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संदर्भ:
भारत की डेटा सेंटर क्षमता: रेटिंग फर्म ICRA के अनुसार, भारत की डेटा सेंटर संचालन क्षमता दिसंबर 2024 के 1,150 MW से बढ़कर मार्च 2027 तक 2,000-2,100 MW हो जाएगी। इसके लिए अगले दो वर्षों में ₹40,000-45,000 करोड़ के निवेश की जरूरत होगी।
डेटा सेंटर क्या हैं?
- परिचय: डेटा सेंटर विशेष प्रकार की सुविधाएं (facilities) होती हैं, जो बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक डेटा को संग्रहित (store), प्रबंधित (manage) और संसाधित (process) करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
- आवश्यक उपकरण:
- इन केंद्रों में महत्वपूर्ण सूचना प्रौद्योगिकी (IT) बुनियादी ढांचा होता है, जिसमें सर्वर (servers), स्टोरेज डिवाइस (storage devices) और नेटवर्किंग उपकरण (networking equipment) शामिल होते हैं।
- इसके अलावा, कूलिंग सिस्टम (Cooling System), पावर सप्लाई (Power Supply) और सुरक्षा प्रणाली (Security System) भी होती है।
- उद्देश्य: डेटा सेंटर विश्वसनीय (reliable) और स्केलेबल (scalable) समाधान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जिससे डेटा का सुरक्षित संग्रहण, प्रबंधन और प्रसंस्करण (processing) किया जा सके।
डेटा सेंटर के घटक (Components of a Data Centre):
- सर्वर और स्टोरेज सिस्टम (Servers and Storage Systems): ये वेबसाइट होस्टिंग (Hosting Websites), एप्लिकेशन चलाने (Running Applications) और क्लाउड स्टोरेज प्रबंधन (Managing Cloud Storage) जैसी वर्कलोड्स को संभालने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- नेटवर्किंग उपकरण (Networking Equipment): राउटर (Routers), स्विच (Switches), और फायरवॉल (Firewalls) शामिल होते हैं, जो विभिन्न सर्वरों और बाहरी नेटवर्क के बीच संचार को सुचारू बनाने का काम करते हैं।
- पावर सप्लाई सिस्टम (Power Supply Systems): निरंतर पावर सप्लाई (UPS) और बैकअप जनरेटर (Backup Generators) का उपयोग किया जाता है ताकि बिजली की उपलब्धता में कोई बाधा न हो और डेटा सेंटर निरंतर कार्य करता रहे।
- कूलिंग सिस्टम (Cooling Systems):
- सर्वर बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं, इसलिए उन्हें ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनिंग (Air Conditioning) या लिक्विड कूलिंग सिस्टम (Liquid Cooling Systems) जैसे कुशल कूलिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है।
- यह ओवरहीटिंग को रोकने और डेटा सेंटर के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
- सुरक्षा अवसंरचना : डेटा और इन्फ्रास्ट्रक्चर को अनधिकृत पहुंच (Unauthorized Access), डेटा चोरी (Data Breaches) और अन्य साइबर खतरों (Cyber Threats) से बचाने के लिए भौतिक और साइबर सुरक्षा उपाय (Physical and Cybersecurity Measures) अपनाए जाते हैं।
सरकारी पहलें:
- डेटा स्थानीयकरण नियम:
- RBI (2018): भुगतान डेटा भारत में संग्रहीत करने का निर्देश।
- IRDAI (2015): बीमा डेटा भारत में संग्रहित करने की अनिवार्यता।
- डिजिटल पर्सनल डेटा संरक्षण अधिनियम: सीमित डेटा लोकलाइजेशन, लेकिन सरकार क्रॉस-बॉर्डर डेटा ट्रांसफर पर रोक लगा सकती है।
- डिजिटल इंडिया मिशन (2015):
- सुरक्षित डिजिटल अवसंरचना और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा।
- ई–गवर्नेंस सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी।
IndiaAI मिशन (₹10,370 करोड़):
- 10,000+ GPUs की कंप्यूटिंग क्षमता का निर्माण।
- 100 अरब+ पैरामीटर वाले मॉडल, भारतीय भाषाओं में हेल्थकेयर, कृषि व शासन हेतु।
- ₹4,564 करोड़ कंप्यूटिंग अवसंरचना निर्माण के लिए।
- AI स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना।