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संदर्भ:
इजराइल-हमास युद्धविराम समझौता : 14 जनवरी 2025 को गाजा पट्टी में चल रहे संघर्ष को लेकर नई प्रगति हुई, जब हमास ने युद्धविराम के मसौदे पर अपनी सहमति व्यक्त की। हालांकि, अंतिम विवरणों पर अभी भी बातचीत जारी है।
इजराइल-हमास युद्धविराम समझौते की मुख्य बातें:
तीन–चरणीय ढांचा: यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा प्रस्तावित और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा स्वीकृत ढांचे पर आधारित है।
- पहला चरण
- बंधकों की रिहाई:
- 33 बंधकों को छह सप्ताह की अवधि में क्रमिक रूप से रिहा किया जाएगा।
- इसके बदले में, इजरायल द्वारा गिरफ्तार फिलिस्तीनी महिलाएँ और बच्चे छोड़े जाएंगे।
- इजरायली सेना का पीछे हटना: यह चरण 42 दिनों का होगा, जिसमें इजरायली सेना जनसंख्या केंद्रों से हटेगी।
- बंधकों की रिहाई:
- दूसरा चरण
- शेष बंधकों की रिहाई:
- हमास शेष जीवित बंधकों, मुख्य रूप से पुरुष सैनिकों, को रिहा करेगा।
- इसके बदले में, अधिक फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा से इजरायली सेना की पूर्ण वापसी होगी।
- शेष बंधकों की रिहाई:
- तीसरा चरण
- बंधकों के शवों की वापसी:
- शेष बंधकों के शव वापस किए जाएंगे।
- इसके बदले में, गाजा में तीन से पाँच वर्ष का पुनर्निर्माण योजना लागू की जाएगी।
- यह पुनर्निर्माण अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षण के तहत होगा।
- बंधकों के शवों की वापसी:
गाजा का भविष्य शासन:
गाजा के शासन का मुद्दा जटिलता के कारण अब तक अनसुलझा है:
मुख्य बिंदु
- इज़राइल का रुख:
- हमास को भविष्य में शासन में किसी भी भूमिका से बाहर रखा गया है।
- इज़राइल ने फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) की भागीदारी का भी विरोध किया है।
- फिलिस्तीनी प्राधिकरण की भूमिका:
- इसे तीन दशक पहले ओस्लो अंतरिम शांति समझौतों के तहत स्थापित किया गया था।
- वर्तमान में यह वेस्ट बैंक के कब्जे वाले क्षेत्र में सीमित स्वायत्तता का प्रयोग करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण:
- वैश्विक समुदाय का मानना है कि गाजा का शासन फिलिस्तीनियों द्वारा किया जाना चाहिए।
- नागरिक समाज समूहों या कबीलाई नेताओं के माध्यम से वैकल्पिक समाधान खोजने के प्रयास असफल रहे हैं।
संघर्ष विराम के कार्यान्वयन में चुनौतियां
- हमास की शर्तें:
- इज़राइली सेना की पूरी तरह वापसी और युद्ध समाप्ति के बाद ही शेष बंधकों को रिहा करने पर हमास अड़ा हुआ है।
- पिछले संघर्ष विराम में आने वाली समस्याएं:
- मानवीय सहायता के लिए अस्थायी संघर्ष विराम होते रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए, मुख्यतः:
- हमास द्वारा गाजा से इज़राइल की पूर्ण वापसी की मांग, जिसे इज़राइल ने हमेशा खारिज किया।
- शांति के लिए हमास के विनाश की इज़राइल की शर्त।
- मानवीय सहायता के लिए अस्थायी संघर्ष विराम होते रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए, मुख्यतः:
- इज़राइली आंतरिक राजनीतिक विरोध:
- दक्षिणपंथी इज़राइली मंत्री इस समझौते को हमास के सामने आत्मसमर्पण मानते हैं और इसके विरोध में सरकार छोड़ने की धमकी दे चुके हैं।
- प्रधानमंत्री नेतन्याहू के लिए युद्ध कैबिनेट में समरसता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है, जिसमें लिकुड पार्टी, दक्षिणपंथी यहूदी राष्ट्रीय मोर्चा, और अल्ट्रा–ऑर्थोडॉक्स यहूदी नेता शामिल हैं।
- नेतन्याहू की राजनीतिक स्थिति:
- युद्ध और इसके प्रभाव ने अस्थायी रूप से नेतन्याहू के राजनीतिक करियर को मजबूत किया है, भले ही पहले इज़राइलियों में उनके प्रति असंतोष था।
- हमास के साथ कोई भी समझौता उनकी कमजोर गठबंधन सरकार को और अधिक दबाव में डाल सकता है।