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भारत का आधुनिक स्वदेशी ड्रोन: कामिकेज़

Mains: GS IV- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, तकनीक

चर्चा में क्यों?

भारत में रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर सामने आई। नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (NAL) ने एक शक्तिशाली स्वदेशी कामिकेज़ ड्रोन (Kamikaze Drone) के विकास का खुलासा किया है। यह ड्रोन पूरी तरह से भारतीय तकनीक और स्वदेशी इंजन पर आधारित है। खास बात यह है कि यह ड्रोन 1000 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम है, जो इसे अत्यधिक प्रभावी बनाता है।

इस तरह के ड्रोन का इस्तेमाल हाल के रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में इजराइल-हमास संघर्ष में व्यापक रूप से किया गया है। जिससे यह नाम खूब चर्चा में है। इस स्वदेशी ड्रोन की उन्नत क्षमताओं से भारत की रक्षा प्रणाली को और भी मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

कामिकेज़ ड्रोन (Kamikaze Drone) क्या है?

कामिकेज़ ड्रोन, जिसे “लूटिंग म्यूनिशन्स” भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक स्वायत्त हथियार प्रणाली है जिसे विशेष रूप से लक्ष्यों पर सटीक हमला करने के लिए तैयार किया गया है। यह ड्रोन एक उन्नत तकनीक का उदाहरण है जो खुद को एक विस्फोटक के रूप में संचालित करता है। इसका उद्देश्य दुश्मन के लक्ष्यों पर बिना किसी बाहरी निर्देश के, पूरी तरह से स्व-निर्देशित होकर हमला करना है।

कामिकेज़ ड्रोन की खासियत यह है कि यह अपने लक्ष्य के पास पहुँचते ही उसमें विस्फोट कर खुद को नष्ट कर देता है, जिससे दुश्मन को भारी नुकसान पहुँचता है। इसके डिजाइन का प्रमुख उद्देश्य दुश्मन के सैन्य ठिकानों, बख्तरबंद वाहनों, या किसी अन्य रणनीतिक लक्ष्य को न्यूनतम समय में नष्ट करना है।

इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के द्वारा मंजूर किया गया है। जिसकी रूपरेखा और डिजाइन राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला ने तैयार की है।

कामिकेज़ ड्रोन (Kamikaze Drone) की उत्पत्ति:

कामिकेज़ ड्रोन की अवधारणा का आरंभ द्वितीय विश्व युद्ध के जापानी “कामिकेज़” हमलावरों से लिया गया था, जो अपने हवाई जहाजों को दुश्मन के जहाजों पर आत्मघाती हमलों के लिए प्रयोग करते थे। बाद में आधुनिक कामिकेज़ ड्रोन का डिज़ाइन और कार्यप्रणाली विकसित की गई।

सर्वप्रथम ईरान द्वारा आधुनिक कामिकेज़ ड्रोन पूर्ण रूप से विकसित किए गए। जिन्हें अक्सर “शहीद” ड्रोन कहा जाता है।

  • शहीद ड्रोन की वास्तविक विकास प्रक्रिया 2000 के दशक में शुरू हुई। ये ड्रोन स्व-निर्देशित आत्मघाती हथियार हैं ।
  • शहीद-129 ईरान का पहला बड़ा लॉइटरिंग म्यूनिशन है, जो लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है और कई प्रकार के मिसाइल और बम ले जाने में सक्षम है।
  • शहीद-136 एक छोटे आकार का कामिकेज़ ड्रोन है। इसकी विशेषता है कि यह कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए लक्ष्य के ऊपर मंडराता है और उचित समय पर आत्मघाती हमला करता है।
  • हाल ही में, यूक्रेन युद्ध के दौरान, ईरान ने रूस को शहीद-136 ड्रोन दिए है। इन ड्रोनों का उपयोग यूक्रेन के खिलाफ किया गया, जिससे यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी संवेदनशील बन गया।

कामिकेज़ ड्रोन (Kamikaze Drone) की भौतिक विशेषताएँ:

  • चौड़ाई: यह ड्रोन 3.5 मीटर चौड़ा है, जो इसे स्थिर उड़ान और दिशा में सटीकता बनाए रखने में मदद करता है।
  • लंबाई: इसकी लंबाई 2.8 मीटर है, जो इसे एक कॉम्पैक्ट डिजाइन प्रदान करती है, जिससे यह आसानी से दुश्मन के इलाके में घुस सकता है।
  • वजन: ड्रोन का कुल वजन 120 किलोग्राम है। इसका हल्का वजन इसे अधिक समय तक हवा में बने रहने और आसानी से संचालन में सक्षम बनाता है।
  • विस्फोटक उठाने की क्षमता: कामिकेज़ ड्रोन 25 किलोग्राम तक के विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। यह क्षमता इसे दुश्मन के ठिकानों और बख्तरबंद वाहनों को प्रभावी रूप से नष्ट करने में मदद करती है।
  • उड़ने की क्षमता: यह ड्रोन एक बार में लगभग 9 घंटे तक उड़ान भर सकता है, जिससे यह लंबी दूरी पर स्थित लक्ष्यों को भी सफलतापूर्वक निशाना बना सकता है।
  • इसकी अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है।

कामिकेज़ ड्रोन (Kamikaze Drone) की कार्यप्रणाली:

