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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)

संदर्भ:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) के दस वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस योजना के अंतर्गत ₹33.65 लाख करोड़ मूल्य के 520 मिलियन से अधिक ऋणों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिनमें से ₹32.87 लाख करोड़ की राशि का वितरण भी किया जा चुका है। यह माइक्रो-फाइनेंस योजना, जो उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, पिछले एक दशक में स्वरोजगार और लघु उद्यमों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • व्यापक कवरेज: योजना ने छोटे शहरों और गांवों तक व्यवसायिक गतिविधियों का विस्तार किया है, जहां पहली बार व्यवसाय शुरू करने वाले उद्यमी आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
  • महिला सशक्तिकरण पर विशेष बल: कुल स्वीकृत ऋणों में से लगभग 68% ऋण महिलाओं को प्रदान किए गए हैं, जो योजना के सामाजिक समावेशन और आर्थिक सशक्तिकरण के लक्ष्य को स्पष्ट करते हैं।
  • लघु उद्यमों को संबल: योजना ने माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइजेज (MSMEs) को मजबूत आधार प्रदान किया है, जिससे स्वरोजगार और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को बल मिला है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के बारे में:

  1. योजना का उद्देश्य: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत8 अप्रैल 2015को की गई थी। इसका उद्देश्य सूक्ष्म और लघु उद्यमों (Micro and Small Enterprises) को वित्तीय सहायता देना है, ताकि वे अपने व्यापार को शुरू कर सकें या विस्तार दे सकें।
  2. मुद्रा (MUDRA) का पूर्ण रूप: MUDRAका मतलब है –Micro Units Development and Refinance Agency। यह एक सरकारी संस्था है जो गैर-कृषि लघु व्यवसायों को ऋण (Loan) देने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को पुनर्वित्त (refinance) सुविधा प्रदान करती है।
  3. ऋण की श्रेणियाँ: योजना के तहत तीन प्रकार के ऋण दिए जाते हैं:
    • शिशु (Shishu): ₹50,000 तक का ऋण – छोटे व्यापार की शुरुआत के लिए।
    • किशोर (Kishor):₹50,001 से ₹5 लाख तक – व्यवसाय के विस्तार के लिए।
    • तरुण (Tarun): ₹5 लाख से ₹10 लाख तक – व्यवसाय को और आगे बढ़ाने के लिए।
  4. लाभार्थी कौन हो सकते हैं: छोटे दुकानदार, सब्ज़ी विक्रेता, कारीगर, मशीनरी वर्कर, स्वरोजगार शुरू करने वाले युवा, महिलाएं एवं प्रवासी श्रमिक
  5. योजना की विशेषताएं:
    • किसी भी प्रकार की गारंटी या सिक्योरिटी की आवश्यकता नहीं
    • ब्याज दरें बैंक द्वारा तय की जाती हैं।
    • मुद्रा कार्ड भी मिलता है जिससे डिजिटल खर्च किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पर SBI रिपोर्ट:

  1. समावेशी उद्यमिता को बढ़ावा: मुद्रा योजना ने महिलाओं, वंचित वर्गों और सूक्ष्म उद्यमों को स्वरोजगार और व्यवसाय की दिशा में सशक्त किया है।
  2. किशोर ऋण में तीव्र वृद्धि: ₹50,000 से ₹5 लाख के किशोर ऋण की हिस्सेदारी FY16 में 9% थी, जो FY25 में बढ़कर 44.4% होने का अनुमान है।
  3. तरुण श्रेणी की बढ़ती मांग: ₹5 लाख से ₹10 लाख तक के तरुण ऋण की मांग बढ़ रही है।
  4. MSME क्षेत्र में ऋण प्रवाह में वृद्धि: FY14 में MSME क्षेत्र को ₹8.51 ट्रिलियन का ऋण मिला था, जो FY24 में बढ़कर ₹27.25 ट्रिलियन हो गया। FY25 तक इसके ₹30 ट्रिलियन पार करने का अनुमान है।
  5. बैंक क्रेडिट में MSME की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी: कुल बैंक क्रेडिट में MSME की हिस्सेदारी FY14 में 8% थी, जो FY24 में बढ़कर लगभग 20% हो गई है।
  6. ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में विस्तार: इस योजना ने छोटे शहरों और गांवों में वित्तीय पहुंच को सरल बनाया है, पहले व्यवसायों को बैंक ऋण मिलना मुश्किल था।
  7. आत्मनिर्भर भारत को समर्थन: मुद्रा योजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ा है, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिली है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के लाभ:

  1. स्वरोजगार को बढ़ावा
  2. वित्तीय समावेशन
  3. महिलाओं को सशक्त बनाना
  4. बेरोजगारी में कमी
  5. स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहन
  6. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा

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