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राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा

Prelims: GS I – भारत का इतिहास

Mains: GS-I आधुनिक भारतीय इतिहास, संविधान संशोधन

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (National Flag), जिसे तिरंगा के नाम से भी जाना जाता है, भारत का गौरव और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।  तिरंगा केवल एक झंडा नहीं है, बल्कि यह भारत की आत्मा है। यह देश के लोगों को एकजुट करता है और राष्ट्रीय गौरव की भावना को जगाता है। जब हम तिरंगा फहराते हैं, तो हम अपने देश के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम व्यक्त करते हैं। तिरंगा हमारे लिए एक प्रेरणा का स्रोत है और हमें हमेशा देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) का परिचय:

  • भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को तीन रंगों में होने के कारण इसे “तिरंगा” के नाम से जाना जाता है।
  • तिरंगा आयताकार है, जिसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 है।
  • इसके तीन रंगों में केसरिया रंग सबसे ऊपर होता है। इसके बाद बीच में सफेद रंग है। अंत तिरंगे के निचले हिस्से में हरा रंग है।
  • ध्वज के मध्य में सफेद पट्टी पर गहरे नीले रंग का एक अशोक चक्र है। इस चक्र में 24 तीलियां होती हैं।
  • भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को संविधान सभा द्वारा 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था।
  • तिरंगे को राष्ट्रीय पर्व, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, और अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजनों पर फहराया जाता है।

तिरंगे में रंगों और चक्र का अर्थ:

केसरिया रंग:

  • शौर्य और बलिदान: तिरंगे की सबसे ऊपरी पट्टी केसरिया रंग की होती है। यह रंग देश की शौर्य, बलिदान और त्याग को दर्शाता है। यह रंग भारत के वीर योद्धाओं की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
  • ऊर्जा और उत्साह: केसरिया रंग ऊर्जा और उत्साह का भी प्रतीक है। यह रंग भारतीयों में देशभक्ति की भावना को जगाता है और उन्हें कठिन समय में भी दृढ़ रहने के लिए प्रेरित करता है।
  • अग्नि का रंग: केसरिया रंग अग्नि का रंग भी माना जाता है। अग्नि ज्ञान, प्रकाश और शुद्धता का प्रतीक है। यह रंग भारतीयों में ज्ञान प्राप्त करने और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा जगाता है।

सफेद रंग:

  • शांति और सत्य: तिरंगे की मध्य पट्टी सफेद रंग की होती है। यह रंग शांति, सत्य और शुद्धता का प्रतीक है। यह भारत के लोगों की शांतिपूर्ण प्रकृति और सत्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • शुद्धता: सफेद रंग शुद्धता का भी प्रतीक है। यह रंग भारतीयों में नैतिक मूल्यों को महत्व देने और एक शुद्ध समाज का निर्माण करने की इच्छा को दर्शाता है।

हरा रंग:

  • उर्वरता और समृद्धि: तिरंगे की सबसे निचली पट्टी हरे रंग की होती है। यह रंग भारत की उर्वरता, समृद्धि और विकास को दर्शाता है। यह भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था और प्राकृतिक संसाधनों की समृद्धि का प्रतीक है।
  • प्रकृति: हरा रंग प्रकृति का रंग है। यह रंग भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता को दर्शाता है।
  • नई शुरुआत: हरा रंग नई शुरुआत और विकास का भी प्रतीक है। यह रंग भारत के विकास और उन्नति के लिए लोगों में आशा और विश्वास जगाता है।

अशोक चक्र:

  • धर्म और कर्म: अशोक चक्र धर्म को निष्काम कर्म से जोड़ता है। यह हमें बताता है कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
  • सतत प्रगति: अशोक चक्र सतत प्रगति का प्रतीक है। यह हमें हमेशा आगे बढ़ने और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।
  • राष्ट्रीय एकता: अशोक चक्र भारत की विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों को एक सूत्र में बांधता है। यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
  • अहिंसा: अशोक चक्र अहिंसा और शांति का भी प्रतीक है। यह हमें हिंसा से दूर रहने और शांतिपूर्ण तरीके से समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रेरित करता है।
  • धैर्य और संयम: अशोक चक्र धैर्य और संयम का भी प्रतीक है। यह हमें कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य रखने और संयम से काम लेने के लिए प्रेरित करता है।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज  (National Flag) का इतिहास:

प्रारंभिक झंडे और आंदोलन

  • 1906: भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज संभवतः 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता में फहराया गया था। इस झंडे में लाल, पीले और हरे रंग की तीन क्षैतिज पट्टियां थीं, जिनके मध्य में ‘वंदे मातरम’ लिखा हुआ था। इस झंडे पर लाल रंग की पट्टी में सूर्य और अर्द्धचंद्र का प्रतीक था और हरे रंग की पट्टी में आठ आधे खुले कमल थे।
  • 1907: मैडम भीकाजी कामा और निर्वासित क्रांतिकारियों ने 1907 में जर्मनी में भारतीय ध्वज फहराया। यह विदेशी धरती पर फहराया गया पहला भारतीय ध्वज था।
  • 1917: डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक द्वारा होम रूल आंदोलन के दौरान एक नए झंडे को अपनाया गया। इस झंडे में लाल और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियां और सप्तऋषि विन्यास में सात सितारे थे।

तिरंगे का उदय और स्वीकृति

  • 1931: कांग्रेस समिति की कराची में बैठक में तिरंगे को (पिंगली वेंकैया द्वारा प्रस्तावित) भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया। इस ध्वज में रंगों का क्रम बदला गया और लाल रंग को केसरिया रंग से बदल दिया गया।

वर्तमान तिरंगे की स्वीकृति

  • 1931 में प्राप्त तिरंगे को 22 जुलाई 1947 को भारत की आजादी वर्ष में आधिकारिक तौर पर इसे राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया।

पिंगली वेंकैया: तिरंगे के निर्माता

● पिंगली वेंकैया एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और हमारे राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगे के अभिकल्पक थे।

● पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त, 1876 को आंध्र प्रदेश में हुआ था।

●  उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए कई झंडे डिजाइन किए। इनमें से एक डिजाइन को ही बाद में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

●  उन्होंने तिरंगे में केसरिया, सफेद और हरे रंगों का उपयोग किया। इन रंगों का चुनाव उन्होंने बहुत सोच-समझकर किया था।

ध्वज का सम्मान – भारतीय ध्वज संहिता क्या है?

