Download Today Current Affairs PDF
भारतीय नौसेना द्वारा 23-24 सितंबर 2024को गोवा स्थित नेवल वॉर कॉलेज में गोवा समुद्री संगोष्ठी (जीएमएस) 2024 के पांचवें संस्करण का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी नेवल वॉर कॉलेज के नव उद्घाटित अत्याधुनिक चोल भवन में आयोजित की गई, जो इस आयोजन के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया था।
संगोष्ठी का मुख्य विषय:
‘आईओआर (हिंद महासागर क्षेत्र) में आम समुद्री सुरक्षा चुनौतियां – आईयूयू (गैर-कानूनी, अनियमित और अनियमित मछली पकड़ने) और अन्य अवैध समुद्री गतिविधियों जैसे गतिशील खतरों को कम करने के प्रयासों की प्रगति की दिशा।’
यह विषय ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ (SAGAR) के सिद्धांत पर आधारित था, जिसे हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने प्रतिपादित किया है।
प्रतिभागी देशों की सूची:
इस संगोष्ठी में 13 देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:
- बांग्लादेश
- इंडोनेशिया
- मेडागास्कर
- मलेशिया
- मालदीव
- मॉरीशस
- म्यांमार
- सेशेल्स
- सिंगापुर
- श्रीलंका
- थाईलैंड
- केन्या
- तंजानिया
संगोष्ठी का उद्देश्य:
गोवा समुद्री संगोष्ठी 2024 का मुख्य उद्देश्य आईओआर में समुद्री क्षेत्र में गैर-पारंपरिक खतरों, जैसे कि आईयूयू मछली पकड़ने और अन्य अवैध समुद्री गतिविधियों, से निपटने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करना था। संगोष्ठी ने क्षेत्रीय हितधारकों को एक मंच पर लाकर सहयोगात्मक सूचना-साझाकरण तंत्र और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।
मुख्य चर्चाएँ और निष्कर्ष:
- सूचना-साझाकरण तंत्र: संगोष्ठी में सूचना का आदान-प्रदान करने और खतरों को समय पर पहचानने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को मजबूत करने पर बल दिया गया।
- गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने की रणनीतियाँ: उभरते समुद्री खतरों, जैसे अवैध मछली पकड़ने और समुद्री अपराध, से निपटने के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा हुई।
भारतीय नौसेना: भारतीय नौसेना एक संतुलित और सुगठित त्रिआयामी बल है, जो महासागर की सतह, सतह पर और सतह के नीचे ऑपरेशनल गतिविधियों को संचालित करती है। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है। नियंत्रण और प्रशासन:
कमान संरचना: भारतीय नौसेना की तीन मुख्य कमानें हैं, प्रत्येक का संचालन एक फ्लैग अफ़सर कमांडिंग-इन-चीफ़ द्वारा किया जाता है:
बेड़े और सुरक्षा तंत्र: भारतीय नौसेना के पास दो प्रमुख बेड़े हैं:
इनके अतिरिक्त, मुंबई, विशाखापट्नम, और पोर्ट ब्लेयर (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) में प्रत्येक स्थान पर एक फ्लोटिला है, जो स्थानीय नौसेना सुरक्षा प्रदान करती है। इसके अलावा, भारतीय तटों और द्वीपों पर विभिन्न नौसेना पोत बेस स्थित हैं, जो राष्ट्रीय हितों के क्षेत्र में निरंतर उपस्थिति सुनिश्चित करते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सुरक्षा : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सुरक्षा की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से तीनों सेनाओं की होती है, जिसका समन्वयन पोर्ट ब्लेयर स्थित अंडमान और निकोबार कमान के मुख्यालय से किया जाता है। यह भारतीय सशस्त्र सेनाओं में एकमात्र त्रि-सेवा कमान है, जिसके प्रमुख कमांडर-इन-चीफ़ होते हैं, जिनकी नियुक्ति बारी-बारी से तीनों सेनाओं से की जाती है। लक्षद्वीप की सुरक्षा : लक्षद्वीप समूह की स्थानीय नेवल सुरक्षा की जिम्मेदारी लक्षद्वीप के नेवल प्रभारी अफ़सर की होती है। |
भविष्य की दिशा:
संगोष्ठी के दौरान हुई चर्चाएँ और विचार-विमर्श 2025 में निर्धारित गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव के लिए एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में कार्य करेंगे। इस तरह के मंच हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्त्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
इस प्रकार, जीएमएस 2024 ने समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका को और मजबूत किया तथा क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाई।
Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/