5 सितंबर 2024 को, संयुक्त यूरोपीय-जापानी बेपीकोलंबो मिशन (BepiColombo Mission) ने बुध ग्रह के पास से अपनी चौथी सफल उड़ान भरी। यह मिशन 2026 से बुध ग्रह की परिक्रमा शुरु करेगा।
बेपीकोलंबो मिशन: उद्देश्य और संरचना
- मिशन का परिचय: बेपीकोलंबो मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के बीच एक संयुक्त प्रयास है, जिसका उद्देश्य बुध ग्रह की गहन जांच करना है। मिशन में दो प्रमुख अंतरिक्ष यान शामिल हैं:
- ESA का मरकरी प्लैनेटरी ऑर्बिटर (MPO): बुध ग्रह की सतह और आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगा।
- JAXA का मरकरी मैग्नेटोस्फेरिक ऑर्बिटर (MIO): बुध ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र का विश्लेषण करेगा।
- इस मिशन को 20 अक्टूबर 2018 को लॉन्च किया गया था।
- इसका नाम ग्यूसेप “बेपी” कोलंबो के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने बुध ग्रह की कक्षा को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
- अभी तक सिर्फ दो अन्य अंतरिक्ष यान बुध ग्रह तक पहुंचने में सफल रहे हैं। उनका नाम हैं- नासा का मेरिनर 10 और मैसेंजर।
मिशन के उद्देश्य:
बेपीकोलंबो मिशन के मुख्य उद्देश्य हैं:
- बुध ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन
- बुध ग्रह की सतह और आंतरिक संरचना का अध्ययन
- बुध ग्रह के वायुमंडल का अध्ययन
- बुध ग्रह के गठन और विकास का अध्ययन
चुनौतियाँ:
बुध ग्रह के पास एक अंतरिक्ष यान भेजना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। सूर्य का मजबूत गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष यान को अपनी ओर खींचता है, जिससे इसे बुध ग्रह की कक्षा में स्थापित करना मुश्किल हो जाता है।
बुध ग्रह की विशेषताएं-बुध ग्रह की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:
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भविष्य की संभावनाएं
बेपीकोलंबो मिशन से प्राप्त डेटा हमें बुध ग्रह के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी देगा। यह हमें सौरमंडल के निर्माण और विकास के बारे में भी बेहतर समझने में मदद करेगा।
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