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संदर्भ:
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 49वें सिविल अकाउंट्स डे समारोह में घोषणा की कि सरकार की 1,200 योजनाओं में से 1,100 अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत आ गई हैं। इससे लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में धन हस्तांतरित किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और कुशलता बढ़ी है।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के बारे में:
- शुरुआत: 2013
- उद्देश्य:
- नकद सब्सिडी और लाभ स्थानांतरण की प्रणाली में सुधार करना।
- रिसाव (leakages) को कम करना, तेजी से लाभ पहुंचाना और फंड ट्रांसफर में देरी को समाप्त करना।
सहायता का दायरा:
- नकद हस्तांतरण (Cash Transfers)
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN):किसानों को आर्थिक सहायता।
- पेंशन योजनाएँ:वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन।
- छात्रवृत्तियाँ:शैक्षिक सहायता के लिए।
- वस्तु आधारित सहायता (In-Kind Support)
- उर्वरक सब्सिडी (Fertilizer Subsidy):किसानों को उर्वरकों पर सब्सिडी।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS):खाद्यान्न वितरण।
- पीएम पोषण (PM Poshan):स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना।
डीबीटी (DBT) से जुड़ी प्रमुख केंद्रीय योजनाएँ:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
- प्रकार: केंद्रीय क्षेत्र योजना (Central Sector DBT Scheme)।
- लाभ: सभी पात्र भूमिधारी किसान परिवारों को सालाना ₹6000/- की वित्तीय सहायता।
- विशेष शर्तें: कुछ अपात्रता मानदंड लागू।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS)
- उद्देश्य: ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुरक्षा बढ़ाना।
- लाभ: मजदूरी का भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक/डाकघर खातों में डीबीटी के माध्यम से।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)
- उद्देश्य: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (PW&LM) में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाना।
- लाभ: DBT के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- प्रधानमंत्री आवास योजना– ग्रामीण (PMAY-G)
- उद्देश्य: “सबके लिए आवास” लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पात्र ग्रामीण परिवारों को 95 करोड़ घर उपलब्ध कराना।
- लाभ: लाभार्थियों को सीधे बैंक खाते में राशि स्थानांतरित करना।
भारत में DBT इकोसिस्टम का प्रभाव:
- योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन: 2016 से अब तक DBT के जरिए450 योजनाओं के तहत 900 मिलियन लोगों को $450 बिलियन का सीधा लाभ।
- यह केंद्र सरकार की कल्याणकारी और सब्सिडी बजट का 60% है।
- COVID-19 में मदद: मार्च-अप्रैल 2020 में ₹27,442 करोड़ (PM-KISAN, MGNREGS आदि)11.42 करोड़ लाभार्थियों को।
- राज्यों ने ₹9,217 करोड़ 4.59 करोड़ लोगों तक पहुंचाए।
- वित्तीय समावेशन: PMJDY के तहत 53.13 करोड़ बैंक खाते, जिनमें से67% ग्रामीण क्षेत्रों में और 56% महिलाओं के नाम।
- पारदर्शिता और बचत: आधार-सीडिंग से 90 मिलियन फर्जी लाभार्थी हटाए, जिससे $40 बिलियन की बचत हुई।
- पहले लीक होने वाली सब्सिडी GDP के 2% तक थी।
- सामाजिक–आर्थिक प्रभाव:
- पुनर्वास योजनाओं से सामाजिक उत्थान, जैसे स्व-रोजगार योजना।
- किसानों को सीधी आर्थिक सहायता, खाद, बीमा योजनाएं।
- महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता, PM गरीब कल्याण योजना के तहत जन धन खातों में नकद हस्तांतरण।