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भारत ने ब्राजील में आयोजित जी-20 के आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह (DRRWG) की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया, जिसमें जी-20 देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने एक महत्वपूर्ण घोषणापत्र को अपनाया। इस घोषणापत्र में सेंडाइ फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए अधिक कार्यवाही की आवश्यकता पर बल दिया गया और आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने, प्रकृति-आधारित समाधान और पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता को स्वीकार किया गया।
जी-20 के DRRWG के बारे में:
भारत की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत 2023 में स्थापित DRRWG का उद्देश्य जी-20 कार्यों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण को एकीकृत करना है। इसके पाँच प्राथमिकता वाले क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
- पूर्व चेतावनी प्रणाली: आपदाओं की पूर्व सूचना प्रदान करना।
- आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना: आपदाओं का सामना कर सकने वाली संरचनाओं का निर्माण।
- डीआरआर वित्तपोषण: आपदा न्यूनीकरण के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना।
- आपदा पुनर्प्राप्ति, पुनर्वास और पुनर्निर्माण: आपदा के बाद के राहत कार्यों को मजबूत करना।
- प्रकृति-आधारित समाधान और पारिस्थितिकी तंत्र दृष्टिकोण: प्राकृतिक समाधान और पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करके जोखिम न्यूनीकरण करना।
सेंडाइ फ्रेमवर्क (2015-30) के बारे में:
सेंडाइ फ्रेमवर्क 2015 में जापान के सेंडाइ में आयोजित संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन में अपनाया गया था। यह एक 15-वर्षीय गैर-बाध्यकारी समझौता है जो 7 मुख्य लक्ष्यों पर केंद्रित है और ह्योगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन (2005-15) का उन्नत संस्करण है। इसका उद्देश्य आपदा जोखिम और उससे होने वाले जीवन, आजीविका, स्वास्थ्य तथा भौतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय परिसंपत्तियों को होने वाले नुकसान को कम करना है।
सेंडाइ फ्रेमवर्क की प्राथमिकताएं:
- आपदा जोखिम को समझना: जोखिमों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाना।
- आपदा जोखिम प्रबंधन को मजबूत करना: आपदा प्रबंधन प्रणालियों को सुदृढ़ बनाना।
- लचीलेपन के लिए डीआरआर में निवेश: आपदा से निपटने की क्षमता को बढ़ाना।
- प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए तैयारी: आपदाओं के प्रभावी नियंत्रण के लिए तैयारी करना।
- पुनर्प्राप्ति, पुनर्वास और पुनर्निर्माण में “बेहतर पुनर्निर्माण”: आपदा के बाद स्थायी और सुरक्षित पुनर्निर्माण।
जी-20 आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह (DRRWG) के बारे में:
वर्ष 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत स्थापित आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह (Disaster Risk Reduction Working Group) का उद्देश्य जी-20 के कार्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण को एकीकृत करना और विकासशील देशों को आपदा प्रबंधन में सहायता प्रदान करना है। यह समूह आपदा जोखिम को कम करने और लचीलापन बढ़ाने के लिए अच्छे तरीकों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के साथ-साथ मार्गदर्शन दस्तावेजों और सामान्य दृष्टिकोणों का विकास करता है। इस प्रयास में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में आपदा जोखिम न्यूनीकरण को बढ़ावा दिया जाता है।
कार्य समूह की प्राथमिकता वाले क्षेत्र:
यह कार्य समूह आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है:
- असमानताओं का मुकाबला और कमजोरियों को कम करना – सामाजिक असमानताओं और विभिन्न कमजोरियों को कम करके आपदाओं के प्रभाव को न्यूनतम करना।
- सार्वभौमिक कवरेज हेतु पूर्व चेतावनी प्रणाली – सभी के लिए पहले से चेतावनी देने वाली प्रणाली का निर्माण, ताकि संभावित आपदाओं से नागरिकों को समय रहते सुरक्षित किया जा सके।
- आपदा एवं जलवायु अनुकूल अवसंरचना – ऐसी अवसंरचना का निर्माण करना जो आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सह सके और अधिक लचीली हो।
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए वित्तपोषण रूपरेखा – आपदा जोखिम को कम करने के लिए वित्तीय स्रोतों और योजनाओं का विकास।
- आपदा पुनर्प्राप्ति, पुनर्वास और पुनर्निर्माण – आपदाओं के बाद पुनर्प्राप्ति, पुनर्वास, और पुनर्निर्माण के प्रयासों को प्रभावी बनाने पर केंद्रित गतिविधियाँ।
- प्राकृतिक समाधान और पारिस्थितिकी तंत्र-आधारित दृष्टिकोण – पर्यावरणीय दृष्टिकोण से आपदा जोखिम न्यूनीकरण के प्रयास, जैसे प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग और पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण।
इस बैठक और सेंडाइ फ्रेमवर्क का उद्देश्य आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान को कम करना और मानव जीवन, संपत्ति और पर्यावरण की सुरक्षा को बढ़ाना है।
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