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WHO से बाहर हुआ अमेरिका

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संदर्भ:

हाल ही में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से हटने का निर्णय लिया।

अमेरिका की WHO से बाहर होने के कारण:

  1. अप्रभावी होने के आरोप: ट्रम्प ने WHO को एक अप्रभावी संस्था के रूप में आलोचना की, उदाहरणस्वरूप, WHO COVID-19 महामारी को नियंत्रित करने में असफल रहा।
  2. भेदभावपूर्ण कार्यप्रणाली: अमेरिका का आरोप है कि WHO की कार्यप्रणाली भेदभावपूर्ण है, क्योंकि यह विकसित देशों से धन एकत्र कर विकासशील देशों पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है।
  3. पक्षपाती होने के आरोप: ट्रम्प का कहना है कि WHO अमेरिका के हितों के खिलाफ पक्षपाती है, क्योंकि इसने COVID-19 के फैलने की सही जानकारी अमेरिकी अधिकारियों को समय पर नहीं दी।
  4. चीन का प्रभाव: ट्रम्प का आरोप है कि WHO के वर्तमान निदेशक सामान्य रूप से चीन के प्रभाव में हैं, और चीन सार्वजनिक संबंध और बैकडोर फंडिंग के जरिए संगठन की साख को कमजोर कर रहा है।
  5. अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव: अमेरिका WHO को वार्षिक धन का लगभग 15% देता है, जिससे यह सबसे बड़ा योगदानकर्ता बनता है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जो राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।

अमेरिका के WHO से बाहर होने का प्रभाव:

  1. वित्तीय संकट: अमेरिका WHO के कुल वार्षिक फंड का लगभग 15% योगदान देता था, जिससे उसकी वापसी से फंडिंग में कमी आएगी।
  2. कार्य संचालन पर असर: फंड और संसाधनों की कमी से WHO की योजनाएं, जैसे मुफ्त वैक्सीन वितरण, प्रभावित हो सकती हैं।
  3. छवि पर असर: अमेरिका की वैश्विक साख और कूटनीतिक प्रभाव WHO की विश्वसनीयता को बनाए रखते थे, अमेरिका के हटने से WHO की छवि को नुकसान हो सकता है।
  4. अन्य देशों का प्रभाव: अमेरिका के हटने से अन्य देश भी WHO से बाहर हो सकते हैं, जिससे फंडिंग का बोझ और बढ़ जाएगा।
  5. भविष्य की महामारी का खतरा: WHO की ‘वन हेल्थ’ और ‘GAVI वैक्सीन एलायंस’ जैसी योजनाएं कमजोर पड़ सकती हैं, जिससे भविष्य में महामारी से निपटने की क्षमता घट सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बारे में:

  • स्थापना: WHO एक संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है, जिसे 1948 में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, दुनिया को सुरक्षित रखने और असहायों की सेवा करने के लिए स्थापित किया गया था।
  • संविधान: WHO का संविधान 1946 में अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सम्मेलन द्वारा अपनाया गया था और 61 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था।
  • प्रवर्तन: संविधान 7 अप्रैल 1948 को प्रभाव में आया, जिसे अब प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • सदस्य देश: वर्तमान में WHO के 194 सदस्य देश हैं।
  • भारत की सदस्यता: भारत ने 12 जनवरी 1948 को WHO संविधान की सदस्यता प्राप्त की।
  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड।
  • शासन संरचना:
    • WHO का शासनविश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा किया जाता है, जो मुख्य निर्णय-निर्माण निकाय है।
    • कार्यकारी बोर्डसभा के निर्णयों को लागू करता है।
    • WHO केनिर्देशकमहानिदेशक की नियुक्ति स्वास्थ्य सभा द्वारा कार्यकारी बोर्ड की नामजदगी पर की जाती है।

WHO के महत्वपूर्ण उद्देश्य:

  1. वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार: WHO का प्रमुख उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार करना है।
  2. रोग रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन: WHO रोगों की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है, साथ ही स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
  3. वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों पर नेतृत्व: WHO वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों पर नेतृत्व प्रदान करता है, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए मानक स्थापित करता है, और देशों को तकनीकी सहायता और समर्थन प्रदान करता है।
  4. साझेदारी और सहयोग: WHO विभिन्न साझेदारों के साथ सहयोग करता है, जिसमें अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां, सरकारें, नागरिक समाज संगठन और निजी क्षेत्र शामिल हैं।

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