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हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय व्यापार आयोग (FTC) ने क्लिक-टू-कैंसिल नियम लागू किए हैं, जिनका मकसद उपभोक्ताओं के लिए सदस्यता रद्द करना आसान बनाना है। ये नियम खासकर उन मामलों पर ध्यान देते हैं जहां कंपनियाँ मान लेती हैं कि ग्राहक ने उनकी सेवाओं को तब तक स्वीकार कर लिया है जब तक वे खुद से इसे अस्वीकार नहीं करते।
नए नियमों की खास बातें:
- आसान रद्दीकरण: जिस तरह से उपभोक्ताओं ने सदस्यता ली थी, उसी तरह से उन्हें इसे रद्द करने का विकल्प दिया जाना चाहिए। अगर आपने ऑनलाइन सदस्यता ली थी, तो रद्दीकरण भी ऑनलाइन ही होना चाहिए।
- प्रतिनिधियों से बात करने की जरूरत नहीं: कंपनियां उपभोक्ताओं को सदस्यता रद्द करने के लिए फोन पर या वर्चुअल प्रतिनिधियों से बात करने के लिए मजबूर नहीं कर सकतीं, अगर साइन अप करते समय ऐसा करने की जरूरत नहीं थी।
- कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं: कंपनियां रद्द करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकतीं और उन्हें सामान्य कार्य समय के दौरान फोन का जवाब देना होगा।
- विकल्प देना जरूरी: अगर आपने सदस्यता व्यक्तिगत रूप से ली थी, तो कंपनियों को फोन या ऑनलाइन रद्द करने का विकल्प भी देना होगा।
क्लिक-टू-कैंसिल नियम नियम किन पर लागू होंगे?
ये नियम लगभग सभी प्रकार की सदस्यता योजनाओं पर लागू होंगे, जैसे:
- पहले से सूचना देकर मिलने वाली सेवाएं
- स्वचालित नवीनीकरण योजनाएं
- मुफ्त परीक्षण के बाद सेवाएं
नियमों का उद्देश्य: ये नियम 1973 के पुराने नियमों की समीक्षा के हिस्से के रूप में लाए गए हैं, ताकि डिजिटल दौर में कंपनियों की अनुचित या भ्रामक प्रथाओं पर रोक लगाई जा सके। FTC को इस तरह की सदस्यता योजनाओं के बारे में कई शिकायतें मिली हैं, जिनका समाधान ये नए नियम करेंगे।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में “नकारात्मक विकल्प” विपणन कार्यक्रमों के कारण उपभोक्ताओं में असंतोष तेजी से बढ़ रहा है। FTC को हर साल हज़ारों शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें उपभोक्ता यह बताते हैं कि उन्हें सदस्यता सेवाओं को रद्द करने में परेशानी होती है।
- 2024 में, इन शिकायतों की संख्या बढ़कर लगभग 70 प्रति दिन हो गई, जबकि 2021 में यह संख्या 42 थी।
- 2022 में CR रिसर्च द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 42% उपभोक्ता भूल जाते हैं कि वे उन सेवाओं के लिए भुगतान कर रहे हैं जिनका वे उपयोग नहीं कर रहे।
- साथ ही, कई ग्राहक अपनी सदस्यता की वास्तविक मासिक लागत को औसतन $133 कम समझते हैं, यानी उन्हें सही लागत का अंदाज़ा नहीं होता। यह दर्शाता है कि लोग अनजाने में उन सेवाओं के लिए भुगतान कर रहे हैं, जिनकी उन्हें ज़रूरत नहीं है।
संघीय व्यापार आयोग (FTC) के बारे में:संघीय व्यापार आयोग (FTC) अमेरिकी संघीय सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है, जिसकी स्थापना 1914 में “फेडरल ट्रेड कमीशन एक्ट” के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा करना और व्यापारिक गतिविधियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। FTC निम्नलिखित क्षेत्रों में काम करता है: 1. अनुचित या भ्रामक व्यापार प्रथाओं को रोकना: FTC यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी, भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापारिक गतिविधियों का सामना न करना पड़े। यह व्यापार और विपणन प्रथाओं पर नज़र रखता है। 2. अविस्वास कानून लागू करना: FTC प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों पर कार्रवाई करता है, जैसे कि अवैध एकाधिकार और प्रतिस्पर्धा को रोकने वाले समझौते। इसका मकसद स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखना है। 3. विज्ञापन और विपणन प्रथाओं का नियंत्रण: FTC यह सुनिश्चित करता है कि उत्पादों और सेवाओं से जुड़े विज्ञापन सही और सटीक हों, ताकि उपभोक्ता गलत जानकारी से प्रभावित न हों। 4. उपभोक्ता ऋण प्रथाओं का नियंत्रण: FTC यह देखता है कि उधार देने की शर्तें और ब्याज दरें पारदर्शी और उपभोक्ताओं के हित में हों, ताकि लोग बेहतर वित्तीय निर्णय ले सकें। |
भारत में स्थिति: भारत में अभी तक इस तरह के नियम नहीं हैं, लेकिन अगर ऐसे नियम लागू होते हैं, तो उपभोक्ताओं को सदस्यता रद्द करने में आसानी होगी और उनके अधिकारों की बेहतर सुरक्षा हो सकेगी।
निष्कर्ष: FTC के ये नए नियम उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा फायदा हैं। इससे उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी, और कंपनियों को जवाबदेह बनाया जाएगा। भारत में भी इस तरह के नियमों की जरूरत महसूस की जा सकती है ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सुरक्षा मिले।
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