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भारत दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक

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संदर्भ:

भारत की वैश्विक हथियार आयात में हिस्सेदारी 2020-24 के दौरान घटकर 8.3% रह गई, लेकिन यह अब भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है, यूक्रेन के बाद। यह जानकारी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट में दी गई है।

हथियार आयात पर SIPRI रिपोर्ट (2025) के प्रमुख बिंदु:

  1. यूक्रेन का सबसे बड़ा आयातक बनना:
    • 2020-24 के दौरान यूक्रेन प्रमुख हथियारों का सबसे बड़ा आयातक बन गया।
    • 2015-19 की तुलना में लगभग 100 गुना वृद्धि दर्ज की गई, जो रूस के साथ जारी युद्ध के कारण है।
  2. भारत का दूसरा सबसे बड़ा आयातक होना:
    • भारत वैश्विक आयात का 3% हिस्सा लेकर दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा।
    • 2015-19 से 2020-24 के बीच भारतीय आयात में 3% की कमी आई, जिसका मुख्य कारण घरेलू उत्पादन में वृद्धि है।
  3. रूस का निर्यात में गिरावट:
    • रूस के हथियार निर्यात में 64% की गिरावट आई, जिससे उसका हिस्सा घटकर 8% रह गया।
    • रूस अब अमेरिका (43%) और फ्रांस (6%) के बाद तीसरे स्थान पर है।
  4. एशियाई देशों की प्रमुखता: चार एशियाई देश — भारत, पाकिस्तान, जापान और ऑस्ट्रेलिया — वैश्विक हथियार आयातकों की शीर्ष 10 सूची में शामिल हैं।
  5. अमेरिका और फ्रांस का निर्यात बढ़ना: अमेरिका और फ्रांस के हथियार निर्यात में वृद्धि हुई है, जबकि रूस, चीन और जर्मनी के निर्यात में कमी आई है।
  6. चीन का शीर्ष 10 आयातकों से बाहर होना: 1990-94 के बाद यह पहली बार हुआ है कि चीन शीर्ष 10 हथियार आयातकों की सूची से बाहर हो गया। यह उसके बढ़ते घरेलू औद्योगिक आधार को दर्शाता है।

Global share of imports of major arms by the 10 largest importers, 2020-24

भारत में रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता:

  1. रक्षा उत्पादन में वृद्धि: 2023-24 में भारत का रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड ₹1.27 लाख करोड़ तक पहुँच गया। यह 25% की वृद्धि दर्शाता है, जो पिछले सात वर्षों में सबसे अधिक है।
  2. घरेलू खरीद के लिए बजट आवंटन: 2020-21 से ही पूंजी अधिग्रहण बजट का एक बड़ा हिस्सा घरेलू खरीद के लिए आवंटित किया जा रहा है।
  3. 2025-26 का बजट: कुल बजट ₹1.49 लाख करोड़ में से ₹1.115 लाख करोड़ (75%) घरेलू अधिग्रहण के लिए निर्धारित है।
  4. आयात पर निर्भरता में कमी: स्वदेशी हथियारों को डिजाइन और उत्पादन करने की बढ़ती क्षमता से आयात पर निर्भरता कम हो रही है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के बारे में:

  1. परिचय:
    • स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है, जिसकी स्थापना 1966 में की गई थी।
    • यह संस्थान संघर्ष, शस्त्र, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण पर अनुसंधान करने के लिए समर्पित है।
  2. प्रकाशन:
    • SIPRI वैश्विक हथियार हस्तांतरण पर रिपोर्ट प्रकाशित करता है।
    • यह हथियारों के आयात और निर्यात में होने वाले रुझानों पर नज़र रखता है।
  3. उद्देश्य: इसका उद्देश्य वैश्विक सुरक्षा और सैन्य मामलों में नीति निर्माण के लिए डेटा-आधारित जानकारी प्रदान करना है।

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