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संदर्भ:
बौद्ध विषयगत सर्किट: पर्यटन मंत्रालय Swadesh Darshan (SD) और Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive (PRASHAD) योजनाओं के तहत राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है। इन योजनाओं के तहत बौद्ध पर्यटन के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
बौद्ध विषयगत सर्किट के बारे में:
- स्वदेश दर्शन योजना के तहत ‘बौद्ध सर्किट‘ को एक थीमेटिक सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- इससे बौद्ध तीर्थ स्थलों का आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और बौद्ध पर्यटन से जुड़ी पहल
संरक्षण और सार्वजनिक सुविधाएं:
- संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संरक्षित स्मारकों के संरक्षण और रखरखाव का कार्य करता है।
- विभिन्न स्मारकों, विशेष रूप से संरक्षित बौद्ध स्थलों पर सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध कराए जाते हैं।
पहला एशियाई बौद्ध सम्मेलन (ABS):
- पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन 5 से 6 नवंबर तक दिल्ली में आयोजित किया गया।
- इस सम्मेलन का उद्देश्य एशियाई देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना था।
- सम्मेलन में 26 एशियाई देशों के 130 विदेशी प्रतिनिधि, 12 देशों के राजनयिक और महाायान एवं थेरवाद परंपरा के 40-40 भिक्षु शामिल हुए।
- एशियाई बौद्ध सम्मेलन प्रत्येक दो वर्ष में आयोजित किया जाएगा।
बौद्ध पर्यटन विकास से जुड़ी प्रमुख योजनाएं
- PRASHAD योजना: युक्सोम, सिक्किम में चार संरक्षक संतों के तीर्थस्थल के विकास के लिए ₹33.32 करोड़ की परियोजना 2020-21 में मंजूर हुई।
- SASCI योजना (विशेष सहायता योजना): पर्यटन मंत्रालय ने आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटरों के वैश्विक स्तर पर विकास हेतु दिशा-निर्देश जारी किए।
- भारत सरकार ने 26 नवंबर 2024 को ‘श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश‘ में ‘समेकित बौद्ध पर्यटन विकास‘ परियोजना को मंजूरी दी।
- इस परियोजना की कुल लागत ₹80.24 करोड़ निर्धारित की गई।