Apni Pathshala

India AI: भारत में AI क्रांति की नई शुरुआत

सामान्य अध्ययन पेपर II: सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

चर्चा में क्यों? 

India AI: हाल ही में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडिया AI मिशन की पहली वर्षगांठ पर कई प्रकार की AI पहल शुरू कीं। इनका लक्ष्य भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा देना है, जिससे देश डिजिटल प्रगति की ओर तेजी से अग्रसर हो सके।

भारत में AI से संबंधित नई पहलें

  • इंडिया AI कंप्यूट पोर्टल: भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया इंडिया AI कंप्यूट पोर्टल AI नवाचार को समर्थन देने के लिए एक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म है। यह पोर्टल छात्रों, स्टार्टअप्स, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को NVIDIA H100, AMD MI300x और AWS Tranium जैसे उच्च-प्रदर्शन वाले GPUs तक आसान पहुंच प्रदान करता है। इसके माध्यम से 18,000 से अधिक GPU, क्लाउड स्टोरेज और अन्य AI सेवाएं सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी। उपयोगकर्ताओं को 40% तक की सब्सिडी मिलेगी, जिससे AI विकास की गति तेज होगी। उल्लेखनीय है कि इस पोर्टल पर GPU उपयोग करने की लागत केवल 67 रुपये प्रति घंटे होगी, जो वैश्विक स्तर पर सबसे किफायती दरों में से एक है।
  • AIKosha डेटा सेट प्लेटफॉर्म: AIKosha प्लेटफॉर्म, AI इनोवेशन के लिए आवश्यक उच्च-गुणवत्ता वाले डेटा सेट, मॉडल और उपयोग मामलों की सुविधा प्रदान करता है। यह डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एन्क्रिप्शन, सुरक्षित API और रीयल-टाइम फ़िल्टरिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। इस प्लेटफॉर्म पर AI सैंडबॉक्स क्षमता, कंटेंट डिस्कवरबिलिटी और AI रेडीनेस स्कोरिंग जैसी विशेषताएँ शामिल की गई हैं, जिससे डेवलपर्स और शोधकर्ताओं को वास्तविक उपयोग मामलों पर काम करने में सहायता मिलेगी।
  • AI Competency Framework: सरकारी नीति निर्माण और प्रशासन में AI के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने AI Competency Framework लॉन्च किया है। इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों को AI कौशल और नीति निर्माण में सक्षम बनाना है। यह कार्यक्रम वैश्विक मानकों के अनुरूप होगा और सरकार को स्मार्ट नीतियों एवं AI-संचालित प्रशासनिक सुधारों को लागू करने में सहायता करेगा। साथ ही, iGOT-AI प्लेटफॉर्म सरकारी अधिकारियों को AI-समर्थित निजीकरण सीखने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे उनके निर्णय लेने की दक्षता बढ़ेगी।
  • वैश्विक एक्सेलेरेशन प्रोग्राम: स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सरकार ने IndiaAI स्टार्टअप्स ग्लोबल एक्सेलेरेशन प्रोग्राम की शुरुआत की है। STATION F (पेरिस) और HEC Paris के सहयोग से चलने वाले इस 4-महीने के कार्यक्रम में 10 प्रमुख AI स्टार्टअप्स को मेंटरशिप, नेटवर्किंग और वैश्विक बाजार में विस्तार का अवसर मिलेगा। इससे भारतीय स्टार्टअप्स को विदेशी बाजारों में पहचान बनाने और नवीन AI समाधानों को वाणिज्यिक रूप देने में सहायता मिलेगी।
  • IndiaAI फ्यूचर स्किल्स: AI शिक्षा और कौशल विकास को समर्थन देने के लिए सरकार ने IndiaAI फ्यूचर स्किल्स और फेलोशिप प्रोग्राम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी और अन्य प्रमुख संस्थानों में AI पाठ्यक्रमों को शामिल किया जाएगा। स्नातक (UG), स्नातकोत्तर (PG) और पीएचडी (Ph.D.) स्तर के छात्रों को AI अध्ययन और शोध के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, टियर 2 और टियर 3 शहरों में IndiaAI डेटा लैब्स स्थापित किए जाएंगे, जहां AI के बुनियादी पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे।

भारत का India AI मिशन: सम्पूर्ण जानकारी 

भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक नेतृत्व के पथ पर अग्रसर करने के लिए इंडिया AI मिशन की शुरुआत की थी।

