चर्चा मे क्यों ?
- एक नए अध्ययन के अनुसार, जो IEEE Transactions on Geoscience and Remote Sensing में प्रकाशित हुआ है, चिली के अटाकामा नमक के मैदान (Chile’s Atacama salt plain) में लिथियम ब्राइन (lithium brine) निकालने के कारण सालाना 1 से 2 सेंटीमीटर की दर से जमीन धंस रही है।
- सबसे गंभीर धंसाव नमक के मैदान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से ( southwestern part) में हो रहा है, जहां लिथियम खनन (lithium mining) के कार्य केंद्रित हैं। प्रभावित क्षेत्र लगभग 8 किलोमीटर उत्तर से दक्षिण और 5 किलोमीटर पूर्व से पश्चिम तक फैला हुआ है।
- यह धंसाव इस वजह से हो रहा है क्योंकि खनन के दौरान ब्राइन को खींचने की दर, भूजल पुनर्भरण ( groundwater recharge) की दर से तेज़ है, जिससे पृथ्वी की सतह नीचे की ओर धंस रही है।
नमक के मैदान के धंसने के कारण (Causes of salt plain subsidence):
लिथियम ब्राइन का अत्यधिक दोहन (Excessive exploitation of lithium brine):
- पुनर्भरण दर से अधिक (Excessive recharge rate) : लिथियम-समृद्ध ब्राइन (lithium-rich brine) को जिस दर से सतह पर पंप किया जा रहा है, वह भूजल पुनर्भरण (groundwater recharge) की प्राकृतिक दर से अधिक है।
- धंसाव (Subsidence) : इस असंतुलन के कारण पृथ्वी की सतह धंसने लगती है।
भूजल पर प्रभाव (Effects on groundwater):
- भूजल का घटाव (Groundwater depletion): अत्यधिक पंपिंग से भूजल स्रोतों में कमी हो जाती है, जिससे प्राकृतिक पुनर्भरण के लिए उपलब्ध पानी कम हो जाता है।
- जल संतुलन में गड़बड़ी (Disturbance in water balance): इस जल संतुलन में गड़बड़ी नमक के मैदान के धंसने में योगदान करती है।
लिथियम के गुण (Properties of Lithium):
- यह एक रासायनिक तत्त्व है जिसका प्रतीक (Li) है।
- यह एक नरम तथा चाँदी के समान सफेद धातु (white metal) है।
- मानक परिस्थितियों में यह सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्त्व है।
- यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील है, अत: इसे खनिज तेल के रूप में संग्रहीत किया जाना चाहिये।
- यह क्षारीय एवं एक दुर्लभ धातु है।
- यह आमतौर पर स्पोड्यूमीन (spodumene), पेटालाइट और लेपिडोलाइट (petalite) जैसे विभिन्न खनिजों में पाया जाता है, जिनसे इसे निकाला और परिष्कृत (refined) किया जाता है।
- लिथियम के प्रमुख उत्पादक ऑस्ट्रेलिया (Australia), चिली (Chile), चीन (China) और अर्जेंटीना (Argentina) हैं।
लिथियम का वितरण (Distribution of Lithium):
लिथियम पृथ्वी पर व्यापक रूप से फैला हुआ है, लेकिन इसकी उच्च प्रतिक्रियाशीलता के कारण यह स्वाभाविक रूप से तत्त्व रूप में नहीं पाया जाता है।
वैश्विक लिथियम भंडार (Global Lithium Reserves):
चिली, अर्जेंटीना, और बोलीविया (लिथियम त्रिकोण): यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, चिली, अर्जेंटीना, और बोलीविया को “लिथियम त्रिकोण” (Lithium Triangle) कहा जाता है।
- इन तीन देशों के साथ पेरू में भी विश्व के लगभग 67% प्रमाणित लिथियम भंडार मौजूद हैं, और ये देश दुनिया की आधी लिथियम आपूर्ति का उत्पादन करते हैं। बोलीविया का सालार दे उयूनी नमक का मैदान विश्व का सबसे बड़ा लिथियम स्रोत है, जिसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है।
प्रमुख लिथियम उत्पादक देश (Major Lithium Producing Countries):
