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राष्ट्रीय गोकुल मिशन

संदर्भ:

राष्ट्रीय गोकुल मिशन: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (National Gokul Mission) को मंजूरी दी।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन (National Gokul Mission) के बारे में:

  • परिचय: राष्ट्रीय गोकुल मिशन को पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा 2014 से लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य देशी पशु नस्लों का विकास और संरक्षण करना है।
  • वित्त पोषण और कार्यान्वयन (Funding and Implementation):
    • संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन को डेवलपमेंट प्रोग्राम्स योजना के केंद्रीय क्षेत्र घटक के रूप में लागू किया जा रहा है।
    • 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के दौरान इसका कुल परिव्यय ₹3400 करोड़ है, जिसमें अतिरिक्त ₹1000 करोड़ शामिल हैं।

नई गतिविधियाँ (New Activities):

  1. बछिया पालन केंद्रों की स्थापना (Heifer Rearing Centres): 30 आवासीय सुविधाओं में कुल 15,000 बछियों के लिए आवास निर्माण के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों को पूंजी लागत का 35% एकमुश्त सहायता दी जाएगी।
  2. उच्च आनुवंशिक क्षमता वाली बछियों की खरीद को प्रोत्साहन: किसान को दूध संघों/वित्तीय संस्थानों/बैंकों से उधार लेकर उच्च आनुवंशिक क्षमता वाली (HGM) IVF बछियों की खरीद पर 3% ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन उपलब्धियाँ (Achievements)

  1. मुख्य उपलब्धियाँ (Key Achievements):
    • राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (NAIP): 605 जिलों में किसानों के घर पर निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान (AI) सेवा प्रदान की जा रही है, जहां आधारभूत AI कवरेज 50% से कम था।
    • आत्मनिर्भर तकनीकी पहल:
      • गौ चिप और महिष चिप: ये देशी पशुओं के लिए जीनोमिक चिप्स हैं, जिन्हें राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और ICAR नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज (NBAGR) द्वारा विकसित किया गया है।
      • गौ सॉर्ट (Gau Sort):
        • NDDB द्वारा विकसित एक स्वदेशी सेक्स-सॉर्टेड सीमन उत्पादन तकनीक।
        • इसमें शुक्राणु कोशिकाओं को X या Y क्रोमोसोम सामग्री के आधार पर अलग किया जाता है, जिससे इच्छित लिंग (महिला या पुरुष) के संतान उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. अनुदान आधारित कार्यान्वयन: मिशन के अधिकांश घटक 100% अनुदान के आधार पर लागू किए जा रहे हैं।
  3. लाभार्थियों की संख्या: अब तक 39 करोड़ पशुओं को कवर किया गया है और 5.21 करोड़ किसानों को लाभ मिला है।
  4. दूध की उपलब्धता में वृद्धि: 2013-14 में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 307 ग्राम प्रतिदिन थी, जो 2023-24 में बढ़कर 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है।
  5. उत्पादकता में सुधार: पिछले दस वर्षों में उत्पादकता में 34% की वृद्धि हुई है।
  6. IVF लैब्स की स्थापना: राज्य पशुधन बोर्ड (SLBs) या विश्वविद्यालयों के अंतर्गत देशभर में कुल 22 इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) लैब्स स्थापित की गई हैं।
  7. राष्ट्रीय गोकुल मिशन ने पशुधन की उत्पादकता और दूध की उपलब्धता में महत्वपूर्ण सुधार किया है, साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया है। 

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