संदर्भ:
लोक लेखा समिति ने स्वदेश दर्शन योजना के कमजोर कार्यान्वयन को लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की आलोचना की है, जिसमें परियोजना निष्पादन और धन के उपयोग में कमियों को उजागर किया गया है।
लोक लेखा समिति :
- स्थापना: 1921 (भारत की सबसे पुरानी संसदीय समिति)।
- उद्देश्य: भारत सरकार के राजस्व और व्यय का ऑडिट करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक धन का कुशलता और वैध रूप से उपयोग हो रहा है।
- मुख्य कार्य:
- CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की सरकारी व्यय पर ऑडिट रिपोर्ट की जांच करना।
- संसद द्वारा स्वीकृत धनराशि का सही ढंग से उपयोग हो रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करना।
- वित्तीय अनियमितताओं, हानियों और सरकारी खर्च में अक्षमताओं की जांच करना।
- सदस्यता:
- कुल सदस्य: 22 (15 लोकसभा से, 7 राज्यसभा से)।
- अध्यक्ष: लोकसभा का एक सांसद, जो परंपरागत रूप से विपक्ष से होता है।
- कार्यकाल: एक वर्ष।
- मंत्री PAC के सदस्य नहीं हो सकते।
स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan Scheme):
- लॉन्च: 2015 (पर्यटन मंत्रालय द्वारा)।
- उद्देश्य: भारत में सतत और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों का विकास करना और थीम आधारित पर्यटन सर्किट तैयार करना।
- वित्तपोषण: 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित।
- क्रियान्वयन:
- पर्यटन मंत्रालय राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- संचालन और रखरखाव (O&M) संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी होती है।
- मुख्य विशेषताएँ:
- थीम आधारित पर्यटन सर्किट का विकास।
- सड़कों, साइनबोर्ड, पार्किंग और सार्वजनिक सुविधाओं जैसे बुनियादी ढाँचे का विकास।
- इको-पर्यटन और धरोहर संरक्षण के प्रयास।