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खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में जैविक भोजन (Organic Food) के स्वास्थ्य लाभ और इसके बढ़ते वैश्विक उपयोग के साथ आंत संबंधी बीमारी के खतरे जैसी चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। जैविक भोजन की विशेषता यह है कि इसे हानिकारक कीटनाशकों, कृत्रिम उर्वरकों, और आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों के बिना उगाया जाता है, जो इसे अधिक पोषक और स्वास्थ्यवर्धक बनता है।
जैविक भोजन (Organic Food) क्या हैं?
जैविक भोजन (Organic Food) वे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो बिना रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और जैव-इंजीनियरिंग तकनीकों के प्रयोग के उगाए जाते हैं। इसे उगाने के लिए प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे प्राकृतिक खाद, जैविक कीटनाशक, और मिट्टी को स्वस्थ रखने वाली प्रक्रियाएँ।
जैविक भोजन (Organic Food) के कुछ प्रमुख पहलू:
- रासायनिक मुक्त: जैविक खेती में रासायनिक खादों, कीटनाशकों और हर्बिसाइड्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
- प्राकृतिक उर्वरक: इसमें गोबर की खाद, कम्पोस्ट, और हरी खाद जैसी प्राकृतिक खादों का उपयोग किया जाता है।
- मिट्टी का स्वास्थ्य: जैविक खेती में मिट्टी के प्राकृतिक पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए फसल चक्र, फसल आवर्तन, और मिश्रित खेती का प्रयोग किया जाता है।
- जीएमओ से मुक्त: जैविक भोजन को उगाने में आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (GMOs) का उपयोग नहीं किया जाता है।
स्वास्थ्य लाभ:
- रोगों का कम जोखिम: जैविक भोजन (Organic Food) के सेवन से मोटापा, मधुमेह, और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसका कारण यह है कि जैविक भोजन में हानिकारक रसायन और प्रसंस्करण का अभाव होता है।
- पोषण में वृद्धि: अध्ययनों के अनुसार, जैविक फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा पारंपरिक खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक होती है।
- स्वाद और गुणवत्ता: उपभोक्ताओं की राय के अनुसार, जैविक तरीके से उगाए गए खाद्य पदार्थ पारंपरिक रूप से उगाए गए उत्पादों की तुलना में बेहतर स्वाद और गुणवत्ता वाले होते हैं।
वृद्धि और चुनौतियाँ:
- भारत में जैविक खाद्य बाजार की 2022 में कीमत 278 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी और 2028 तक इसके 4.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।
- उपभोक्ता अब अधिक जागरूक हो गए हैं और वे स्वस्थ और सुरक्षित भोजन की ओर रुख कर रहे हैं, जिसमें रसायन अवशेष और कीटनाशकों का उपयोग न हो।
- हालाँकि, जैविक खेती के बढ़ते प्रसार के साथ खाद्य सुरक्षा से जुड़ी कुछ चिंताएँ भी उत्पन्न हो रही हैं।
खाद्य सुरक्षा चुनौतियाँ:
- आंत बैक्टीरिया और रोगाणु: जैविक उत्पादों में साल्मोनेलोसिस, हैजा और पेचिश जैसे रोगों को उत्पन्न करने वाले आंत बैक्टीरिया के संक्रमण का जोखिम बढ़ रहा है। यह समस्या जैविक कृषि पद्धतियों में प्राकृतिक खाद और पशु मल के उपयोग से उत्पन्न हो रही है।
- सूक्ष्मजीव संक्रमण: बैक्टीरिया अक्सर जैविक फलों और सब्जियों की सतह पर चिपक जाते हैं और आंतरिक रूप से उनमें निवास कर लेते हैं, जिससे उन्हें हटाना मुश्किल हो जाता है।
- दूषित सिंचाई जल: जैविक खेती में उपयोग किए जाने वाले सिंचाई जल का दूषित होना भी एक बड़ी चिंता का विषय है। दूषित जल से रोगाणुओं का संक्रमण फसलों में फैल सकता है।
सुरक्षा उपाय:
- अच्छी कृषि पद्धतियाँ: जैविक खाद को सुरक्षित थर्मल और एरोबिक प्रक्रियाओं से बनाया जाना चाहिए ताकि हानिकारक बैक्टीरिया का नाश हो सके। इसके अलावा, स्वच्छ सिंचाई जल और पर्यावरणीय प्रबंधन पर ध्यान देना आवश्यक है।
- रोगाणुनाशक तकनीक: ताजे उत्पादों को प्रसंस्कृत करने और उन्हें धोने के लिए रोगाणुनाशक तकनीक अपनानी चाहिए, ताकि बैक्टीरिया का प्रभाव कम किया जा सके।
- रियल-टाइम मॉनिटरिंग: खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए रियल-टाइम माइक्रोबियल मॉनिटरिंग तकनीकों का उपयोग आवश्यक है।
निष्कर्ष: जैविक भोजन (Organic Food) के अनेक स्वास्थ्य लाभ होने के बावजूद, इसके उत्पादन और वितरण में संदूषण के जोखिम को कम करने के लिए मजबूत खाद्य सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। पौधों की सुरक्षा और आंत रोगाणुओं के प्रसार को रोकना जठरांत्र संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि उपभोक्ता सुरक्षित रूप से जैविक भोजन का आनंद ले सकें।
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