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ब्लड मनी क्या हैं?

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संदर्भ:

यमन की एक अदालत द्वारा केरल की नर्स को सुनाई गई मौत की सजा, उसके बरी होने और स्वदेश वापसी के लिए किए जा रहे प्रयास, जिसमें पीड़ित के परिवार को ‘ब्लड मनी’ के रूप में आर्थिक मुआवजा देना शामिल है, ने ‘ब्लड मनी’ और इसके प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया है।

ब्लड मनी का अर्थ:

  • परिभाषा: ‘ब्लड मनी’ (अरबी में दिया”) एक वित्तीय मुआवजा है जो हत्या, शारीरिक हानि, या संपत्ति के नुकसान के मामलों में पीड़ित या उनके उत्तराधिकारियों को इस्लामी कानून के तहत दिया जाता है।
  • उद्देश्य:
    • यह क़िसास (प्रतिशोध) के सिद्धांत का विकल्प होता है।
    • माफी और समझौते को बढ़ावा देता है।
    • प्रतिशोध के चक्रों को रोकने और संघर्ष को टालने के लिए मुआवजा प्रदान करता है।

ब्लड मनी कैसे काम करता है?

  1. समझौता (Reconciliation):
    • ब्लड मनी आमतौर पर अपराधी और पीड़ित के परिवार के बीच समझौते के रूप में तय किया जाता है।
    • न्यायिक निगरानी यह सुनिश्चित करती है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष हो।
  2. राशि का निर्धारण (Amount Determination): इस्लामी देशों में, पीड़ित के लिंग, धर्म और राष्ट्रीयता जैसी विशेषताएँ मुआवजे की राशि को प्रभावित करती हैं।
  3. कानूनी द्वैत (Legal Duality): जब ब्लड मनी स्वीकार किया जाता है, तब भी राज्य अलग से दंडात्मक कदम उठा सकता है, जैसे कारावास या जुर्माना, ताकि सार्वजनिक व्यवस्था बनी रहे।

आधुनिक उपयोग में ‘ब्लड मनी‘:

  1. इस्लामी देशों में उपयोग: कई इस्लामी देशों में ‘ब्लड मनी’ कानूनों का पालन किया जाता है, जिनमें मुआवजे की गणना का तरीका अलग-अलग होता है।
  2. सऊदी अरब में: सऊदी अरब में ट्रैफिक दुर्घटनाओं में ‘ब्लड मनी’ अनिवार्य है और अपराधी को कारावास भी दिया जाता है।
  3. ईरान, पाकिस्तान और सऊदी अरब:
    • इन देशों में ‘ब्लड मनी’ कानून लिंग, धर्म और राष्ट्रीयता के आधार पर अलग-अलग होते हैं।
    • ईरान में एक महिला को पुरुष के मुकाबले आधी मुआवजा राशि दी जाती है, हालांकि इसे समान बनाने के प्रयास किए गए हैं।
  4. पाकिस्तान: पाकिस्तान में ‘ब्लड मनी’ और प्रतिशोध को कानूनी प्रणाली में शामिल किया गया है।
  5. यमन: यमन में भी पक्षों को मुआवजे के समझौते तक पहुँचने की अनुमति है, जिसमें न्यायिक निगरानी होती है।

भारत का ‘ब्लड मनीपर रुख:

  1. कानूनी प्रणाली में अनुपस्थिति: भारतीय कानूनी प्रणाली में ‘दिया’ (ब्लड मनी) को मुआवजे के रूप में नहीं अपनाया गया है। भारत में हत्या या गंभीर अपराधों में पीड़ितों या उनके परिवारों के लिए वित्तीय मुआवजे का विकल्प नहीं है।
  2. कानूनी प्रक्रिया: भारतीय कानून में औपचारिक कानूनी प्रक्रियाओं और आपराधिक न्याय प्रणाली पर जोर दिया गया है, जिसमें ‘ब्लड मनी’ का कोई स्थान नहीं है।
  3. प्ली बारगेनिंग (Plea Bargaining):
    • 2005 के अपराध कानून (संशोधन) अधिनियम के तहत प्ली बारगेनिंग की प्रक्रिया लागू की गई, जो कुछ मामलों में अभियुक्त और अभियोजन पक्ष के बीच समझौते की अनुमति देती है।
    • इस प्रक्रिया के तहत पीड़ितों को विशिष्ट शर्तों पर मुआवजा मिलने की संभावना होती है, लेकिन यह केवल कुछ अपराधों तक सीमित है और इसमें इस्लामी कानून के तहत दिए जाने वाले ‘दिया’ के सांस्कृतिक और सामाजिक आयाम नहीं आते।

हालिया उदाहरण:

  1. 2006: सऊदी अरब में अब्दुल रहीम की सजा ₹34 करोड़ भुगतान पर माफ, लेकिन जेल में ही रहे।
  2. 2009: UAE में 17 भारतीयों को ₹4 करोड़ भुगतान पर माफ किया गया।
  3. 2017: UAE में 10 भारतीयों को 200,000 दिरहम भुगतान पर माफी मिली।
  4. 2019: कुवैत में अर्जुनन अथिमुथु की सजा ₹30 लाख भुगतान के बाद उम्र भर सजा में बदली।
  5. निमिषा प्रिया: ईरान ने केस की समीक्षा का आश्वासन दिया, परिणाम अनिश्चित।

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