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संदर्भ:
AI गवर्नेंस दिशा-निर्देश विकास पर रिपोर्ट: एक सरकारी पैनल ने भारत के AI मिशन के तहत AI नियमों को लागू करने और भारत के तेजी से बढ़ते AI पारिस्थितिकी तंत्र के प्रभावी शासन को सुनिश्चित करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति के गठन की सिफारिश की है।
AI गवर्नेंस: AI गवर्नेंस का तात्पर्य उन प्रक्रियाओं, मानकों, और दिशानिर्देशों से है जो यह सुनिश्चित करते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रणाली और उपकरण सुरक्षित, नैतिक और निष्पक्ष हों। यह मानवाधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
मुख्य उद्देश्य:
- सुरक्षा: AI सिस्टम को ऐसे डिजाइन और तैनात करना, जो उपयोगकर्ताओं और समाज के लिए कोई खतरा न उत्पन्न करें।
- नैतिकता: AI का विकास और उपयोग नैतिक मानकों के अनुरूप हो।
- निष्पक्षता: AI एल्गोरिदम पूर्वाग्रह मुक्त हों और सभी के लिए समान व्यवहार सुनिश्चित करें।
- मानवाधिकार: AI प्रौद्योगिकी का उपयोग करते समय गोपनीयता, स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा करना।
AI गवर्नेंस पर रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- AI गवर्नेंस के मूल सिद्धांत:
- पारदर्शिता: AI सिस्टम के विकास और उनकी क्षमताओं की प्रासंगिक जानकारी प्रदान की जानी चाहिए।
- जवाबदेही: AI सिस्टम के डेवलपर्स और उपयोगकर्ताओं को उनके प्रभाव के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
- सुरक्षा और विश्वसनीयता: AI सिस्टम को मजबूत, विश्वसनीय और सुरक्षित डिजाइन किया जाना चाहिए।
- गोपनीयता और सुरक्षा: डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- न्याय और गैर–भेदभाव: AI को गैर-भेदभावपूर्ण और समानता को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए।
- मानव–केंद्रित मूल्य: AI को नैतिक सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
- समावेशी नवाचार: AI नवाचार के लाभ समान रूप से वितरित किए जाने चाहिए।
- डिजिटल गवर्नेंस: इन सिद्धांतों को लागू करने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए।
- लाइफ साइकिल दृष्टिकोण:
- नीति-निर्माताओं को AI सिस्टम के विकास, उपयोग, और प्रसार के प्रत्येक चरण में उत्पन्न होने वाले विशिष्ट जोखिमों को संबोधित करना चाहिए।
- “इकोसिस्टम दृष्टिकोण” के तहत AI से जुड़े सभी हितधारकों को शामिल करना चाहिए।
- प्रौद्योगिकी–सक्षम डिजिटल गवर्नेंस: AI गवर्नेंस के लिए एक ऐसा तंत्र प्रस्तावित किया गया है जो डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके इन सिद्धांतों को प्रभावी ढंग से लागू करे।
मुख्य सिफारिशें:
- अंतर–मंत्रालयीय AI समन्वय समिति की स्थापना:
- विभिन्न मंत्रालयों और नियामकों के बीच AI शासन का समन्वय करने के लिए।
- इसमें MeitY, नीति आयोग, RBI, SEBI, और अन्य क्षेत्रीय नियामकों के प्रतिनिधि शामिल हों।
- तकनीकी सचिवालय का गठन: AI समन्वय समिति के लिए एक तकनीकी सलाहकारी निकाय के रूप में कार्य करे।
- तकनीकी–कानूनी उपायों का उपयोग: डीपफेक से निपटने के लिए वॉटरमार्किंग और कंटेंट प्रोवेनेंस जैसी तकनीकी समाधानों का उपयोग करें।
- AI घटना डेटाबेस स्थापित करें:
- वास्तविक AI-संबंधित जोखिमों और हानियों का दस्तावेज़ीकरण करने के लिए।
- सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों से स्वैच्छिक रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करें।
भारत में AI का नियमन:
- डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम, 2023: सरकार ने 2023 में यह अधिनियम पारित किया, जो AI प्लेटफॉर्म से संबंधित गोपनीयता चिंताओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।
- ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI): भारत GPAI का सदस्य है। 2023 का GPAI शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जहां विशेषज्ञों ने जिम्मेदार AI, डेटा गवर्नेंस, कार्य का भविष्य, नवाचार, और वाणिज्यीकरण पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
- राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीति: नीति आयोग द्वारा बनाई गई इस रणनीति में स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, “स्मार्ट” शहरों और बुनियादी ढांचे, तथा स्मार्ट गतिशीलता और परिवर्तन पर अनुसंधान और विकास दिशानिर्देश शामिल हैं।
- जिम्मेदार AI के लिए सिद्धांत: फरवरी 2021 में नीति आयोग ने “जिम्मेदार AI के सिद्धांत” शीर्षक से एक पेपर जारी किया, जिसमें भारत में AI समाधान लागू करने से संबंधित नैतिक विचारों का विवरण दिया गया।