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संदर्भ:
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन किया। यह बोर्ड हल्दी किसानों के कल्याण, उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों के विकास और निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड / Turmeric Board of India:
- मुख्य उद्देश्य: भारत में हल्दी उत्पादन, विपणन, और निर्यात को बढ़ावा देना।
- मुख्यालय: निजामाबाद, तेलंगाना।
- पहले अध्यक्ष: पल्ले गंगा रेड्डी को पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
- बोर्ड सदस्य:
- प्रतिनिधि:
- आयुष मंत्रालय
- फार्मास्यूटिकल्स विभाग
- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
- वाणिज्य मंत्रालय
- महाराष्ट्र, तेलंगाना, और मेघालय से भी प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- उद्देश्य: अगले पांच वर्षों में हल्दी उत्पादन को दोगुना कर 2 मिलियन टन तक पहुंचाना।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की प्राथमिकताएं:
- हल्दी किसानों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना।
- हल्दी उत्पादन और निर्यात की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना।
- नए हल्दी उत्पादों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना।
- हल्दी उत्पादों के लिए नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में व्यापार बढ़ाना।
- भंडारण और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के लिए प्रभावी उपाय लागू करना।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के लाभ:
- हल्दी उत्पादकों की आय में वृद्धि।
- भारत के हल्दी निर्यात को वैश्विक पहचान।
- किसानों और निर्यातकों के लिए नए व्यापारिक अवसर।
- भारत की अर्थव्यवस्था में मसालों के योगदान को बढ़ावा।
हल्दी (Turmeric) के बारे में:
- वैज्ञानिक नाम: Curcuma longa
- परिवार: Zingiberaceae
- उपयोग: स्वास्थ्य, सौंदर्य, और पाक-कला।
हल्दी के अद्भुत लाभ:
- सूजनरोधी: सूजन को कम करने में मदद करता है।
- एंटीऑक्सीडेंट: शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाता है।
- एंटीसेप्टिक: घावों को भरने में मदद करता है।
- पाचन सुधारक: अपच को कम करने में सहायक।
- प्रतिरोधक क्षमता: इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
हल्दी की खेती और उत्पादन:
- खेती का क्षेत्रफल:05 लाख हेक्टेयर।
- उत्पादन: लगभग 74 लाख टन।
वैश्विक योगदान: भारत वैश्विक हल्दी उत्पादन में 70% से अधिक का योगदान करता है।
प्रकार और विविधता:
- देश में हल्दी की 30 विशिष्ट किस्में पाई जाती हैं।
- प्रत्येक किस्म के अपने अनूठे गुण और उपयोग हैं।
कृषि में महत्व: हल्दी उत्पादन भारत के कृषि परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
हल्दी क्षेत्र के लिए भविष्य की दिशा:
- राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की भूमिका:
- हल्दी क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा।
- सरकारी विभागों और एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रयासों को सुव्यवस्थित करेगा।
- मुख्य पहलें:
- व्यापार अवसरों में वृद्धि: हल्दी के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना।
- स्वास्थ्य लाभ का प्रचार: हल्दी से जुड़े स्वास्थ्य लाभों को उजागर करना और जागरूकता बढ़ाना।