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सेक्स वर्कर्स को मातृत्व अवकाश

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बेल्जियम दुनिया का पहला देश बन गया है जहां सेक्स वर्कर्स को मातृत्व अवकाश, बीमार अवकाश, स्वास्थ्य बीमा और पेंशन का अधिकार मिलेगा। नया कानून 1 दिसंबर से लागू हुआ।

नए कानून के मुख्य बिंदु:

  1. सांसदों का समर्थन: मई महीने में सांसदों ने सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए वोट किया।
  2. कानूनी संरक्षण: नए कानून में सेक्स वर्कर्स को कानूनी संरक्षण प्रदान किया गया है।
  3. एम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स: सेक्स वर्कर्स को अब आधिकारिक रूप से नौकरी के अनुबंध (Employment Contracts) दिए जाएंगे।
  4. दुर्व्यवहार और शोषण की रोकथाम: कानून को सेक्स वर्कर्स के खिलाफ दुर्व्यवहार और शोषण रोकने का प्रयास माना जा रहा है।
  5. सेक्सुअल अधिकार:
    • सेक्सुअल पार्टनर को मना करने या सीमित एक्टिविटी करने का अधिकार।
    • किसी भी वक्त सेक्सुअल एक्ट रोकने का अधिकार, जिससे उन्हें काम से नहीं निकाला जाएगा।
  6. सुरक्षा उपाय:
    • काम की जगह पर पैनिक बटन उपलब्ध होंगे।
    • सफाई और सुरक्षा के लिए साफ चादर, पानी, और कॉन्ट्रासेप्टिव्स अनिवार्य।

दुनिया में सेक्स वर्कर्स का आँकड़ा:

  • कुल सेक्स वर्कर्स (वैश्विक): 4.2 करोड़।
  • देशवार आंकड़े:
    • भारत: 6.57 लाख ।
    • नाइजीरिया: 4.10 लाख।
    • ब्राज़ील: 14 लाख।
    • मैक्सिको: 2.40 लाख।
    • इंडोनेशिया: 2.26 लाख।

वेश्यावृत्ति की स्थिति:

  1. वेश्यावृत्ति वैध: भारत, जर्मनी सहित 53 देशों में वेश्यावृत्ति वैध है।
  2. सीमित वैधता: अमेरिका और फ्रांस सहित 12 देशों में वेश्यावृत्ति सीमित तरीके से वैध है।
  3. वेश्यावृत्ति अवैध: चीन और सऊदी अरब सहित 35 देशों में वेश्यावृत्ति पूरी तरह अवैध है।

वेश्यावृत्ति के मुख्य कारण:

  1. गरीबी: आर्थिक तंगी और जीवन यापन के साधनों की कमी।
  2. अशिक्षा: शिक्षा और जागरूकता की कमी।
  3. बेरोजगारी: रोजगार के सीमित अवसर।
  4. मानसिक शोषण: बचपन में यौन शोषण या पारिवारिक तनाव।
  5. मानव तस्करी: जबरन वेश्यावृत्ति में धकेला जाना।
  6. सामाजिक असमानता: महिलाओं के प्रति भेदभाव और सीमित अधिकार।

भारत में मातृत्व अवकाश:

  1. मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961: यह अधिनियम महिलाओं को बच्चे के जन्म से पहले और बाद में सवेतन मातृत्व अवकाश प्रदान करता है।
  2. 2017 संशोधन:
    • महिला कर्मचारियों के लिए पहले दो बच्चों तक मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया।
    • यदि किसी महिला के दो से अधिक बच्चे हों, तो तीसरे और उसके बाद के बच्चों के लिए मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह तक सीमित है।
  3. महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण: यह कानून मातृत्व और अन्य लाभों के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य और रोजगार को सुरक्षित रखने में सहायक है।

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