- ऑस्ट्रेलिया (Australia): लिथियम का सबसे बड़ा उत्पादक, मुख्य रूप से हार्ड रॉक माइनिंग (स्पोड्यूमीन) के माध्यम से।
- चिली (Chile): अटाकामा रेगिस्तान में ब्राइन जमा के रूप में महत्वपूर्ण लिथियम भंडार रखता है।
- चीन (China): प्रमुख उत्पादक, जिसमें हार्ड रॉक और ब्राइन दोनों संसाधन हैं।
- अर्जेंटीना (Argentina): लिथियम त्रिकोण में व्यापक लिथियम ब्राइन संसाधनों के साथ एक और महत्वपूर्ण देश है।
वैश्विक लिथियम भंडार (Global Lithium Reserves):
- चिली (Chile): सबसे बड़ा लिथियम भंडार, लगभग 2 मिलियन टन अनुमानित।
- ऑस्ट्रेलिया (Australia): लगभग 8 मिलियन टन लिथियम भंडार रखता है।
- अर्जेंटीना (Argentina): लगभग 6 मिलियन टन भंडार के साथ।
- चीन (China): लगभग 3 मिलियन टन लिथियम भंडार रखता है।
लिथियम खनन के बारे में (About Lithium Mining):
परिचय (Introduction): लिथियम खनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्राकृतिक संसाधनों से लिथियम निकाला जाता है। यह तत्व स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
खनन के तरीके (Mining Methods):
- ब्राइन एक्सट्रैक्शन (Brine Extraction): इसमें भूमिगत जलाशयों से लिथियम-समृद्ध ब्राइन (lithium-rich brine) को सतह पर लाया जाता है। इस ब्राइन को बड़े तालाबों में वाष्पित होने दिया जाता है, जिससे लिथियम और अन्य खनिजों का संकेंद्रण होता है। यह विधि चिली और अर्जेंटीना जैसे देशों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।
- हार्ड रॉक माइनिंग (Hard Rock Mining): इसमें स्पोड्यूमीन(spodumene) से लिथियम प्राप्त किया जाता है, जो चट्टानों में पाए जाने वाला एक लिथियम-समृद्ध खनिज है। इस अयस्क को खनन, क्रशिंग और प्रोसेसिंग के द्वारा लिथियम निकाला जाता है। ऑस्ट्रेलिया इस विधि का प्रमुख उपयोगकर्ता है।
- डायरेक्ट लिथियम एक्सट्रैक्शन (Direct Lithium Extraction): यह नवोन्मेषी (innovative) तरीका विशेष फिल्टरों का उपयोग करके ब्राइन से लिथियम को अधिक कुशलता से अलग करता है। यह प्रक्रिया में पानी के पुनर्चक्रण की अनुमति देकर पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है।
लिथियम खनन का पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental impact of lithium mining):
- जल उपयोग (Water use): लिथियम उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली वाष्पीकरण विधि में बहुत अधिक मात्रा में ताजे पानी की आवश्यकता होती है। अटाकामा रेगिस्तान में एक टन लिथियम बनाने के लिए लगभग 2,000 टन पानी की जरूरत होती है।
- समुदाय और वन्यजीवों पर प्रभाव (Impact on community and wildlife): लिथियम खनन के लिए पानी का अत्यधिक उपयोग स्थानीय समुदायों और वन्यजीवों, जैसे फ्लेमिंगो पक्षियों (flamingo birds), के लिए पानी की कमी पैदा करता है, जिससे उनकी आवश्यकताओं पर बुरा असर पड़ता है।
- रासायनिक प्रदूषण (Chemical pollution): लिथियम निकालने में इस्तेमाल होने वाले रसायन जैसे सल्फ्यूरिक एसिड और सोडियम हाइड्रोक्साइड मिट्टी और पानी को दूषित करते हैं, जिससे पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान होता है और कई प्रजातियों के लिए खतरा पैदा हो जाता है।
- वन्यजीवों पर प्रभाव (Impact on wildlife): 2022 के एक अध्ययन में अटाकामा क्षेत्र में फ्लेमिंगो की जनसंख्या में कमी को दर्शाया गया, जो पानी के स्तर में कमी के कारण हुई, जिससे उनकी प्रजनन दर प्रभावित हो रही है।
