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संदर्भ:
केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने सिक्किम के सोरेंग जिले में भारत के पहले जैविक मत्स्य क्लस्टर का उद्घाटन किया। यह पहल प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत शुरू की गई है।
विशेषताएँ:
- न्यूनतम पर्यावरण प्रदूषण और टिकाऊ उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है।
- जैविक मछली पालन के लिए अमूर कार्प और अन्य प्रमुख प्रजातियों को शामिल करता है।
- बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और किसान उत्पादक संगठनों (FFPO) के गठन के लिए वित्त पोषण के माध्यम से NABARD द्वारा समर्थित।
जैविक मत्स्य क्लस्टर (Organic Fisheries):
परिचय: ऑर्गेनिक मत्स्य पालन उन मछली पालन प्रणालियों पर केंद्रित है जो पर्यावरणीय रूप से स्वस्थ होती हैं और हानिकारक रसायनों, एंटीबायोटिक्स और कीटनाशकों के उपयोग से बचती हैं।
जैविक मत्स्य क्लस्टर का महत्व-
- पारिस्थितिक लाभ (Ecological Benefits):
- पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी और जलीय पारिस्थितिक तंत्र को क्षति से बचाने में मददगार।
- राज्य की ब्लू इकोनॉमी में महत्वपूर्ण योगदान।
- आर्थिक लाभ (Economic Benefits):
- जैविक मछली उत्पादों को बाजार में प्रीमियम मूल्य मिलता है।
- जैविक और टिकाऊ समुद्री भोजन की बढ़ती मांग का लाभ उठाकर सिक्किम की आर्थिक उत्पादन क्षमता बढ़ाना।
- जैविक मछली और संबंधित उत्पादों के निर्यात के नए अवसर खोलना।
- सामाजिक लाभ (Social Benefits):
- स्थानीय मछुआरों को सशक्त करना।
- सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों (FFPOs) के लिए नए अवसर पैदा करना।
- समुदायों के उत्थान और आजीविका सुधार में सहायक।
नाबार्ड के साथ सहयोग:
- नाबार्ड जैविक मत्स्यपालन क्लस्टर के विकास में वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है, जिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, क्षमता निर्माण, और जलीय कृषि तकनीक में निजी निवेश को प्रोत्साहन शामिल है।
- एफएफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) की स्थापना में सहायता, जिससे जैविक मत्स्यपालन को सुव्यवस्थित किया जा सके।
PMMSY के तहत क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण:
- PMMSY का क्लस्टर मॉडल मत्स्यपालन मूल्य श्रृंखला से जुड़े उद्यमों को जोड़कर कुशलता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर केंद्रित है।
- मछुआरों, प्रोसेसर्स और उद्यमियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर आर्थिक लाभ और बेहतर बाजार पहुंच सुनिश्चित करता है।
- सफल उदाहरण: पर्ल क्लस्टर (झारखंड), ऑर्नामेंटल मत्स्य क्लस्टर (तमिलनाडु), और सीवीड क्लस्टर (लक्षद्वीप)।
मत्स्य क्षेत्र का राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व:
- राष्ट्रीय स्तर पर:
- मत्स्य क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, यह 3 करोड़ मछुआरों और मत्स्यपालकों को आजीविका प्रदान करता है।
- भारत का मत्स्य क्षेत्र कृषि जीडीपी में लगभग 24% और कुल जीडीपी में 0.92% का योगदान करता है।
- वैश्विक स्तर पर:
- दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश, भारत वैश्विक मछली उत्पादन में 8% योगदान देता है।
- भारत झींगा उत्पादन और निर्यात में वैश्विक नेता है।
- सरकारी प्रयास: 2015 के बाद से, सरकार ने ₹38,572 करोड़ की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें निम्न योजनाएं शामिल हैं:
- नीली क्रांति (Blue Revolution)
- मत्स्यपालन और जलकृषि अवसंरचना विकास कोष (FIDF)
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)