अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस:
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस हर वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो महात्मा गांधी की जयंती से जुड़ा हुआ है। इसे संयुक्त राष्ट्र ने 2007 में मान्यता दी, जिससे अहिंसा की शक्ति को समाज के निर्माण में उजागर किया जा सके।
महात्मा गांधी की अहिंसा की विरासत:
- महात्मा गांधी का सत्याग्रह और अहिंसक विरोध का सिद्धांत आधुनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी माध्यम बना हुआ है।
- उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई शांतिपूर्ण आंदोलन किए, जिनमें 1930 में दांडी यात्रा प्रमुख है।
- गांधी जी के लिए अहिंसा केवल एक राजनीतिक रणनीति नहीं, बल्कि एक जीवनशैली थी।
- गांधी जी ने कहा था, “शांतिपूर्ण माध्यमों से ही शांति की प्राप्ति हो सकती है।”
महात्मा गांधी का प्रसिद्ध कथन:
- “अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी शक्ति है – यह किसी भी सर्वशक्तिशाली हथियार से भी अधिक शक्तिशाली है।”
यह विचार विश्वभर के नेताओं और आंदोलनों को प्रेरित करता है, जैसे मार्टिन लूथर किंग जूनियर की नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई और नेल्सन मंडेला का रंगभेद नीति के खिलाफ संघर्ष।
वर्तमान विश्व में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता:
- आधुनिक युग में, गांधी के सिद्धांत आतंकवाद, संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, और बढ़ती असमानता जैसे मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान में अत्यधिक प्रासंगिक हैं।
- उनके विचार आज की महामारी और गरीबी के समाधान के लिए मानवता को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
- उनका दर्शन बताता है कि शांति केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि एक प्राप्ति योग्य लक्ष्य है, और गांधी जी की शिक्षाएं आशा और समाधान का एक चिरकालिक संदेश देती हैं।
अहिंसा का वैश्विक स्मरणोत्सव: गांधी की विरासत का सम्मान
- अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस महात्मा गांधी के शांति और अहिंसा के वैश्विक दर्शन को स्मरण करता है।
- यह दिन उन अहिंसक विरोध के सिद्धांतों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिनका गांधी जी ने जीवनभर समर्थन किया।
- जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 के दौरान, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सहित वैश्विक नेताओं ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
- यूनेस्को के महात्मा गांधी शांति और सतत विकास शिक्षा संस्थान (MGIEP) ने 2022 में इस दिवस को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया।
- इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी की आदमकद होलोग्राम के साथ पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें शांति और स्थिर समाज के निर्माण में शिक्षा के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया।
गांधी की विरासत का प्रसार:
महात्मा गांधी की शिक्षाएं भारत के सामाजिक और राजनीतिक ढांचे को गहराई से प्रभावित करती हैं। विभिन्न सरकारी विभाग और संस्थाएं सक्रिय रूप से उनके आदर्शों को अपनाती हैं और उन्हें बढ़ावा देती हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वच्छ, आत्मनिर्भर और शांतिपूर्ण समाज के लिए गांधी के दृष्टिकोण को आधुनिक शासन और सार्वजनिक जीवन में एकीकृत किया जाए।
- स्वच्छ भारत अभियान (स्वच्छ भारत मिशन) : स्वच्छ भारत अभियान (स्वच्छ भारत मिशन) 2014 में शुरू किया गया, महात्मा गांधी के राष्ट्र निर्माण में स्वच्छता के दर्शन को दर्शाता है। इस अभियान का उद्देश्य एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत का निर्माण करना है। यह गांधी के इस मत से मेल खाता है कि “स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है।” यह अभियान नागरिकों को अपने आस-पास के वातावरण को बनाए रखने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करता है, जिससे व्यक्तिगत और सामुदायिक भागीदारी दोनों को बढ़ावा मिलता है।
- स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2024 अभियान, : स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2024 अभियान, जिसका विषय ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ है, 17 सितंबर से 1 अक्टूबर तक आयोजित किया गया। अभियान का समापन 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ पर गांधी जयंती के दिन हुआ। इस अभियान में पूरे भारत में स्वच्छता और सफाई बनाए रखने के लिए व्यवहारगत परिवर्तन और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- 11 सितंबर, 2024 को, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री ने गांधी दर्शन, राजघाट, दिल्ली में महात्मा गांधी को समर्पित एक विशेष रेल कोच का उद्घाटन किया।
खादी: आत्मनिर्भरता और स्थिरता का प्रतीक
- खादी, सादगी और आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक, का प्रचार महात्मा गांधी के आत्मनिर्भरता और स्थिरता के मत के अनुरूप है।
- खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) हर साल खादी को बढ़ावा देकर और ग्रामीण सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करके गांधी की जयंती मनाता है।
- गांधी जयंती 2023 पर, नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में खादी भवन ने 52 करोड़ रुपये के खादी उत्पादों की बिक्री के साथ नया रिकॉर्ड बनाया, जो आत्मनिर्भरता के इस प्रतीक के प्रति जनता की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
डिजिटल स्मरणोत्सव:
- भारत के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए एक विशेष माइक्रोसाइट, #गांधी150 प्रारंभ की।
- इस साइट पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म अभिलेखागार से दुर्लभ वीडियो क्लिप प्रदर्शित की गई हैं, जिसमें गांधी के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों, जैसे उनकी यात्राएं, अहिंसा पर भाषण, और जनता के साथ बातचीत को दिखाया गया है।
- इस डिजिटल पहल से लोगों का जुड़ाव बढ़ा है और यह बढ़ाव 6 मिलियन से अधिक तक पहुँच गया है, जो नई पीढ़ियों के लिए गांधी के संदेश को बढ़ावा देता है।
सार:
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस महात्मा गांधी की शिक्षाओं की प्रासंगिकता को दर्शाता है। अहिंसा को न केवल एक रणनीति के रूप में बल्कि जीवन के एक तरीके के रूप में अपनाकर, हम भावी पीढ़ियों के लिए एक अधिक समरस और स्थिर विश्व का निर्माण कर सकते हैं। शिक्षा, जागरूकता, और वैश्विक चुनौतियों के लिए अहिंसक समाधानों को बढ़ावा देकर, हम महात्मा गांधी की विरासत और मानवता के प्रति उनके महत्वपूर्ण योगदान का सम्मान करते हैं। उनका कालातीत संदेश – “अहिंसा द्वारा शांति प्राप्त की जा सकती है” – दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करता है।
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