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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बंगाली रंगमंच की अग्रणी अभिनेत्री बिनोदिनी दासी को सम्मानित करने के लिए कोलकाता के प्रतिष्ठित स्टार थिएटर का नाम बदलकर ‘बिनोदिनी मंच’ रखने की घोषणा की है।
बिनोदिनी दासी के बारे में:
- प्रारंभिक जीवन:
- जन्म: 1862 में कोलकाता के एक उपनगर में, जो उस समय रेड-लाइट क्षेत्र के रूप में जाना जाता था।
- पारिवारिक पृष्ठभूमि: एक तवायफ की बेटी, जिन्होंने बचपन से ही गरीबी का सामना किया।
- रंगमंच में प्रवेश:
- 12 वर्ष की आयु में अभिनय की शुरुआत, थिएटर गायिका गंगाबाई के मार्गदर्शन में।
- प्रसिद्ध नाटककार गिरीश चंद्र घोष से अभिनय की बारीकियां सीखीं।
- योगदान:
- महिला पात्रों के साथ-साथ पुरुष पात्रों, जैसे संत चैतन्य, की भूमिका निभाकर रंगमंच में नवाचार किया।
- गिरीश चंद्र घोष के साथ मिलकर 1883 में स्टार थिएटर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- चुनौतियाँ:
- समाज की पूर्वाग्रहपूर्ण दृष्टिकोण और पितृसत्तात्मक मानसिकता का सामना किया।
- स्टार थिएटर का नाम उनके सम्मान में रखने का वादा किया गया था, लेकिन अंततः ऐसा नहीं हुआ।
- अवकाश और लेखन:
- 23 वर्ष की आयु में रंगमंच से संन्यास लिया।
- 1913 में आत्मकथा ‘आमार कथा’ प्रकाशित की, जिसमें अपने जीवन की चुनौतियों और अनुभवों का वर्णन किया।
- महत्व: बिनोदिनी दासी ने भारतीय रंगमंच में महिलाओं की भागीदारी के लिए मार्ग प्रशस्त किया और समाज की बाधाओं के बावजूद अपनी कला के प्रति समर्पण दिखाया।
- सांस्कृतिक सम्मान: स्टार थिएटर का नाम बदलकर ‘बिनोदिनी मंच’ रखना उनके योगदान की स्वीकृति और सम्मान का प्रतीक है, जो भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।