अटाकामा की आदिवासी समुदायों की लिथियम खनन से पर्यावरण और अस्तित्व पर बढ़ती चिंता:
अटाकामा में रहने वाली आदिवासी समुदायों (Indigenous communities in the Atacama) ने लिथियम खनन के उनके पर्यावरण और जीवनशैली पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर लंबे समय से चिंता जताई है। उनके लिए, ताजे पानी और ब्राइन (खारा पानी) का कम होना केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है; यह उनके अस्तित्व का सवाल है।
इस क्षेत्र की अनूठी वनस्पति और जीव-जंतु, जिनमें से कुछ केवल यहीं पाए जाते हैं, भी खतरे में हैं, क्योंकि उनके आवास सिकुड़ रहे हैं और पानी कम हो रहा है। हालांकि यह उम्मीद है कि नई तकनीकें, जैसे कि डायरेक्ट लिथियम एक्सट्रैक्शन (सीधे लिथियम निकालने की तकनीक), कुछ पर्यावरणीय प्रभावों को कम कर सकती हैं, जैसे कि लिथियम निकालने के बाद भूजल को फिर से वापस डालना, लेकिन यह समाधान अभी भी प्रायोगिक चरण में है।
भारत में लिथियम भंडार (Lithium reserves in India):
- कर्नाटक (Karnataka) के मांड्या जिले (Mandya district) में प्राचीन आग्नेय चट्टानों में भारत में पहली बार लिथियम के निशान मिले थे, लेकिन यह मात्र 1,600 टन ही है।
- हालांकि, हाल ही में जम्मू और कश्मीर में 9 मिलियन टन लिथियम भंडार (5.9 million tonnes of lithium reserves) की खोज हुई है, जो भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
- वर्तमान में, भारत अपनी सभी लिथियम बैटरियां (lithium batteries) आयात करता है।
भारत में अन्य संभावित साइटें (Other potential sites in India):
- राजस्थान, बिहार और आंध्र प्रदेश में मौजूद प्रमुख अभ्रक बेल्ट।
- ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मौजूद पैगमाटाइट (आग्नेय चट्टानें) बेल्ट।
- राजस्थान में सांभर और पचपदरा तथा गुजरात के कच्छ के रण का खारा/लवणीय जलकुंड।
लिथियम के उपयोग (Uses of Lithium):
- बैटरियां (Batteries): लिथियम-आयन बैटरियों का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, और इलेक्ट्रिक वाहनों में होता है।
- दवाएं (Medicines): बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी मानसिक बीमारियों के इलाज में लिथियम का उपयोग होता है।
- स्मार्टफोन (Smartphones): स्मार्टफोन की बैटरियों में लिथियम का प्रमुख उपयोग होता है।
- एयरोस्पेस (Aerospace): एयरोस्पेस में हल्के और मजबूत मिश्र धातु बनाने में लिथियम का उपयोग किया जाता है।
- ग्लास और सिरेमिक (Glass and ceramics): ग्लास और सिरेमिक को मजबूत बनाने के लिए लिथियम का उपयोग किया जाता है।
- परमाणु रिएक्टर (Nuclear reactors): कुछ परमाणु रिएक्टरों में शीतलक के रूप में लिथियम का उपयोग होता है।
- एयर कंडीशनर (Air conditioners): एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर्स में लिथियम क्लोराइड का उपयोग सुखाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है।
- सौर ऊर्जा (Solar energy): सौर ऊर्जा को संग्रहित करने के लिए लिथियम बैटरियों का उपयोग होता है।
- पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy): सौर और पवन ऊर्जा भंडारण: ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग महत्वपूर्ण है।
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