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संदर्भ:
राष्ट्रगान बजाने के संबंध में दिशानिर्देश: तमिलनाडु के राज्यपाल ने वर्ष के पहले सत्र के उद्घाटन दिवस पर विधान सभा में पारंपरिक अभिभाषण दिए बिना ही विधानसभा छोड़ दी। उन्होंने यह शिकायत की कि उनके निर्धारित अभिभाषण से पहले राष्ट्रीय गान नहीं बजाया गया।
जन गण मन: भारत का राष्ट्रगान
- रचना:
- रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे बंगाली भाषा में रचा।
- इसे पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को कोलकाता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया।
- स्वीकृति:
- इसे 24 जनवरी, 1950 को भारत की संविधान सभा द्वारा आधिकारिक रूप से अपनाया गया।
- हिंदी संस्करण में टैगोर की मूल पाँच-पंक्तियों की कविता का केवल पहला छंद शामिल है।
- गान की आधिकारिक अवधि 52 सेकंड है।
राष्ट्रगान से संबंधित संवैधानिक प्रावधान:
- मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51A(a)):
- प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करे।
- राष्ट्रगान के गायन या प्रदर्शन के लिए संविधान में विशेष नियम नहीं हैं, लेकिन इसे विधियों और दिशानिर्देशों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- राष्ट्रगान के प्रदर्शन के अवसर:
- गृह मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रगान का पूर्ण संस्करण निम्न अवसरों पर बजाया जाता है:
- नागरिक और सैन्य अलंकरण: सम्मान समारोहों में।
- राष्ट्रीय सलामी: जब “राष्ट्रीय सलामी – सलामी शस्त्र” का आदेश दिया जाता है।
- परेड: चाहे उपरोक्त गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हों या न हों।
- राष्ट्रपति का आगमन और प्रस्थान: औपचारिक राज्य समारोहों और सरकारी आयोजनों में।
- राष्ट्रपति का संबोधन: ऑल इंडिया रेडियो पर संबोधन से पहले और बाद में।
- राज्यपाल/उपराज्यपाल का आगमन और प्रस्थान: राज्य के औपचारिक कार्यक्रमों में।
- परेड के दौरान: जब राष्ट्रीय ध्वज या रेजिमेंटल कलर प्रस्तुत किए जाते हैं।
- नौसेना समारोह: नौसेना में ध्वज फहराने के दौरान।
- गृह मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रगान का पूर्ण संस्करण निम्न अवसरों पर बजाया जाता है:
राष्ट्रीय गान गाने के लिए आचार संहिता:
- सावधान मुद्रा: राष्ट्रगान गाते या बजाते समय सभी उपस्थित व्यक्तियों को सावधान मुद्रा में खड़ा होना चाहिए। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अपवाद की अनुमति है।
- समाचार फिल्में या दस्तावेजी फिल्में: यदि राष्ट्रगान समाचार फिल्म या दस्तावेजी फिल्म का हिस्सा है, तो दर्शकों को खड़े होने की आवश्यकता नहीं है।
- संक्षिप्त संस्करण: औपचारिक उद्देश्यों के लिए लगभग 20 सेकंड का संक्षिप्त संस्करण उपयोग में लिया जा सकता है।
- कानूनी सुरक्षा:
- राष्ट्रीय सम्मान का अपमान निवारण अधिनियम, 1971:
- राष्ट्रगान का जानबूझकर अनादर करना या गान में लगे समूह को बाधित करना दंडनीय अपराध है।
- इसके लिए तीन वर्ष तक की कैद, जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।
- राष्ट्रीय सम्मान का अपमान निवारण अधिनियम, 1971:
महत्वपूर्ण सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय:
- बीजो एम्मानुएल बनाम केरल राज्य (1986):
- यहोवा के साक्षी (Jehovah’s Witness) के छात्र राष्ट्रगान गाने से इनकार करते हुए सम्मानपूर्वक खड़े हुए।
- सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि उन्हें निष्कासित करना उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और विवेक का उल्लंघन था (धारा 25)।
- इस निर्णय ने विभिन्न विश्वासों के प्रति सहनशीलता और सम्मान की अहमियत को उजागर किया।
- श्याम नारायण चौकसे बनाम भारत संघ (2018):
- अंतरिम आदेश (2016): सिनेमा हॉल्स में फिल्में शुरू होने से पहले राष्ट्रीय गान बजाने का आदेश दिया गया, जिसमें दर्शकों को खड़ा होना आवश्यक था।
- संशोधित आदेश (2018): सिनेमा हॉल्स में राष्ट्रीय गान बजाना वैकल्पिक कर दिया गया।