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संदर्भ:
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के प्रथम अग्रिम अनुमान (first advance estimates) जारी किए हैं।
वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के प्रथम अग्रिम अनुमान के बारे में:
- अग्रिम अनुमान: GDP के अग्रिम अनुमान संकेतकों पर आधारित होते हैं और बेंचमार्क-संकेतक विधि का उपयोग करके संकलित किए जाते हैं।
- डेटा स्रोत: डेटा विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और निजी एजेंसियों से प्राप्त किया जाता है।
- क्षेत्रवार अनुमान: अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अनुमान निम्नलिखित संकेत के आधार पर तैयार किए जाते हैं:
- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP)।
- सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन।
- कृषि और बागवानी फसल अनुमानों।
- पशुधन उत्पादन लक्ष्य।
- मछली उत्पादन।
- अन्य उत्पादन और खपत संकेतक।
भारत के GDP अनुमान (2024-25) के मुख्य बिंदु:
- GDP वृद्धि:
- वास्तविक GDP वृद्धि: 6.4% (2023-24 में 8.2% से कम)।
- सकल GDP: ₹324.11 लाख करोड़ (9.7% की वृद्धि)।
- क्षेत्रीय वृद्धि:
- प्राथमिक क्षेत्र: 3.6% की वृद्धि (2023-24 में 2.1% से सुधार)।
- द्वितीयक क्षेत्र: 6.5% की वृद्धि (2023-24 में 9.7% से कम)।
- उद्योग: निर्माण (9%) और विनिर्माण (14%) मुख्य योगदानकर्ता।
- तृतीयक क्षेत्र: 7.2% की वृद्धि (2023-24 में 7.6% से कम)।
- उपभोग व्यय:
- निजी अंतिम खपत व्यय (PFCE): 7.3% की वृद्धि (पिछले वर्ष 4% से अधिक)।
- सरकारी अंतिम खपत व्यय (GFCE): 4.1% की वृद्धि (पिछले वर्ष 2.5% से अधिक)।
- सकल मूल्य वर्धन (GVA):
- वास्तविक GVA वृद्धि: 6.4% (2023-24 में 7.2% से कम)।
- सकल GVA: ₹292.64 लाख करोड़ (9.3% की वृद्धि)।
- शुद्ध निर्यात:
- आयात निर्यात से अधिक होने के कारण GDP पर नकारात्मक प्रभाव।
- घटाव प्रभाव: 144% की वृद्धि, लेकिन 19.6% से घटकर 13.3% होने से स्थिति में सुधार के संकेत।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP):
किसी देश की सीमाओं के भीतर एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष) में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के अंतिम मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।
GDP के प्रकार:
- मौद्रिक GDP (Nominal GDP):
- वस्तुओं और सेवाओं का वर्तमान कीमतों पर मूल्य, जिसमें मुद्रास्फीति को समायोजित नहीं किया जाता।
- इसका उपयोग एक ही वर्ष के भीतर उत्पादन की तुलना के लिए किया जाता है।
- सामान्यतः, यह वास्तविक GDP से अधिक होता है क्योंकि मुद्रास्फीति का प्रभाव शामिल होता है।
- वास्तविक GDP (Real GDP):
- यह मुद्रास्फीति के प्रभाव को हटाकर वास्तविक उत्पादन और सेवाओं की मात्रा दर्शाता है।
- विभिन्न वर्षों के बीच तुलना के लिए उपयोगी।
- प्रति व्यक्ति GDP (GDP Per Capita):
- देश में प्रति व्यक्ति औसत आर्थिक उत्पादन या आय को मापता है।
- जीवन स्तर और उत्पादकता का संकेतक।
- GDP वृद्धि दर (GDP Growth Rate):
- GDP में त्रैमासिक या वार्षिक बदलाव को मापता है।
- यह मुद्रास्फीति और बेरोजगारी नीतियों से निकटता से जुड़ा होता है।
- तेज़ी से बढ़ती वृद्धि संकेत कर सकती है कि अर्थव्यवस्था अधिक गर्म हो रही है, जिससे केंद्रीय बैंक ब्याज दर बढ़ा सकते हैं।
- नकारात्मक वृद्धि मंदी का संकेत देती है, जिसमें केंद्रीय बैंक ब्याज दर कम कर सकते हैं।
- GDP क्रय शक्ति समानता (PPP):
- स्थानीय कीमतों और जीवन स्तर में अंतर को समायोजित कर देशों के बीच तुलना संभव बनाता है।
- यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वास्तविक उत्पादन, आय, और जीवन स्तर का मूल्यांकन करने में मदद करता है।