रूस के सोची में ब्रिक्स के तहत दूसरी और अंतिम रोजगार कार्य समूह (EWG) की बैठक आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रम और रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. महेंद्र कुमार ने किया।
ब्रिक्स रोजगार कार्य समूह: एक विस्तृत जानकारी
- ब्रिक्स रोजगार कार्य समूह ब्रिक्स देशों का एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों में रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा और श्रम बाजार से संबंधित मुद्दों पर सहयोग को बढ़ावा देना है।
- यह समूह ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- 2016 में हैदराबाद में ब्रिक्स रोजगार कार्य समूह की पहली बैठक आयोजित की गई थी।
ब्रिक्स रोजगार कार्य समूह का उद्देश्य:
- रोजगार सृजन: ब्रिक्स देशों में युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना और बेरोजगारी की समस्या से निपटना।
- सामाजिक सुरक्षा: सभी नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत बनाना।
- श्रम बाजार सुधार: श्रम बाजार को अधिक लचीला और उत्पादक बनाने के लिए नीतिगत सुधार करना।
- कौशल विकास: कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर श्रम बाजार की मांग के अनुरूप कौशल विकसित करना।
- अंतरराष्ट्रीय श्रम मानकों को बढ़ावा देना: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के मानकों को अपनाने और लागू करने को बढ़ावा देना।
दूसरी और अंतिम रोजगार कार्य समूह (EWG) की बैठक की मुख्य बातें:
- मंत्रिस्तरीय घोषणा का मसौदा: बैठक का प्रमुख ध्यान मंत्रिस्तरीय घोषणा के मसौदे को अंतिम रूप देने पर था।
- विचार-विमर्श: पिछली बैठकों के परिणामों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्श किया।
- प्राथमिकता वाले क्षेत्र: जीवन भर सीखने की रणनीति, व्यावसायिक मार्गदर्शन, रोजगार सेवाओं का आधुनिकीकरण, सुरक्षित और स्वस्थ कामकाजी परिस्थितियों को सुनिश्चित करना, और सामाजिक समर्थन व्यवस्था पर चर्चा की गई।
प्रतिनिधियों की भागीदारी:
- ब्रिक्स सदस्य देश: ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि।
- नए सदस्य देश: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मिस्र, ईरान के प्रतिनिधि।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (ISSA) के प्रतिनिधि।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख सलाह:
- पुन: कौशल और उन्नयन: कार्यबल की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए कौशल विकास और उन्नयन की आवश्यकता पर बल दिया गया।
ब्रिक्स (BRICS) :ब्रिक्स (BRICS) उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के एक संघ का शीर्षक है। इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इन्हीं देशों के अंग्रेज़ी में नाम के प्रथमाक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है। इसकी स्थापना 2009 में हुई, और इसके ५ सदस्य देश है। ब्रिक्स की स्थापना और विकास:
ब्रिक्स का उद्देश्य:
ब्रिक्स की उपलब्धियां:
ब्रिक्स का विस्तार:वर्ष 2023 में ब्रिक्स देशों ने मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नए सदस्य के रूप में शामिल किया। ब्रिक्स समूह का वैश्विक प्रभाव बढ़ रहा है और यह विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन रहा है। ब्रिक्स (BRICS) में वर्तमान में कुल 11 सदस्य देश हैं:मूल सदस्य:
नए सदस्य:
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