भारतीय ध्वज संहिता एक ऐसा दस्तावेज है जो तिरंगे के निर्माण, डिजाइन और उपयोग के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि तिरंगे का उपयोग हमेशा सम्मान के साथ किया जाए और इसे किसी भी तरह से अपमानित न किया जाए।

भारतीय ध्वज (National Flag) संहिता की नियमावली:

  • वर्ष 2002 में लागू: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नियमावली 2002 में लागू हुई।
  • कानूनी आधार: यह नियमावली भारत के संविधान के तहत बनाई गई है।
  • तीन भाग: नियमावली को तीन भागों में बांटा गया है:
    • पहला भाग: तिरंगे का विवरण।
    • दूसरा भाग: सरकारी, निजी और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा तिरंगे के उपयोग के नियम।
    • तीसरा भाग: केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तिरंगे के उपयोग के नियम।
  • तिरंगे का निर्माण:
    • कपड़ा: तिरंगा केवल खादी कपड़े से बनाया जा सकता है।
    • रंग: केसरिया, सफेद और हरा रंग के सटीक छाया निर्धारित हैं।
    • अशोक चक्र: अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए।
  • तिरंगे का उपयोग:
    • सम्मानजनक तरीके से: तिरंगे को हमेशा सम्मानजनक तरीके से फहराया जाना चाहिए।
    • फटा या गंदा ध्वज: फटा या गंदा ध्वज को फहराना प्रतिबंधित है।
    • अन्य वस्तुओं के साथ: तिरंगे को किसी अन्य वस्तु के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
  • 26 जनवरी 2002 को लागू इस नियमावली में कुछ कानून हैं – इसके अंतर्गत सभी संस्थानों को तिरंगा फहराने की अनुमति मिली। इसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय के बीच ही फहराया जाना चाहिए। व्यक्तिगत लाभ या प्रयोजन में इसका इस्तेमाल नही होना चाहिए। जब तिरंगे के साथ अन्य कोई ध्वज है तो उसकी ऊंचाई तिरंगे से कम रखी जानी चाहिए। कुछ विशेष परिस्थिति में ही तिरंगे को आधा झुकाया जा सकता है।
  • नियमावली का उल्लंघन करने पर जुर्माना और कारावास का प्रावधान है।

भारत का राष्ट्रीय ध्वज: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व

राष्ट्रीय महत्व

  • राष्ट्रीय एकता: तिरंगा भारत की विविधता में एकता को दर्शाता है। यह सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के लोगों को एक सूत्र में बांधता है।
  • गौरव और सम्मान: तिरंगा भारतीयों के लिए गौरव और सम्मान का प्रतीक है। यह हमें अपने देश से जुड़ाव महसूस कराता है।
  • स्वतंत्रता संग्राम: तिरंगा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है। यह हमें उन वीरों को याद दिलाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया।
  • राष्ट्रीय पहचान: तिरंगा भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान है। यह विश्व पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
  • प्रेरणा: तिरंगा हमें कर्तव्यनिष्ठा, त्याग और देश सेवा के लिए प्रेरित करता है।

अंतरराष्ट्रीय महत्व

  • विश्व शांति: तिरंगा के मध्य में स्थित अशोक चक्र शांति और अहिंसा का प्रतीक है। यह विश्व शांति के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • सांस्कृतिक विरासत: तिरंगा भारत की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है। यह भारत को एक प्राचीन और गौरवशाली देश के रूप में प्रस्तुत करता है।
  • बहुवचनवाद: तिरंगा दुनिया को यह संदेश देता है कि भारत एक बहुवचनवादी देश है जहां विभिन्न संस्कृतियां और धर्म शांति से रहते हैं।
  • विकास और प्रगति: तिरंगा भारत के विकास और प्रगति का प्रतीक है। यह दुनिया को दिखाता है कि भारत एक उभरती हुई शक्ति है।

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  1. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अनुसार भारत के राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

कथन-I: भारत के राष्ट्रीय ध्वज का एक मानक आकार 600 मिमी * 400 मिमी है।

कथन-II: ध्वज की लंबाई और ऊंचाई (चौड़ाई) का अनुपात 3:2 होगा।

उपर्युक्त कथनों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?

  1. a) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं और कथन-II कथन-I का सही स्पष्टीकरण है
  2. b) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं और कथन II कथन-I का सही स्पष्टीकरण नहीं है
  3. c) कथन-I सही है लेकिन कथन-II गलत है
  4. d) कथन-I गलत है लेकिन कथन-II सही है

Ans. सही उत्तर: विकल्प d)

व्याख्या: ध्वज के मानक आकार निम्न में से एक हो सकता है।    (मिमी)

1     6300 × 4200

2     3600 × 2400

3     2700 × 1800

4     1800 × 1200

5     1350 × 900

6     900 × 600

7     450 × 300

8     225 × 150

9     150 × 100

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