    • यह मिशन डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC) के तहत एक स्वतंत्र व्यवसाय प्रभाग (Independent Business Division – IBD) के रूप में संचालित किया जा रहा हैं।
    • इस मिशन के लिए ₹10,371.92 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है, जिसका उद्देश्य AI अनुसंधान, नवाचार, स्टार्टअप्स और AI शिक्षा को बढ़ावा देना है।
  • इंडिया AI पोर्टल
    • इंडिया AI पोर्टल, जिसे मई 2020 में लॉन्च किया गया था, भारत में AI से संबंधित सभी गतिविधियों का एकीकृत मंच है। 
    • यह पोर्टल इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY), राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) और नैसकॉम (NASSCOM) के सहयोग से शुरू किया गया था। 
    • इस पोर्टल पर AI से जुड़ी शोध रिपोर्टें, लेख, समाचार, इंटरव्यू, सरकारी नीतियाँ और स्टार्टअप्स की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
    • इस पोर्टल पर 1151 से अधिक लेख, 701 समाचार कहानियाँ, 98 शोध रिपोर्ट, 95 केस स्टडीज़ और 213 से अधिक वीडियो प्रकाशित किए गए हैं। 
    • इसके अलावा, 121 सरकारी पहल और 281 स्टार्टअप्स का डेटाबेस भी उपलब्ध है। 
    • यह पोर्टल न केवल AI शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करता है, बल्कि नि:शुल्क और सशुल्क AI पाठ्यक्रमों की सुविधा भी देता है।
  • इंडिया AI मिशन का उद्देश्य: इंडिया AI मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत में AI पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को मजबूत करना और इसे आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख लक्ष्य रखे गए हैं:
    • 10,000 से अधिक GPU क्षमता का AI कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना।
    • 100 अरब से अधिक पैरामीटर्स वाले फाउंडेशनल AI मॉडल विकसित करना, जो भारतीय भाषाओं पर आधारित हों।
    • स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और शासन (Governance) जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में AI का उपयोग बढ़ाना।
    • AI स्टार्टअप्स और कंपनियों के लिए शोध और विकास (R&D) को बढ़ावा देना।
    • भारत के युवाओं और पेशेवरों के लिए AI स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाना।

भारत के AI मॉडल और भाषा प्रौद्योगिकियां

भारत सरकार स्वदेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल और भाषा प्रौद्योगिकियों के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। इस दिशा में बड़े भाषा मॉडल (LLM), छोटे भाषा मॉडल (SLM) और बहुभाषी AI समाधानों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे भारतीय भाषाओं में डिजिटल सेवाओं तक सुगम पहुंच सुनिश्चित की जा सके। 

  • भारतजेन: भारतजेन पहल की शुरुआत 2024 में दिल्ली में की गई थी। यह भाषा, भाषण और कंप्यूटर विज़न के क्षेत्र में आधारभूत AI मॉडल विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मॉडल का उद्देश्य सार्वजनिक सेवा वितरण और नागरिकों की डिजिटल सहभागिता को आसान बनाना है। भारतजेन देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और AI शोधकर्ताओं के सहयोग से विकसित किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह भारत की वास्तविक जरूरतों के अनुकूल हो।
  • सर्वम-1: सर्वम-1 एक अत्याधुनिक एलएलएम है, जिसे विशेष रूप से भारतीय भाषाओं के लिए विकसित किया गया है। इसमें 2 अरब पैरामीटर हैं और यह 10 प्रमुख भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है। यह मॉडल स्वचालित अनुवाद, पाठ सारांश और सामग्री निर्माण में सहायक है, जिससे स्थानीय भाषाओं में डिजिटल संसाधनों का विस्तार होगा।
  • हनुमान एवरेस्ट 1.0: हनुमान एवरेस्ट 1.0 एक अत्याधुनिक बहुभाषी AI प्रणाली है, जो 35 भारतीय भाषाओं में काम करती है। इसकी भाषाई क्षमता को 90 भाषाओं तक विस्तारित करने की योजना बनाई गई है, जिससे भारत के विविध भाषाई परिदृश्य को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जा सके।
  • डिजिटल इंडिया भाषानी: भाषानी प्लेटफॉर्म भारतीय भाषाओं में डिजिटल सेवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करता है। यह आवाज-आधारित AI अनुवाद तकनीकों का उपयोग करता है, जिससे इंटरनेट का उपयोग और भारतीय भाषाओं में सामग्री निर्माण अधिक प्रभावी और समावेशी बन सके।
  • चित्रलेखा: चित्रलेखा एक AI-संचालित वीडियो ट्रांसक्रिप्शन प्लेटफॉर्म है, जिसे AI4भारत द्वारा विकसित किया गया है। यह भारतीय भाषाओं में ऑडियो को टेक्स्ट में बदलने और संपादित करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे मीडिया, शैक्षणिक संस्थानों और कंटेंट क्रिएटर्स को लाभ मिलेगा।

भारत के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बाजार की प्रमुख विशेषताएँ

