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संदर्भ:
दिसंबर 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति दर 4 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक महंगाई घटकर 5.22% हो गई है। इससे पहले नवंबर में महंगाई दर 5.48% पर थी। वहीं 4 महीने पहले अगस्त में महंगाई 3.65% पर थी।
खुदरा मुद्रास्फीति की मुख्य विशेषताएँ:
- खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation):
- उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) दिसंबर में वार्षिक आधार पर 39% की वृद्धि दर्ज की गई, जो नवंबर के 9% से कम है।
- कमी वाले खाद्य पदार्थ:
- सब्जियाँ: 6% (नवंबर में 29% से कम)।
- दालें: 8%।
- अनाज: 51%।
- मूल्य वृद्धि वाले खाद्य पदार्थ:
- मांस: 3%।
- अंडे: 85%।
- खाद्य तेल: 6%।
- फल: 5%।
- मूल मुद्रास्फीति (Core Inflation): खाद्य और ईंधन जैसे अस्थिर घटकों को छोड़कर, दिसंबर में मूल मुद्रास्फीति घटकर 5% हो गई, जो घरेलू मांग के दबाव में कमी का संकेत देती है।
- क्षेत्रीय विविधताएँ (Regional Variations): ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति दर 76% दर्ज की गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह दर अपेक्षाकृत कम, 4.58%, रही।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index – CPI):
परिभाषा:
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) एक सांख्यिकीय माप है, जिसका उपयोग समय के साथ घरों द्वारा उपभोग किए जाने वाले वस्तुओं और सेवाओं की औसत मूल्य स्तर में बदलाव को ट्रैक करने के लिए किया जाता है।
महत्व:
- मुद्रास्फीति (Inflation) का आकलन करता है।
- जीवनयापन की लागत (Cost of Living) के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक के रूप में कार्य करता है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की गणना:
परिभाषा:
- CPI को प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- यह किसी विशेष समय अवधि में बाजार में वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर की तुलना पिछले समय की एक आधार वर्ष से करता है।
- वर्तमान में आधार वर्ष 2012 है।
- गणना का सूत्र: CPI = (वर्तमान वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की निश्चित बास्केट की लागत / आधार वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की निश्चित बास्केट की लागत) × 100
- डेटा संग्रहण और प्रकाशन:
- राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), जो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के अंतर्गत आता है, पूरे भारत के साथ ग्रामीण, शहरी और समग्र क्षेत्रों के लिए CPI को संकलित करता है।
- CPI के आंकड़े हर महीने प्रकाशित किए जाते हैं।
महंगाई कैसे बढ़ती–घटती है?
महंगाई का बढ़ना और घटना मुख्य रूप से डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है:
- महंगाई का बढ़ना:
- जब लोगों के पास अधिक पैसे होते हैं, तो वे ज्यादा वस्तुएं खरीदते हैं।
- अधिक खरीदारी से वस्तुओं की डिमांड बढ़ती है।
- अगर सप्लाई पर्याप्त नहीं होती, तो डिमांड के मुकाबले कीमतें बढ़ जाती हैं, जिससे महंगाई बढ़ती है।
- महंगाई का घटना: अगर डिमांड कम हो और सप्लाई अधिक हो, तो महंगाई घटती है क्योंकि वस्तुओं की अधिकता के कारण कीमतें स्थिर रहती हैं।