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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) की स्थापना और उसके ढांचागत समझौते पर हस्ताक्षर कर भारत को इसका सदस्य बनाने की स्वीकृति प्रदान की है। यह गठबंधन दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों – बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता – के संरक्षण और उनके आवासों की सुरक्षा के लिए समर्पित है।
भारत में पांच प्रमुख बिग कैट्स (बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, और चीता) पाए जाते हैं। इस पहल का उद्देश्य न केवल भारत में, बल्कि अन्य देशों में भी बड़ी बिल्लियों की घटती आबादी को स्थिर करना और उनके संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देना है।
इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) के प्रमुख उद्देश्य:
- बिग कैट्स और उनके आवासों की सुरक्षा: प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र और इन बिल्लियों के निवास स्थानों का संरक्षण।
- सदस्य देशों और संगठनों का समन्वय: 95 देशों के साथ मिलकर इस उद्देश्य को पूरा करने का लक्ष्य।
- प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग: जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को कम करना और प्राकृतिक जलवायु अनुकूलन को बढ़ावा देना।
- वैश्विक सहयोग: बिग कैट्स संरक्षण के क्षेत्र में सामूहिक रूप से चुनौतियों का समाधान करना।
प्रमुख कदम:
- भारत ने वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक के लिए 150 करोड़ रुपये का एकमुश्त बजटीय समर्थन दिया है।
- अब तक 24 देशों और नौ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने आईबीसीए का सदस्य बनने की सहमति दी है।
- चार देशों (भारत, निकारागुआ, इस्वातिनी, और सोमालिया) ने औपचारिक रूप से इस गठबंधन का सदस्य बनने की पुष्टि की है।
आईबीसीए की विशेषताएँ:
- पर्यावरण संरक्षण में योगदान: जल और खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद।
- साझा प्रयासों को बढ़ावा: देशों के बीच सहयोग और लंबी अवधि के संरक्षण एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक कार्रवाई।
- पारिस्थितिक भविष्य को सुरक्षित करना: बिग कैट्स के संरक्षण के माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखना।
भारत का इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस का संस्थापक सदस्य बनना देश के वन्यजीव संरक्षण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और वैश्विक स्तर पर बिग कैट्स के संरक्षण प्रयासों को मजबूती प्रदान करता है।
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