  1. लॉन्चिंग: कामिकेज़ ड्रोन को एक लॉन्चर या किसी अन्य प्लेटफार्म से लॉन्च किया जाता है। इसे मैनुअली लॉन्च किया जा सकता है या फिर पहले से निर्धारित मार्ग पर स्वायत्त रूप से भेजा जा सकता है।
  2. टारगेट का चयन: ड्रोन में उन्नत सेंसर और कैमरे लगे होते हैं, जो इसे लक्ष्य की पहचान करने और उसे ट्रैक करने में मदद करते हैं। यह लक्ष्य की गति, दिशा, और दूरी का सटीक अनुमान लगा सकता है।
  3. मार्गदर्शन: कामिकेज़ ड्रोन एक बार हवा में होते ही स्वायत्त रूप से काम करता है। इसे पहले से निर्धारित लक्ष्य की दिशा में निर्देशित किया जाता है, और अगर लक्ष्य हिल रहा हो तो यह उसे ट्रैक कर सकता है।
  4. हमला: जब ड्रोन अपने लक्ष्य के करीब पहुँचता है, तो यह अपनी विस्फोटक सामग्री को सक्रिय कर देता है और लक्ष्य के ऊपर जाकर खुद को विस्फोट कर देता है। इस विस्फोट से ड्रोन और लक्ष्य दोनों नष्ट हो जाते हैं।
  5. स्वयं विनाश: इसके बाद कामिकेज़ ड्रोन का अंत में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह मिशन पूरा होते ही खुद को नष्ट कर लेता है। इस प्रकार के ड्रोन को दुश्मन के द्वारा पकड़ा नहीं जा सकता और न ही इसे वापस लाया जाता है।

कामिकेज़ ड्रोन (Kamikaze Drone) के महत्वपूर्ण लाभ:

  1. उच्च सटीकता: कामिकेज़ ड्रोन अत्याधुनिक सेंसर और मार्गदर्शन प्रणाली से लैस होते हैं, जिससे वे अपने लक्ष्य को सटीकता से पहचान सकते हैं और उसे सफलतापूर्वक निशाना बना सकते हैं। यह सटीकता सुनिश्चित करती है कि दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों पर ही हमला हो।
  2. स्वायत्त संचालन: ये ड्रोन पूरी तरह से स्वायत्त होते हैं, यानी उन्हें मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती। यह स्वायत्तता ड्रोन को दुश्मन के इलाकों में गहराई तक घुसने और वहां पर सटीक हमला करने की क्षमता देती है।
  3. किफायती: पारंपरिक मिसाइलों और लड़ाकू विमानों की तुलना में, कामिकेज़ ड्रोन कम लागत में अधिक प्रभावी हमला कर सकते हैं। यह उन्हें आर्थिक दृष्टि से भी एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
  4. स्वदेशी नेविगेशन: इसमें टारगेट को नेविगेट किए जाने के लिए किसी विदेशी तकनीक का इस्तेमाल नही होगा। इसमें स्वदेशी भारतीय NAViC का उपयोग किया जाएगा। जो आत्मनिर्भर भारत की योजना को आगे बढ़ाता है।
  5. रिस्क फ्री ऑपरेशन: चूंकि कामिकेज़ ड्रोन स्वायत्त होते हैं और मानव पायलट की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए इन्हें दुश्मन के जोखिम भरे क्षेत्रों में भेजने पर कोई मानव जीवन खतरे में नहीं पड़ता।
  6. मनोवैज्ञानिक प्रभाव: कामिकेज़ ड्रोन का दुश्मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ता है। दुश्मन हमेशा इस बात से चिंतित रहता है कि कब और कहां से ये ड्रोन हमला कर सकते हैं, जिससे उनकी रक्षा की स्थिति कमजोर हो जाती है।

कामिकेज़ ड्रोन (Kamikaze Drone) का अन्य देशों में उपयोग:

कामिकेज़ ड्रोन का उपयोग दुनिया भर के विभिन्न देशों द्वारा किया जा रहा है, खासकर हाल के वर्षों में हुए संघर्षों में।

  • रूस-यूक्रेन युद्ध: रूस-यूक्रेन संघर्ष में कामिकेज़ ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुआ है। यूक्रेन ने इन ड्रोन का उपयोग रूसी पैदल सेना, बख्तरबंद वाहनों और अन्य रणनीतिक लक्ष्यों पर सटीक हमलों के लिए किया। इसके परिणामस्वरूप, रूसी सेना को महत्वपूर्ण नुकसान उठाना पड़ा।
  • इजराइल-हमास संघर्ष: गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में भी कामिकेज़ ड्रोन का उपयोग देखा गया है। इजराइल ने हमास के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए इन ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिससे उनके रक्षा संरचनाओं और साजो-सामान को भारी नुकसान पहुँचा।
  • अजरबैजान-आर्मेनिया युद्ध: 2020 में नागोर्नो-कराबाख क्षेत्र के लिए हुए अजरबैजान-आर्मेनिया संघर्ष में अजरबैजान ने कामिकेज़ ड्रोन का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया। इन ड्रोन ने आर्मेनियाई रक्षा बलों के ठिकानों और बख्तरबंद वाहनों को बड़ी संख्या में नष्ट किया, जिससे अजरबैजान को सामरिक बढ़त मिली।

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