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आरबीआई अधिशेष हस्तांतरण (RBI Surplus Transfer) – Apni Pathshala

RBI Surplus Transfer

 

संदर्भ:

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने आर्थिक पूंजी रूपरेखा (Economic Capital Framework – ECF) की समीक्षा की, जिसका उद्देश्य जोखिम प्रावधान (Risk Provisioning) और अधिशेष वितरण (Surplus Distribution) का मूल्यांकन करना था।

  • अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024–25 में RBI केंद्र सरकार को ₹2.5 से ₹3 लाख करोड़ तक हस्तांतरित कर सकता है, जो कि वित्त वर्ष 2023–24 में ₹2.11 लाख करोड़ की तुलना में अधिक होगा।

आरबीआई अधिशेष हस्तांतरण: एक परिचय

(RBI Surplus Transfer) अधिशेष हस्तांतरण क्या है?

  • अर्थ: आरबीआई अपने कुल आय से खर्च घटाकर जो शुद्ध लाभ बचता है, उसे केंद्र सरकार को हस्तांतरित करता है।
  • क्या यह डिविडेंड है? इसे डिविडेंड भुगतान नहीं कहा जाता, क्योंकि आरबीआई एक वाणिज्यिक इकाई नहीं है।

आर्थिक पूंजी ढांचा (ECF):

  • क्या है: एक रिस्क प्रावधान और अधिशेष वितरण का मार्गदर्शक ढांचा।
  • उद्देश्य: आरबीआई की पूंजी को उसके जोखिम प्रोफाइल के साथ संरेखित करना।
  • समीक्षा: आरबीआई का केंद्रीय बोर्ड समय-समय पर वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा करता है।

कानूनी ढांचा:

  • धारा 47, आरबीआई अधिनियम 1934: प्रावधानों के बाद शेष अधिशेष को केंद्र सरकार को हस्तांतरित करना अनिवार्य।
  • प्रावधान:
    • खराब और संदिग्ध ऋण
    • परिसंपत्तियों में मूल्यह्रास
    • कर्मचारी लाभ और पेंशन
    • अन्य बैंकिंग आकस्मिकताएँ

आरबीआई आय के स्रोत:

  • वैश्विक निवेश: विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में निवेश (बॉन्ड और ट्रेजरी बिल)।
  • स्थानीय आय: स्थानीय सरकारी प्रतिभूतियों से ब्याज।
  • प्रबंधन शुल्क: सरकारी उधारी को संभालने के लिए।
  • प्रमुख खर्च: मुद्रा छपाई और कर्मचारी वेतन।

 

अधिशेष हस्तांतरण प्रक्रिया:

  • डिविडेंड नहीं: आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों की तरह डिविडेंड नहीं देता।
  • हस्तांतरण समय: वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद, अगस्त में हस्तांतरण।
  • प्रावधान: खर्च और प्रावधानों के बाद शेष अधिशेष का हस्तांतरण।

कर छूट:

  • विशेष कर स्थिति: आरबीआई को आयकर या संपत्ति कर नहीं देना पड़ता।
  • धारा 48, आरबीआई अधिनियम 1934: इस छूट का उल्लेख।
  • लाभ: अधिक लाभ हस्तांतरण में सहायता।

अधिशेष वितरण नीति:

  • कोई स्पष्ट नीति नहीं: हालांकि, 2013 में वाई एच मालेगम समिति ने अधिक हस्तांतरण की सिफारिश की।
  • परिणाम: इसके बाद अधिशेष हस्तांतरण में वृद्धि हुई।

सरकार और आरबीआई का संबंध:

  • विवाद: सरकार का मानना है कि आरबीआई के भंडार वैश्विक मानकों से अधिक हैं।
    • आरबीआई वित्तीय स्थिरता के लिए अधिक भंडार बनाए रखना चाहता है।
  • नतीजा: परस्पर वार्ता और समझौते

अन्य केंद्रीय बैंकों से तुलना:

  • यूके और यूएस:
    • सरकार से चर्चा के बाद हस्तांतरण।
  • जापान:
    • अंतिम निर्णय सरकार का।
  • वैश्विक औसत:

केंद्रीय बैंकों का अधिशेष हस्तांतरण जीडीपी का 0.5%

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