संदर्भ:
एंटी डंपिंग ड्यूटी (Anti Dumping Duty): स्थानीय उद्योगों की रक्षा के लिए भारत ने पांच चीनी उत्पादों पर एंटी–डंपिंग शुल्क लगाया है। यह कदम सस्ते आयात से घरेलू निर्माताओं को होने वाले नुकसान को रोकने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। एंटी डंपिंग ड्यूटी एक सुरक्षात्मक शुल्क (Protectionist Levy) है, जिसे घरेलू सरकार उन विदेशी वस्तुओं पर लगाती है जिन्हें वह कम कीमत पर बेचा जा रहा मानती है।
एंटी डंपिंग ड्यूटी (Anti Dumping Duty) के बारे में :
- उद्देश्य: एंटी डंपिंग ड्यूटी (Anti Dumping Duty) का उद्देश्य घरेलू बाजार में बेचे जा रहे ऐसे सस्ते आयातित उत्पादों को रोकना है, जो घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
- आवश्यकता: कई देश उन उत्पादों पर टैरिफ (Tariff) लगाते हैं, जिन्हें वे अपने घरेलू बाजार में डंप किए जाने (बहुत सस्ती कीमत पर बेचा जाने) के रूप में मानते हैं। इसका उद्देश्य अपनी अर्थव्यवस्था की रक्षा करना है।
- उचित व्यापार सुनिश्चित करना: एंटी डंपिंग का उद्देश्य घरेलू उद्योग को संरक्षण देना नहीं, बल्कि उचित व्यापार (Fair Trade) की गारंटी देना है। यह WTO के नियमों के अनुसार एक वैध व्यापार सुधारात्मक उपाय है।
काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD) vs एंटी–डंपिंग ड्यूटी (Anti Dumping Duty):
- एंटी–डंपिंग ड्यूटी (Anti Dumping Duty) उन सस्ते विदेशी उत्पादों पर लगाई जाती है, जो स्थानीय बाजार को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- CVD उन विदेशी उत्पादों पर लागू होती है, जिन्हें उनकी सरकार से सब्सिडी मिली होती है, जिससे उनकी कीमतें बहुत कम हो जाती हैं।
- एंटी-डंपिंग ड्यूटी की राशि “डंपिंग मार्जिन” पर निर्भर करती है, जबकि CVD की राशि “सब्सिडी मूल्य” के आधार पर तय होती है।