  • AI कंप्यूट अवसंरचना: भारत ने AI कंप्यूटिंग क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर GPU (Graphics Processing Unit) तैनात किए हैं। मिशन के शुरुआती चरण में 10,000 से अधिक GPU उपलब्ध कराए जा चुके हैं, और आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। यह पहल स्वदेशी AI समाधान विकसित करने, भारतीय भाषाओं में AI को सुलभ बनाने और अनुसंधान को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  • ओपन GPU मार्केटप्लेस: भारत ने ओपन GPU मार्केटप्लेस की शुरुआत की है, जिससे छोटे स्टार्टअप, शोधकर्ता और छात्र भी उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग का लाभ उठा सकें। यह पहल उन देशों से अलग है, जहां बड़ी कंपनियों के पास AI अवसंरचना का नियंत्रण होता है। इससे सभी को समान अवसर मिलेगा और छोटे उद्यमियों के लिए नवाचार के नए द्वार खुलेंगे।
  • सेमीकंडक्टर विनिर्माण: भारत सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश कर रहा है। वर्तमान में देश में पांच सेमीकंडक्टर संयंत्र निर्माणाधीन हैं, जिससे AI आधारित तकनीकों, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। यह कदम भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स और AI उद्योग में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिलाने में सहायक होगा।
  • सरकारी पहल: सरकार ने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटीज मिशन, GI क्लाउड (MeghRaj), और Global INDIA AI Summit जैसी पहलें शुरू की हैं, जो AI को उद्योगों और प्रशासनिक सेवाओं में तेजी से अपनाने में मदद कर रही हैं।
  • AI क्लस्टर: देश के विभिन्न शहरों में AI क्लस्टर विकसित हो रहे हैं, जहां अनुकूल सरकारी नीतियों, अनुसंधान संस्थानों और AI प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग के चलते AI स्टार्टअप्स और कंपनियों का तेजी से विकास हो रहा है। बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, चेन्नई, पुणे और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) AI नवाचार के प्रमुख केंद्र बन रहे हैं।

इंडिया AI मिशन के सामने संभावित चुनौतियाँ

  • सीमित GPU क्षमता और अवसंरचना: भारत में GPU (Graphics Processing Unit) की उपलब्धता अभी भी सीमित है, जबकि AI मॉडल के प्रशिक्षण और निष्पादन के लिए उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग अवसंरचना की जरूरत होती है। हालाँकि सरकार GPU अवसंरचना विकसित करने के लिए निवेश कर रही है, लेकिन बड़ी टेक कंपनियों के मुकाबले यह अभी भी अपर्याप्त है।
  • भू-राजनीतिक और नियामकीय चुनौतियाँ: AI प्रौद्योगिकी के विकास में वैश्विक भू-राजनीतिक कारक और नीतिगत मुद्दे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत को सेमीकंडक्टर और GPU आपूर्ति के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि व्यापार प्रतिबंध या आपूर्ति श्रृंखला में कोई व्यवधान होता है, तो AI विकास की गति प्रभावित हो सकती है। साथ ही, डेटा सुरक्षा और एथिकल AI को लेकर वैश्विक नियमों के अनुपालन की चुनौती भी बनी हुई है।
  • सीमित AI विशेषज्ञता और उच्च लागत: भारत में AI विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की संख्या अभी भी सीमित है। शीर्ष AI प्रतिभाएँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षक वेतन और बेहतर संसाधनों की वजह से विदेशों में चली जाती हैं (Brain Drain)। इसके अलावा, AI मॉडल विकसित करने की लागत बहुत अधिक होती है, जिससे स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यह क्षेत्र चुनौतीपूर्ण बन जाता है।
  • अवसंरचना की कमी: हालाँकि सरकार AI के लिए आवश्यक डिजिटल बुनियादी ढाँचा विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है, लेकिन अभी भी डेटा सेंटर, क्लाउड स्टोरेज, हाई-स्पीड इंटरनेट और कंप्यूटिंग संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) को AI तकनीक अपनाने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
  • पर्यावरणीय चुनौतियाँ: AI मॉडल्स को प्रशिक्षित करने और निष्पादित करने में बड़ी मात्रा में ऊर्जा की खपत होती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है। यदि भारत AI विकास के साथ हरित ऊर्जा स्रोतों को प्राथमिकता नहीं देता, तो यह मिशन जलवायु लक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है।

UPSC पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs)

प्रश्न (2020): विकास की वर्तमान स्थिति के साथ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निम्नलिखित में से कौन सा कार्य प्रभावी रूप से कर सकता है? 

  1. औद्योगिक इकाइयों में बिजली की खपत कम करना
  2. सार्थक लघु कथाएँ और गीत बनाना 
  3. रोग निदान
  4. पाठ-से-भाषण रूपांतरण
  5. विद्युत ऊर्जा का वायरलेस संचरण

नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5 

(b) केवल 1, 3 और 4 

(c) केवल 2, 4 और 5 

(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

प्रश्न (2020): “चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के उद्भव ने ई-गवर्नेंस को सरकार के अभिन्न अंग के रूप में शुरू किया है”। चर्चा करें। 

Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/

Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top