संदर्भ:
IPO (Initial Public Offering): दक्षिण कोरियाई उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी LG Electronics India जल्द ही अपना IPO लॉन्च करने की योजना बना रही है। पिछले हफ्ते, कंपनी को SEBI से सार्वजनिक पेशकश (IPO) लाने की मंजूरी प्राप्त हुई।
LG Electronics India के IPO की मुख्य बातें
- IPO लॉन्चिंग: सूत्रों के अनुसार, LG Electronics India अपना IPO अप्रैल के मध्य तक लॉन्च कर सकती है। फिलहाल कंपनी निवेशकों से मिलने के लिए रोड शो आयोजित कर रही है।
- बड़ी पेशकश: यह IPO 2025 का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बनने संभावना है।
- SEBI को आवेदन: कंपनी ने दिसंबर के पहले हफ्ते में Draft Red Herring Prospectus (DRHP) दायर किया था।
IPO का आकार और रैंकिंग
- IPO का अनुमानित आकार लगभग 15,000 करोड़ रुपये हो सकता है।
- यह भारत का पाँचवां सबसे बड़ा IPO बन सकता है।
- इससे पहले, LIC, Hyundai Motor India, Paytm और Coal India ने बड़े IPO लॉन्च किए थे।
- यह Hyundai Motor India के बाद भारत में सूचीबद्ध होने वाली दूसरी दक्षिण कोरियाई कंपनी होगी।
- Hyundai Motor India ने 27,870 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो अब तक का भारत का सबसे बड़ा IPO है।
IPO का स्वरूप
- यह IPO पूरी तरह से Offer for Sale (OFS) के रूप में होगा।
- LG Electronics India को इससे कोई सीधा वित्तीय लाभ नहीं होगा।
- कंपनी की मूल दक्षिण कोरियाई फर्म अपनी 15% हिस्सेदारी बेचकर 10.18 करोड़ शेयर जारी करेगी।
- लीड मैनेजर: Morgan Stanley, JPMorgan, Axis Capital, BofA Securities और Citi इस IPO के प्रमुख प्रबंधक हैं।
LG Electronics India का भारत में सफर
- स्थापना: LG ने 1997 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया और मजबूत उत्पादन इकाइयाँ स्थापित कीं।
- निर्माण इकाइयाँ:
- ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)
- रंजनगांव (पुणे, महाराष्ट्र)
- स्वदेशी उत्पादन:
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- कंपनी भारत में बिकने वाले 97% से 98% उत्पादों का स्थानीय निर्माण करती है।
- यह ‘Make in India’ पहल को दर्शाता है।
- प्रमुख उत्पाद: वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, LED टीवी पैनल, इन्वर्टर AC, माइक्रोवेव ओवन आदि।
IPO क्या होता है?
IPO (Initial Public Offering) वह प्रक्रिया है जिसमें कोई निजी कंपनी पहली बार अपने शेयरों को सार्वजनिक रूप से बेचती है, जिससे निवेशक कंपनी में हिस्सेदारी खरीद सकते हैं।
IPO क्यों लाया जाता है?
- पूँजी जुटाना: कंपनी अपने व्यवसाय, विस्तार या रणनीतिक उद्देश्यों के लिए पूँजी जुटाने के लिए IPO लाती है।
- लिक्विडिटी: यह संस्थापकों और शुरुआती निवेशकों को अपने शेयर बेचने का अवसर प्रदान करता है।
- मूल्यांकन: IPO के माध्यम से कंपनी का मूल्यांकन बढ़ सकता है और नए निवेशकों को आकर्षित कर सकता है।
मुख्य शब्द और अवधारणाएँ
- Red Herring Prospectus (RHP): कंपनी की वित्तीय स्थिति, संचालन और जोखिमों की जानकारी देने वाला दस्तावेज।
- Draft Red Herring Prospectus (DRHP): RHP का प्रारंभिक रूप, जो IPO लॉन्च से पहले SEBI को जमा किया जाता है।
- इन्वेस्टमेंट बैंक: वित्तीय संस्थान जो IPO प्रक्रिया में मदद करते हैं, जैसे कि शेयरों की कीमत तय करना और निवेशकों तक पेशकश पहुँचाना।
- SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड): IPO प्रक्रिया की निगरानी करने वाला और पूँजी बाजार में उचित प्रथाओं को सुनिश्चित करने वाला नियामक निकाय।