राएं सुरक्षित और समय पर चल सकें।
  3. नवीन सुविधाओं का विकास: AAI हवाई अड्डों पर नई सुविधाओं और तकनीकी उन्नति का कार्यान्वयन करती है, जैसे कि आधुनिक टर्मिनल, रनवे और संचार प्रणाली।
  4. सुरक्षा और मानक: AAI हवाई अड्डों पर सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करती है और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षा उपाय लागू करती है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के कार्य इस प्रकार हैं:

  1. अंतर्राष्ट्रीय एवं घरेलू विमानपत्तनों तथा सिविल एंक्लेरव की डिजाइन, विकास, प्रचालन एवं अनुरक्षण।
  2. आईसीएओ द्वारा यथा स्वीकृत देश की भौगोलिक सीमाओं के बाद भारतीय वायु अंतरिक्ष का नियंत्रण एवं प्रबंधन।
  3. यात्री टर्मिनलों का निर्माण, सुधार एवं प्रबंधन।
  4. अंतर्राष्ट्रीय एवं घरेलू विमानपत्तनों पर कार्गो टर्मिनलों का विकास एवं प्रबंधन।
  5. विमानपत्त्नों के यात्री टर्मिनलों पर यात्री सुविधाओं एवं सूचना प्रणाली का प्रावधान।
  6. प्रचालन क्षेत्र अर्थात रनवे, एप्रन, टैक्सी वे आदि का विस्ता्र एवं सुदृढ़ीकरण।
  7. विजुअल एड्स का प्रावधान।
  8. संचार एवं नेविगेशन एड्स अर्थात आईएलएस, डीवीओआर, डीएमई, रडार आदि का प्रावधान।

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