भारत बायोटेक इंटरनैशनल (BBIL) ने एक नया हैजारोधी ओरल टीका (OCV) ‘हिलकॉल’ (Hilchol Vaccine) पेश किया है, जिसे हिलमैन लैबोरेटरीज के सहयोग से विकसित किया गया है। यह टीका वैश्विक ओसीवी की कमी को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, खासकर जब हैजा के मामलों और उससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है।
हैजा (Cholera) के बारे में:
हैजा एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है जो आमतौर पर दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है। यह संक्रमण Vibrio cholerae बैक्टीरिया के कारण होता है और इसके प्रमुख लक्षणों में गंभीर दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन शामिल हैं। यदि समय पर उपचार न किया जाए, तो यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
लक्षण और प्रभाव:
- तीव्र दस्त
- उल्टी
- अत्यधिक प्यास
- शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
- कभी-कभी बुखार और मांसपेशियों में दर्द
उपचार और प्रबंधन:
हैजा का इलाज मुख्यत निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) को सुधारने पर केंद्रित होता है।
- इसका उपचार निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:
- पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का पुनःपूर्ति: ऑरलिट (ओआरएस) या इंट्रावेनस तरल पदार्थों के माध्यम से।
- एंटीबायोटिक्स: जो बैक्टीरिया को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
- सफाई और स्वच्छता: संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए।
हैजा की स्थिति और टीके की महत्वता:
- हैजा का इलाज संभव है, लेकिन 2021 से इसके मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
- 2023 की शुरुआत से लेकर मार्च तक, 31 देशों में हैजा के 8,24,479 मामले सामने आए हैं और 5,900 लोगों की मृत्यु हुई है।
- वर्तमान में केवल एक कंपनी ओसीवी की वैश्विक आपूर्ति कर रही है, जिसके कारण सालाना करीब 4 करोड़ खुराक की कमी हो गई है।
- भारत बायोटेक का नया टीका इस कमी को दूर करने में मदद करेगा, क्योंकि कंपनी की विनिर्माण क्षमता 20 करोड़ खुराक प्रति वर्ष है।
हिलकॉल टीके (Hilchol Vaccine) की विशेषताएँ और उपयोग:
- ‘हिलकॉल’ को एकल डोज़ रूप में पेश किया गया है और इसे 2 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है।
- यह टीका एक से अधिक उम्र के लोगों को पहले दिन और 14वें दिन दिया जाना है और मोनो मल्टीडोज़ प्रारूप में उपलब्ध है।
- इसे 1 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए मंजूरी दी गई है।
- भारत बायोटेक का दावा है कि यह वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है।
- हिलकॉल हैजा के वैश्विक बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
‘हिलकॉल’ हैजा नियंत्रण पर वैश्विक प्रयासों के साथ मेल खाते हुए, 2030 तक हैजा से होने वाली मौतों को 90 फीसदी तक कम करने के लक्ष्य के अनुरूप है। यह टीका हिलमैन लैबोरेटरीज, भारत बायोटेक, गोटेनबर्ग यूनिवर्सिटी, और गोटोवैक्स एबी के संयुक्त प्रयासों से विकसित किया गया है।
भारत बायोटेक इंटरनैशनल लिमिटेड (BBIL):
भारत बायोटेक इंटरनैशनल लिमिटेड (Bharat Biotech International Limited) एक प्रमुख भारतीय बायोटेक्नोलॉजी कंपनी है जो बायोलॉजिकल उत्पादों और सेवाओं के निर्माण में संलग्न है। इसकी स्थापना 1996 में हुई थी, और यह कंपनी बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं और अनुसंधान प्रयासों में सक्रिय है।
मुख्य क्षेत्रों में विशेषज्ञता:
- वैक्सीन्स (Vaccines): भारत बायोटेक ने कई महत्वपूर्ण वैक्सीन्स का विकास किया है, जैसे कि इंट्राडर्मल टाइफाइड वैक्सीन और COVID-19 वैक्सीन (कोवैक्सीन)।
- बायोलॉजिकल उत्पाद (Biological Products): कंपनी बायोलॉजिकल उत्पादों का निर्माण करती है, जो चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- अनुसंधान और विकास (R&D): कंपनी नए बायोटेक्नोलॉजी उत्पादों और तकनीकों के अनुसंधान और विकास में लगी रहती है।
- सामाजिक प्रतिबद्धता (Social Commitment): भारत बायोटेक ने विभिन्न सामाजिक पहलों और स्वास्थ्य परियोजनाओं में भी सक्रिय भागीदारी की है।
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ:
- कोवैक्सीन (Covaxin): COVID-19 के खिलाफ भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन, जिसे भारत बायोटेक ने विकसित किया।
- इंट्राडर्मल टाइफाइड वैक्सीन: एक नई प्रकार की टाइफाइड वैक्सीन जो त्वचा के नीचे दी जाती है।
कंपनी की प्रमुख सुविधाएँ और कार्यक्षेत्र भारत में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को सुधारने और नई चिकित्सा तकनीकों को विकसित करने में योगदान देते हैं।
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